बंदर और खरगोश की कहानी | Bandar aur Khargosh ki Kahani

बंदर और खरगोश की कहानी ( प्रस्तावना ):

जब भी समस्या जीवन में आती है.। उस समय बुजुर्ग या अनुभवी व्यक्ति के पास जरूर सलाह लेनी चाहिए।

बन्दर और खरगोश की कहानी से पता चलेगा की सही मार्गदर्शन बहुत ही जरुरी है.

चलो शुरू करते है, बन्दर और खरगोश की कहानी ( Bandar aur Khargosh ki Kahani )

एक जंगल में कई जानवर रहते थे।

वहां एक बुजुर्ग बंदर भी निवास करता था। बंदर बहुत होशियार और चतुर था।

जब भी जंगल में कोई मुसीबत आती, तो सभी जानवर बंदर के पास आकर अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ते थे।

उसी जंगल में एक बिल में एक खरगोश भी बसता था।

एक दिन, खरगोश खाने की तलाश में कुछ दिनों के लिए बाहर गया, जिससे उसका बिल खाली हो गया।

कुछ दिनों बाद, खरगोश वापस आया और देखा कि उसके बिल में एक खरगोशनी रह रही है।

जब खरगोश ने देखा कि खरगोशनी उसके बिल में ठहरी हुई है, तो उसे बहुत गुस्सा आया।

खरगोश ने खरगोशनी से अपना बिल खाली करने के लिए कहा, लेकिन खरगोशनी ने कहा – “मैं यहां कई दिनों से रह रही हूँ और अब इस बिल का मेरे पर अधिकार है। मैं इसे किसी भी स्थिति में खाली नहीं करूंगी।”

खरगोश ने इसके परिणामस्वरूप कहा – “तुम तो अभी हाल ही में इस बिल में रहने आई हो।

मैं यहां कई वर्षों से रह रहा हूँ, और तुम मेरे बिल पर कब्जा करना चाहती हो? मैं तुम्हें ऐसा करने नहीं दूंगा।”

इसके बाद दोनों के बीच में विवाद उठा और समस्या का कोई समाधान नहीं निकला।

खरगोश और खरगोशनी ने इस मुद्दे पर बूढ़े बंदर के पास जाकर अपनी समस्या बताई। बू

ढ़ा बंदर ने दोनों को समझाने की कोशिश की । लेकिन दोनों अपनी बात से टस से मस नहीं हुए।

दोनों खरगोश और खरगोशनी बिल खाली करने के लिए तैयार नहीं थे।

इस पर बूढ़े बंदर ने कहा – “मैं बहुत समय से तुम्हारी बातें सुन रहा हूँ, और मेरे विचार से तुम दोनों में कोई भी इस बिल को खाली नहीं करेगा।

अब तुम दोनों बड़े हो गए हो । तुम्हारी शादी की उम्र भी हो गई है।

मेरे विचार से तुम दोनों के स्वभाव भी आपस में मिलते हैं, इसलिए तुम दोनों को आपस में शादी कर लेनी चाहिए।

इससे तुम दोनों को बिल खाली नहीं करना पड़ेगा, और दोनों को इस बिल का दावा भी नहीं छोड़ना पड़ेगा।”

खरगोश और खरगोशनी दोनों को बंदर की बात पसंद आई, और वे दोनों ने आपस में शादी कर ली।

दोनों की शादी में जंगल के सभी जानवर आए।

इस प्रकार खरगोश और खरगोशनी एक साथ खुशी-खुशी उसी बिल में रहने लगे।

बन्दर और खरगोश की कहानी से सिख : ( Bandar aur Khargosh ki Kahani )

झगड़ा ही समस्या का निवारण नहीं होता है.
सोच समझकर विचार करने पर ही समस्या का समाधान मिल सकता है.

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