योजना पर कहानी (Yojna par kahani)

योजना पर कहानी ( Yojna par kahani )

एक बहुत बड़े घर में सैकड़ों चूहे रहते थे। वो अपना पेट भरने के लिए पूरे घर में टहलते थे। सभी चूहे हंसी-खुशी अपना पेट भर लिया करते थे।

उनकी जिंदगी बड़े आराम से कट रही थी। अचानक एक दिन उस घर में शिकार करने के लिए, कहीं से एक बिल्ली आ गई।

योजना पर कहानी

सभी चूहे डर के कारण अपने अपने बिल में जाकर चुप गए।

बिल्ली ने जब देखा कि, ” इतने सारे चूहे! उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने सोचा रोज रात को एक एक चूहे को अपना भोजन बना दुगी।

बिल्ली अपनी योजना में सफल हो गई। जैसा अंधेरा होता वह चूहे को अपना शिकार बनाने में सफल हो जाती।

दहशत इतनी फेल गई थी की सभी चूहे ने बिल से बहार निकलना ही बंद कर दिया।

जब चूहे की संख्या कम होने लगी तो चूहों के झुंड ने मीटिंग बुलाई।

समझदार चूहे में कहा, ” हम बिल्ली के गले में धागा और घंटी बांध देगे।जब भी रात में घंटी की आवाज सुनाई देगी तब हम बिल में चुप जाएंगे।

यह तरकीब सभी को अच्छी लगी। सभी उछल कूद करने लगे।

सभी चूहे के अंदर आत्मविश्वास आया। अब अब निडर थे और बहुत ही खुश थे।

एक बुजुर्ग चूहे ने कहा, ” मूर्खों ! शांत हो जाओ। “

पहले यह बताओ कि बिल्ली के गले में घंटी और धागा कोन बांधेगा ?

सभी चूहे स्तब हो गए । किसी के पास कोई उत्तर नही था। अचानक बिल्ली के आवाज आई और चूहे डर के मारे चुप गए।

बुजुर्ग चूहे ने कहा , ” योजना बनाने से सफलता नहीं मिलती है।”

हमको योजना बनाने के पहले अच्छे से सोच विचार करना होगा।

उसके बाद उस योजना के अनुसार कार्य करना होगा।

योजना पर कहानी ( Yojna par kahani ) से सीख :

हमे योजना पर कहानी ( Yojna par kahani ) से सीख से हमें यह सीख मिलती है की,

– योजना के बेहतर कार्य हेतु सुझाव यह है की हमे योजना बनाने के पहले अच्छे से सोच विचार करना चहिए।

– योजना बनाने के ज्यादा महत्वपूर्ण है की उसके प्रति कार्य करना चाहीए।

– संघ में शक्ति होती है। इसलिए ऐसे विपरीत परिस्थितियों में एक साथ मिलकर एकयुक्त होकर आत्मविश्वास से कार्य करना चाहिए ।

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