भगवद गीता की कहानी | Bhagavad Gita Story in Hindi

Bhagavad Gita Story in Hindi

परिचय:

यह “भगवद गीता की कहानी” की कहानी है, जो आपके जीवन को परिवर्तित कर सकती है। दुनिया हमारे जीवन में दो तरीके से प्रवेश करती है – पहला आँख से और दूसरा कान से।

आंखों से जो भी हम देखते हैं, वह हमारे मन में एक छवि बन जाता है, और कान से जो हम सुनते हैं, उससे भी एक छवि बनती है। यह छवि ही हमारे विचारों को आकार देती है और हमारे जीवन की दिशा को निर्धारित करती है।

उम्मीद है की कि हमारी यह “Bhagavad Gita Story in Hindi ” पढ़कर आप भी भगवत गीता पढ़ने लग जोओगे । चलो शुरूकरते है भगवत गीता स्टोरी इन हिंदी

भगवद गीता की कहानी | Bhagavad Gita Story in Hindi

एक गांव मेँ तेजाराम नामक दादाजी और उनका पोता गणेश साथ रहते थे। तेजा राज बहुत ही आध्यत्मिक थे और गणेश भी उनके जैसा बनना चाहता था।

एक दिन गणेश तेजा राम पास गया और बोला,मैं भी भगवत गीता का अध्यन करता हु पर दिमाग में नही उतर रही। तो भगवद गीता पढ़ने से मेरे लिए क्या फ़ायदा है?”

तब तेजा राम ने एक कोयले की टोकरी पकड़ी थी। वह अपने पोते से बोला, “नदी के किनारे जाओ और मेरे लिए एक टोकरी पानी लेकर आओ।”

तेजा राम के कहने पर, गणेश ने वैसा ही किया। लेकिन जब वह घर लौटा, तो टोकरी से पानी सारा बह चुका था।

तेजा राम मुस्कुराते हुए बोले, “फिर से नदी जाओ और पानी लेने का प्रयास करो, पर इस बार थोड़े तेज़ चलकर आने की कोशिश करो।”

Bhagavad Gita Story in Hindi | Bhagavad gita short story in hindi

गणेश ने दादा की सलाह मान ली और नदी के किनारे तेज़ी से दौड़कर वहाँ पहुँच गया। लेकिन इस बार भी जब वह घर लौटा, तो टोकरी में से पानी कुछ बचा नहीं था।

तेजा राम ने पोते से फिर से कोशिश करने की सलाह दी। पर हर बार रास्ते में टोकरी से पानी बह जाता और टोकरी खाली हो जाती।

गणेश ने कहा, इस टोकरी से पानी लाना असंभव है, मैं आपके लिए बड़े से बर्तन द्वारा पानी ला सकता हु।

तेजा राम ने उत्तर दिया, “मुझे बड़े बर्तन मेँ पानी नहीं चाहिए। मैं चाहता हूँ कि तुम उस कोयले की टोकरी में से ही नदी से पानी लाओ, और इस बार थोड़ी जल्दी में।”

भगवद गीता की कहानी | Bhagavad Gita Story in Hindi

गणेश जानता था कि यह कठिन होगा, पर उसने तेज़ा राम की बात मानी और फिर से कोशिश की। इस बार वह नदी के किनारे दौड़ा, लेकिन फिर भी टोकरी से पानी बह गया।

तेज़ा राम ने उत्तर दिया, “तुम्हें लगता है कि यह असंभव है, पर थोड़े देर के लिए टोकरी को देखो।”

गणेश ने टोकरी की ओर देखा और देखा कि टोकरी अब सारे कोयले के दागों से मुक्त थी। अब कोयले की टोकरी अंदर और बाहर से पूरी तरह साफ हो गई थी।

Bhagavad Gita Story in Hindi से शिक्षा:

बड़े से बड़ा पापी हो या दुराचारी हो, वह भगवत गीता का पढ़े, तो भी वह महान व्यक्ति बन सकता है। श्रीमद भगवत गीता हमारे अंदर के दानव को मारकर मानव बनाता है.

रोज़ थोड़ा-थोड़ा अध्ययन आपके जीवन में ऐसा परिवर्तन ला सकता है जो आप सपनों में भी नहीं सोच सकते। आशा करता हूँ कि Bhagavad Gita Story in Hind के माध्यम से भगवद गीता पढ़ने से क्या लाभ हो सकता है, वह पता चला होगा।

श्रीमद भगवत गीता के बारे मेँ पढ़े

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