Krodh par kahani in hindi | क्रोध पर कहानी

प्रस्तावना :

वर्तमान समय में लोग अक्सर क्रोध में आकर बिना सोचे समझे बोल देते हैं। किसी के क्रोध का परिणाम उसके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। क्रोध इंसान के विवेक को अशुद्ध कर देता है।

इसलिए, इस कहानी को पढ़ें जो क्रोध पर आधारित है।

 आज इस कहानी के माध्यम से  समझेंगे कि बिना सोचे विचारे नहीं बोलना चाहिए ।

 एक बूढ़ा व्यक्ति खेत में काम करता था । उम्र अधिक हो जाने के कारण वह बहुत ही जल्दी थक जाता था ।

 उस व्यक्ति के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह दिन रात मेहनत करता ।

  एक दिन मन में विचार आया कि अब तो मेरी उम्र हो चुकी है आप मुझे मेहनत नहीं करनी है ।

  मेहनत के प्रति उसकी रूचि दिन-ब-दिन कम होने लगी । 

 दूसरे दिन जब खेत पर जाता है काम करने बिल्कुल मन लगाकर काम नहीं करता ।

तीसरे दिन खेत पर आता है तो आग बबूला होकर कहता है ,”अब मैं जीना नहीं चाहता हूं ।”

इससे अच्छा है कि भगवान मुझे ऊपर बुला दे तो कम से कम मुझे हर रोज मेहनत नहीं करनी पड़ेगी ।

 जैसे ही वह बूढ़ा व्यक्ति भगवान को प्रार्थना करता है कि मुझे नहीं जीना वैसे ही बिजली कड़कने लगती है और तेज धारदार बारिश होती है ।

 यमराज उसके सामने प्रकट हो  जाते हैं ।  यमराज कहता है,” मैं आपको आज लेकर जाऊंगा ।”

 बूढ़ा व्यक्ति  यमराज का विकराल रूप देखकर घबरा जाता है। 

इस बड़े व्यक्ति के हाथ कांपने लगते हैं और वह हाथ जोड़कर यमराज जी से क्षमा याचना करता है कि मुझे माफ कर दीजिए ।

 मैं अपना जीवन जीना चाहता हूं ।  मैं मरना नहीं चाहता हूं। 

मैंने जो भी भगवान से प्रार्थना की थी वह इसलिए की थी क्योंकि मैं मेहनत से बहुत तंग आ चुका था  इसलिए मैं गुस्से में आकर मैंने  भगवान से गलत प्रार्थना  कर ली थी ।

 लेकिन मैं इस बात को समझ गया हूं कि कर्म प्रधान है।  मैं हमेशा अपने निष्ठा से और लगन से काम करूंगा  ।

Krodh par kahani से सीख:

  क्रोध पर कहानी से सीख मिलती है की बिना विचार बोलने का परिणाम बुरा होता है

Krodh par kahani” से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने भावों को नियंत्रित करना आवश्यक है।

क्रोध या गुस्से का अपने व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव होता है जिससे बहुत से बुरे परिणाम हो सकते हैं।

अगर हम अपने भावों को नियंत्रित नहीं करते हैं तो हम बिना सोचे समझे कुछ बोल जाते हैं जो हमें पछताना पड़ता है।

इसलिए हमें समय लेना चाहिए और विचार करना चाहिए कि हम क्या बोलना चाहते हैं और क्यों।

अन्य पढ़े – सही निर्णय पर कहानी

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *