प्रेरणादायक हिंदी कहानि – जुए की लत (Inspirational kahani in hindi)
प्रेरणादायक हिंदी कहानि – आज हमें कैसे मोटिवेशनल स्टोरी आपके सामने लेकर आ रहे हैं !
जिससे आपके जीवन में कोई ऐसी गलत आदत है, जो आप छोड़ नहीं पा रहे हो और वह आपको छोड़ना है तो यह Inspirational kahani सिर्फ और सिर्फ आपके लिए है !
चलो पढ़ते हैं, प्रेरणादायक हिंदी कहानि
एक व्यक्ति को जुआ खेलने की लत लगी हुई थी ! वह हर एक कार्य में अच्छा था पर सिर्फ और सिर्फ एक ही बुरी आदतें थी वह था जुआ खेलना !
जुआ एक मात्र ऐसी बीमारी बन चुकी थी की वह धीरे धीरे धीरे धीरे और भी गलत काम में जाने लगा !
यह सब हरकत देखकर उसके परिवार ने निर्णय लिया इसे महाराज के पास ले चलते हैं, काश इसे वह अच्छे से समझा सकते हैं !
वह व्यक्ति अपने परिवार के साथ उस महाराज के पास जाते हैं और महाराज को अपनी दुविधा बताता हैं कि महाराज समझ जाते है की, जुए की लत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है ?
महाराज उस व्यक्ति को जवाब देता है की, कल इस समय पर आ जाओ मैं एकदम रामबाण इलाज बताता हूं !
परिवार वाले राजी हो जाते हैं और खुशी-खुशी घर जाते हैं और दूसरे दिन का इंतजार करते की कब महाराज के पास जायेगे !
जब दूसरा दिन होता है तो वह उस महाराज के पास जाते हैं !
उस समय महाराज पूरी तरह से पेड़ पर चिपके हुए रहते हैं !
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वह व्यक्ति बोलता है कि महाराज जी हमें इलाज बताओ !
महाराज जवाब देते हैं कि, आप कल आना यह पेड़ मुझे छोड़ नहीं रहा है !
व्यक्ति आश्चर्यचकित हो जाता है फिर भी हमारे से बात सुनकर कर चला जाता है !
तीसरे दिन भी महाराज पेड़ से चिपके हुए रहते हैं और महाराज कहते कि आप चले जाओ यह पेड़ मुझे छोड़ नहीं रहा है कल बात करते हैं !
चौथे दिन और पांचवे दिन भी महाराज जी यही बोलते है !
यह बार-बार जवाब सुनते हुए व्यक्ति आग बबूला हो जाता है और कहता है कि क्यों मजाक कर रहे हो ?
आपने उस पेड़ को पकड़ कर रखा है पेड़ ने आप को नहीं पकड़ा है ! आप छोड़ो वह अपने आप छूट जाएगा !
महाराज जवाब देते हैं कि मैं भी आपको यही समझाना चाहता था !
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निष्कर्ष :
प्रेरणादायक हिंदी कहानि से सिख मिलती है की आज हर एक समस्या का समाधान है ! हम समस्या का निवारण बाहर की दुनिया में ढूंढते फिरते हैं !
आज हम मकड़ी की तरह जाल बनाकर खुद के ही जाल में फंस जाते हैं !
जब भी हमारी कोई भी बुरी आदत हो तो इस बात का विचार करना कि हमारी जो भी आदत है हमने उसे पकड़ रखा है ना कि उस आदत ने हमें पकड़ के रखा है !