लालच पर छोटी कहानी ( LALACH PAR CHOTI KAHANI )
प्रस्तावना –
संतोष से जीवन व्यतीत करने वाला हमेशा खुश रहता है । जो व्यक्ति के मन में लालच आजाता है । वह कभी खुश नहीं रह पाता है ।
शुरू करते है, लालच पर छोटी कहानी ( LALACH PAR CHOTI KAHANI )
एक बहुत बड़े जंगल में एक छोटा सा गांव था।
वहां कुछ कुत्ते रहा करते थे।
उसमें से एक कुत्ता बहुत लालची था। कि बाकी कुत्तों से दोस्ती तो अच्छी थी पर उसकी लालच के कारण सभी उससे दूर रहा करते थे।
जो भी भोजन गांव वाले देते थे वह अकेला ही पूरे भोजन को चढ़ जाता था।
वह कभी भी बाकी को तो को भोजन करने नहीं दिया करता था।
एक दिन उसे पता चला कि जंगल में बहुत सारी हड्डियां है। हड्डियों को खाने के लिए वह अकेला ही दौड़ पड़ा।
बीच में एक तालाब आया । उसके मुंह में पहले से एक हड्डी थी।
तालाब में खुद की ही परछाई देखी।
उसे ऐसे लगा कि एक और कोई कुत्ता है जो हड्डी मुंह में लिया बैठा हुआ है।
लालच के कारण मन में विचार आया कि, ” मैं इस कुत्ते को मार कर वह हड्डी भी छीन लेता हूं।
मेरे पास दो हड्डियां हो जाएगी।
वह पानी में छलांग लगाता है ! छलांग लगाने के बाद उसे पता लगता है कि वह तो उसकी परछाई थी। पानी गहरा होने के कारण वह कुत्ता पानी में डूबता जा रहा था।
उसके पास जो हड्डी से वह भी पानी के बहाव के साथ चली गई । साथ ही साथ वह अपने स्वयं को बचाने के लिए अथक प्रयास करने लगा ।
लालच पर छोटी कहानी ( LALACH PAR CHOTI KAHANI ) से निष्कर्ष:
अधिक लालच मनुष्य को समाप्त कर देता है।
– लालच बुरी बला है।
– लालच अपनों को अपनों से ही दूर करती है।
– हमेशा भोजन शेयर करना चाहिए।