सही निर्णय पर कहानी – Sahi nirnay par kahani in hindi

सही निर्णय पर कहानी – Sahi nirnay par kahani in hindi

एक समय की बात है, एक घने जंगल के अंदर बड़ा-सा तालाब था। उस तालाब में बहुत सारी मछलियां रहती थीं, जिनमें से तीन मछलियां एक-दूसरे की पक्की दोस्ती थीं।

सही निर्णय पर कहानी

इन तीनों का स्वभाव बिलकुल अलग था।

उसमें से दो मछली भाग्य पर भरोसा नहीं करते थे ! एक मछली की सोच अलग थी।

वह हमेशा भाग्य पर भरोसा करती थी।

कभी भी कोई संकट आता था। दो मछली चिन्ता करने लगते ।

तीसरी मछली हमेशा कहती, ” जो भाग्य में लिखा है वह होकर रहेगा।” इसलिए ज्यादा व्यर्थ में चिंता ना करो ।

एक बार अचनाक मछुआरे कहता है,” इस तलाब बहुत सारी मछलियां है। ” कल में जाल लेकर आऊंगा।

मछलिया उस मछुआरे की बात सुन लेती है।

दोनो मछली निर्णय लेती है, ” हम आज ही यहां से चले जाएंगे। “

कल यहां रहना खतरा है।

दोनो तीसरी मछली के पास जाते है, ” उसे भी कहते है, कल हमारे साथ चलो ! यहां मछुआरा कल जाल लेकर आने वाला है।

तीसरी मछली ने कहा, ” जो भाग्य में हो वो हो जायेगा। ” इसलिए मैं आपके साथ नही आ सकती ! मैं डरपोक नही हू मैं निडर हु ।

लाख समझाने के बाद भी तीसरी मछली ने उस दोनो को बात नही मानी।

दूसरे दिन मछुआरे ने जाल बिछाया।वो दोनो मछलियां बच गई और तिसरी मछली जाल में फस गई ।

तीसरी मछली की तड़प तड़प  मृत्यु हो गई।

सही निर्णय पर कहानी – Sahi nirnay par kahani in hindi से सिख

– भाग्य में होगा वो होगा यह कथन सत्य है। लेकिन भाग्य के भरोसे पर जीवन जीना गलत है।

– हमेशा संकट जब दस्तक देता है। उसी समय योजना बनानी चाहीए।

– सच्चे मित्र ( जो परिवार की तरह सोचे ) उनकी बात मन लेनी चाहीए क्योंकि वह हमेशा जो सही है वही सलाह देगे।

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