शिक्षाप्रद कहानि इन हिंदी – क्रोध (shikshaprad kahani in hindi)

शिक्षाप्रद कहानि इन हिंदी – क्रोध (shikshaprad kahani in hindi)

एक व्यक्ति एयरपोर्ट से उतरता है और वह टैक्सी लेता है घर जाने के लिए।

वह टैक्सी ड्राइवर बहुत ही सावधानी से टैक्सी चला रहा था।

सामने से एक दूसरी टैक्सी बहुत ही तेज गति आती है और उस टैक्सी से टकराते टकराते रह जाती है।

शिक्षाप्रद कहानि इन हिंदी – क्रोध (shikshaprad kahani in hindi)

तेज गति से चलाने वाला टैक्सी ड्राइवर की गलती होने कर बावजूद वह दूसरे टैक्सी ड्राइवर से ऊंची आवाज में बात करता है।

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वह टैक्सी ड्राइवर मुस्कुराता है और कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देता है।

टैक्सी के अंदर बैठा हुआ युवक आश्रयचकित हो जाता है ! वह टैक्सी वाले को कहता है आपको कितना बुरा भला कहा आपने कुछ क्यो नहीं कहा ?

उल्टा आपको सुनाना चाहिए था ! आपने कुछ भी नहीं कहा और मुस्कुराते हुए उसे जाने दिया ऐसा क्यों ?

टैक्सी ड्राइवर कहता है इस जीवन के भागादौड़ी में सभी लोग उलझे हुए है।

कोई आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

कोई व्यक्ति कुटुंब में चल रहे वाद विवाद के कारण मानसिक तनाव से परेशान है।

उन्हे सही गलत की परिभाषा से कोई फर्क नही पड़ता ! वे सिर्फ अपना अपना क्रोध निकालने का मौका ढूंढते है।

मैं उनकी परेशानी मेरे सिर पर लेकर भागीदार नही बनना चाहता।

इसलिए मैं मुसकुरा देता हु जिससे मेरा दिमाग भी ठंडा रहता है और सामने वाले को उलझने का मोका भी नही देता।


निष्कर्ष :

शिक्षाप्रद कहानि इन हिंदी – क्रोध (shikshaprad kahani in hindi) से सिख मिलती है की, आज हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी कारण से परेशान है।

छोटे सी बात भी बड़े झगड़े का रूप ले लेती है।

इसलिए हो सके उतना छोटे-मोटे वाद विवाद से बचे और अपना जीवन मुस्कुराते हुए जीये।

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