Bacho ki kahaniya | बेस्ट बच्चों की कहानियां

Bacho ki kahani बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी है।

बच्चों की नई कहानियां से बच्चों को नैतिक शिक्षा प्राप्त होती है।

यह कहानियां पंचतंत्र की प्रसिद्ध कहानियो का संग्रह है ।

आशा करता हु की, बच्चो की कहानियां जरूर पसंद आयेगी।

Bacho ki Kahaniya ( 4 बच्चों की कहानियां ) – चार मित्रो की कहानी

छोटे बच्चों की कहानी प्रस्तावना –

भगवान ने संसार में अनेक जीव बनाए हैं।

सिर्फ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा जीव है जिसको बुद्धि प्राप्त हुई है।

इसलिए हर एक परिस्थिति में अपनी बुद्धि का प्रयोग कीजिए और सही निर्णय लीजिए।

अगर आपने अपनी बुद्धि का सही प्रयोग नहीं किया तो आपके जीवन मैं आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

sher bacho ki kahaniya

बहुत समय पहले की बात है छोटे से गांव में चार परम मित्र रहा करते थे।

चारों ने निर्णय लिया कि वह शहर में जाकर भरपूर धन कमाने का अवसर प्राप्त होगा।

चारों मित्रों शहर के लिए रवाना हो गए। 3 मित्र काफी विद्या धारी थे । उन्हें अपने विद्या पर बहुत ही अभिमान था।

इन्होंने सोचा कि हम हमारी विद्या से कुछ न कुछ शहर में धन प्राप्त कर ही लेंगे।

पर यह जो चौथा मित्र है इसे तो विद्या भी नहीं आती है।

जब यह बात चौथे मित्र को पता चलती है । वह कहता है कि “मैं आपके कार्य में सहयोग करूंगा । “

धन का जो बटवारा होगा वह सभी में समान रूप से होगा।

तीनों मित्र चौथे मित्र को कहते हैं, ” तुझे विद्या नहीं आती है।”

हम बहुत ही बड़े विद्या धारी हैं चलो हम विद्या की एक झलक दिखाते हैं।

यह तीनों अभिमानी मित्र अपने विद्या को दिखाने के लिए बड़े आतुर थे।

एक मरा हुआ शेर बीच रास्ते में कंकाल के स्वरूप में पढ़ा हुआ था।

जिन्होंने अपना चमत्कार उस मरे हुए शेर पर करने का निश्चय किया

चौथा मित्र तुरंत ही पेड़ पर चढ़ गया और कहा कि आप उससे पर अपने विद्या का प्रयोग ना कीजिए यह जानलेवा हो सकता है।

उन तीनों का अपने विद्या पर इतना अभिमान था कि उसने चौथे मित्र की बात माने ही नहीं ।

पहले मित्र ने विद्या से उस कंकाल को शेर की खाल में परिवर्तित कर दिया।

दूसरे मित्रों ने विद्या से शेर की आंखें और अन्य अंग तैयार कर दिए।

तीसरे मित्र ने उस शेर में जान डाल दी।

तीनों मित्र ने अभिमान से चौथे मित्रों को कहा, देखा, चमत्कार “हम सभी विद्या धारी हैं” इसलिए धन का बंटवारा समान रूप से नहीं हो सकता।

जैसे ही शेर जीवित हुआ उनकी नजर इन तीनों पर पड़ी। शेर ने तुरंत ही तीनों को अपने भोजन का शिकार बना लिया ।

चौथा मित्र पेड़ पर चढ़ने के कारण और स्वयं का बचाव कर पाया।

Bacho ki Kahaniya (बच्चों की कहानी)

अभिमान इंसान का विनाश करता है।

बिना सोचे समझे कोई भी कार्य ना कीजिए।

Bachon ki kahani – बेवकूफ गधा प्रसाद

छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां प्रस्तावना –

राज के बात किसी से भी नहीं बतानी चाहिए भले ही आपका प्रिय मित्र हो

जिसका मुख्य कारण है की, आप जब राज की बात बताओगे तो आपको कोई लाभ नहीं होगा

लेकिन, राज की बताने से हानि हो सकती है

Panchatantra bacho ki kahani

एक समय की बात है ! एक गधा और सियार अच्छे मित्र थे

सियार हट्टा कट्टा और शरीर से हस्त पुष्ट था ! क्योंकि रोज एक बाग में जाकर हरी भरी सब्जियां और फल खाया करता था

गधा बहुत कमजोर था क्योंकि वह उसका सेठ मूलचंद उसे खाने भरपेट नहीं देता था ! क्योंकि मूलचंद भाई बहुत ही कंजूस था

सियार ने कहा, ” तुम बहुत कमजोर हो ” आपको में एक बाग में ले चलता हूं ! वहाँ जी भरकर खाना प्राप्त होगा

गधा खुशी के मारे उछलने लगा

Gadha भी धीरे – धीरे शरीर से तंदुरुस्त होने लगा

गधा इतना खुश था की वह जोर जोर ने गाना गाने लगा ढेंचू  ढेंचू

सियार ने समझाया, ” अरे ! बंद कर तेरी पीपुड़ी

” अगर इस बाग का रखवाला शेर है। अगर उसने सुन लिया तो हमारा खाना पीना बंद हो जाएगा।

गधा इतना खुश था की वह गाना गाता ही रहा

Siyar की बातों को बहुत ही हल्के में ले लिया

सियार को भनक लग गई की अब यह नहीं मानेगा।

Siyar मौका देखकर फरार हो गया

शेर ने जब  ढेंचू — ढेंचू सुना।

उसने तुरंत गधे को एक ही जपेटे में बेहोश कर दिया।

उस दिन से बाग के चारों और अंदर आने के ली पाबंदी लगा दी

जिसके कारण सियार और गधे ने फिर से काफी कोशिश करी पर अंदर जाने में असमर्थ रहे

( bacchon ki kahaniyan acchi acchi ) से सिख –

– जब भी कोई चेतावनी देकर समझाए तो बात मान लेनी चाहिए

–  खुश रहना अच्छी बात है पर अत्यधिक खुश होकर बावरा होना आपके लिए हानिकर सिद्ध हो सकता है

bachon ki kahaniya in hindi – बूढ़ा धनी व्यक्ति और सूंदर कन्या

bachon ki kahaniya प्रस्तावना –

जो व्यक्ति ईमानदार है ! वह अपना जीवन आनंद से व्यतीत करता है

जीवन में जो भी भगवान की दया से मिला है

उसे कृतज्ञता पूर्वक स्वीकार कीजिए

उसका सम्मान कीजिए

buddha vyakti bacho ki kahani

एक समय की बात है प्रताब सिंह नाम का एक बूढ़ा धनी व्यक्ति था !

उसके पास बहुत सारा धन था

उसने एक सुंदर कन्या से के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा

कन्या उसके धन से मोहित होकर विवाह के लिए राजी हो  गई

कुछ वर्ष बाद, कन्या विचार करने लगी, “मेरा पति अधिक बूढ़ा है

”  इसके पास सिर्फ धन ही है

मेरी उम्र बहुत कम है अभी तक तो मेरा जीवन मेरे आंखों के सामने है

मेरे पति के उम्र अधिक होने के कारण उसे परदेश घूमने की चाहत भी नहीं है

मुझे कोई ऐसा हमसफर चाहिए जो मुझे गांव से कही दूर ले जाए

इसी प्रकार के विचार करने के बाद वह उसके इच्छानुसार  हमसफर की तलाश करने लग गई

एक गांव के चतुर व्यक्ति को इस बात की भनक पड़ गई

उसकी नजर उस कन्या के पति के पास जो धन था उस पर थी

उसी लालच से वह उस सुंदर कन्या का बहुत देख भाल करने लगा

उसे बड़े बड़े सपने दिखाने लगा ! उसे कहने लगा, ” मैं आपकी हर एक इच्छा पूरी करुगा

वह कन्या की झूठी झूठी तारीफ करने लगा।

कन्या ने ठान लिया की, ” वह पूरा जीवन उसके साथ व्यक्ति करेगी  

उस लालची ने कहा, कल नदी के किनारे धन से भरा ठेला और सोने की पोटलियाँ ले आना।

कन्या ने बिना सोचे समझे पति का पूरा धन इकट्ठा कर के नदी किनारे पहुंची

लोभी ने कहा, ” यह धन मुझे दे दीजिए ” मैं नदी के उस पार रख लेता हु

यह कहकर वह नदी के सहारे कही दूर गांव में चला गया !

वह सुंदर कन्या ने बहुत समय इंतजार किया ! अंत में समझ गई की वह बहुत बड़ा ठग निकला !

कन्या के पास रोने के अलावा कोई चारा नहीं था !

वह अपने स्वयं के नजरों से गिर गई !

उसने ठान लिया की बाकी का जीवन, उसी बुजुर्ग के साथ प्रेम से व्यतीत करेगी !

Bacchon ki kahani hindi mein कहानी से सिख –

जो भी हमारे जीवन में उसका आदर कीजिए!

– ज्यादा सुख भोगने ले लालसा हमारे जीवन को अंधकार बना सकती है!

Bacho ki Kahaniya – चुहिया का स्वयंवर

प्रस्तावना –

स्वभाव ही मनुष्य का चरित्र निर्धारित करता है!

इसलिए आप हमेशा अच्छे किताबें पढ़े, अच्छे आध्यात्मिक विचार वाले , सकारात्मक विचार वाले मित्र बनाएं !

जिससे परिणाम स्वरूप आपके स्वभाव पर अच्छा परिणाम होगा !

गंगा नदी के तट पर एक धर्मशाला थी। वहां एक गुरु जी रहा करते थे।

वह दिन भर तप और ध्यान में लीन होकर अपना जीवन यापन करते थे।

एक पावन नदी के पास एक साधु महाराज रहते थे ! वह पूरे दिन प्रभु के भक्ति में लीन होते थे !

जब साधु महाराज ध्यान में एकाग्र थे उसी समय एक चील चुहिया को पंजों से झकड़कर आसमान की और ले जा रहा था !

पढ़े – लोमड़ी की कहानी

चुहिया के बिलखने से साधु के नजर उस पर पड़ी !

साधु ने अपने दिव्य शक्ति से उस चुहिया को उस चील के जुंगल से उसने अपने पास बुला लिया !

चुहिया कि बुरी दशा देखकर साधु ने उसे एक छोटी सुंदर कन्या के रूप में परिवर्तित कर दिया !

साधु महाराज ने कहा, ” आज से आप मेरी सुपूत्री हो !

” उसका साधु पालन पोषण करके उसे बड़ा करते है और जब शादी के योग्य हो जाती है तो स्वयंवर रचते ह

साधु महाराज सूर्यदेव का प्रस्ताव कन्या के सामने रखते है !

कन्या कहती है, ” पिता श्री ! सूर्यदेव बहुत उग्र स्वभाव व गर्म रहते है !

इसलिए में विवाह नहीं कर सकती !

साधु महाराज बादल का प्रस्ताव कन्या के सामने रखते है और कहते है.

” बादल सूर्यदेव से ज्यादा शक्तिशाली है क्योंकि वह सूर्यदेव के तेज प्रकाश को आसानी से ढक देता है !

कन्या कहती है, ” पिता श्री ! बादल बहुत ही जोर से गर्जना करता है ! ” वह हमेशा अपना स्वरूप बदलता है!

इसलिए मैं शादी नहीं कर सकती !

साधु महाराज वायु देव का प्रस्ताव कन्या के सामने रखते है

कन्या कहती है, ” पिता श्री ! मुझे इस बात का ज्ञात है की वायूदेव बादल से बहुत ज्यादा शक्तिशाली है पर वायुदेव बहुत तेज है !

वह कभी भी एक दिशा में नहीं रहते है ! 

इसलिए मैं ऐसे दिशाहीन व्यक्ति के साथ नहीं रह सकती !

साधु महाराज विशाल पहाड़ का प्रस्ताव रखते है और कहते है, ” वायदेव को आसानी से पहाड़ रोक सकता है और यह अपनी दिशा कभी नही बदलेगा !

कन्या कहती है पिता श्री ! पहाड़ राजा तो बहुत कठोर है !

इसलिए यह मेरे विवाह के योग्य वर बिलकुल भी नहीं है !

साधु मूषक ( चूहा ) का प्रस्ताव रखते है और कहते है, ” यह मूषक पहाड़ों पर आसानी से छेड़ कर सकता है.

इसलिए यह पहाड़ से भी अधिक विशाल है और बिलकुल भी कठोर नहीं है !

कन्या कहती है, ” पिता श्री ! प्रणाममेरे योग्य वर ढूंढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!!

साधु बहुत ही प्रसन्न होता है और उस सुंदर कन्या को एक छोटी सी चुहिया के रूप में परिवर्तित करता है !

इस प्रकार उस कन्या का स्वयंवर सफलता पूर्वक संपन्न होता है !

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– जो मूल स्वभाव है वह कभी नहीं बदलता है !

Bacho ki Kahaniya – पालतू बंदर और मक्खी

प्रस्तावना –

– मुर्ख व्यक्ति को ऐसा कोई कार्य न दे जिससे भविष्य में आपको आगे परेशानियों का बोझ उठाना पढ़े!

– अपने आस पास के लोगों को जानना सीखे !

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एक राजा के पास एक पालतू बंदर था ! वह बहुत वफादार था ! राजा की दिन रात सेवा करता था पर सिर्फ वह बुद्धि से मुर्ख था !

राजा जब सोते तो,

– पंखे से हवा देता

– रात भर राजा की देखभाल करता

– राजा के हमेशा आस पास रहता

एक दिन एक मक्खी राजा के आस पास मंडराती है !

बन्दर उसे बहुत कोशिश करता है उसे भगाने की ! मक्खी जाने का नाम ही नहीं लेती ! वह राजा के ऊपर बैठ जाती बार बार !

बंदर परेशान होकर एक तलवार निकालता है, मक्खी को मारने के लिए !

जैसे मक्खी राजा के सिर के बाल पर जैसे मक्खी बैठी वैसे ही सर पर तलवार चलाई !

राजा के सिर के बाल कट गए !

पढ़े – लोमड़ी की कहानी

मक्खी राजा के मूँछ पर बैठी तो मुर्ख बंदर ने तलवार से राजा को मूँछ काट दी !

जैसे मक्खी राजा के छाती पर बैठी तो मुर्ख बंदर राजा के छाती पर बैठ गया और तलवार से जैसे ही वार करने गया तो राजा की आँखें खुली और घबरा गया !

अपनी जान बचाकर राजा वहाँ से तुरंत फरार हो गया !

Bacho ki kahaniyo से सिख –

– मुर्ख व्यक्ति कितना भी समझदार, मेहनती हो एक न एक दिन अपने मूर्खता का प्रमाण दे देता है!

इसलिए कोई भी कार्य आंख बन करके किसी को भी न दे ! उसका खामियाजा आगे भुगतान पड़ सकता है ! 

चौकी कहानियां – सद्बुद्धि और कुबुद्धि,

एक अंगराज नगर में सद्बुद्धि और कुबुद्धि रहा करते थे !

दोनों प्रिय मित्र थे ! दोनों ने मिलकर एक व्यवसाय शुरू किया और बहुत धन कमाया

chote bacho ki kahaniya

एक दिन कुबुद्धि के मन में विचार आया की,” सुबुद्धि भोला  है !”

इसका धन मैं आसानी से हड़प सकता हु !

वह सद्बुद्धि को कहता है, ” मित्र! आप अपने धन को पास में स्थित बरगद के पेड़ के नीचे छुपाकर रखो।  मैं भी ऐसा ही कर रहा हु !

सद्बुद्धि को कुबुद्धि पर विश्वास था !

इसलिए तुरंत बात मान गया !

एक दिन सद्बुद्धि को धन की आवश्यकता पड़ती है !

वह कुबुद्धि के साथ उस बरगद के पेड़ के नीचे खुदाई करता है तो उसे वहाँ कुछ नहीं मिलता है !

कुबुद्धि जोर से शोर करता है, ” मेरा धन सद्बुद्धि ने चुरा लिया ! “

राजा के पास यह शिकायत जाती है !

राजा उस बरगद के पेड़ पर जाकर कहता है, ” यहां से धन किसने चुराया है ? सच बताओ !

अगर नहीं बताया तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा !

राजा फिर से कहता है,” यहां से धन किसने चुराया है ? सच बताओ !

अगर नहीं बताया तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा ! 

कुबुद्धि जोर के एक वृक्ष के पीछे छुपकर कहता है ! ” यह चोरों सद्बुद्धि ने की है !

राजा जैसे ही आवाज सुनता है वह आक्रमण करता है !

कुबुद्धि की मौत हो जाती है !

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जो व्यक्ति दूसरों का बुरा सोचता है उसका स्वयं बुरा हो जाता है !

कुबुद्धि यह कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार धारा है ! इसलिए हमें कुबुद्धि जैसे विचार से हमें दूर रहना चहिए !

Bacho ki Kahaniyaशातिर बगुला

एक तालाब के किनारे बगुला रहता था ! बगुला बहुत बड़ा आलसी टट्टू था !

वह अपने आलस के कारण उसे कही दिनों तक भूखा रहना पड़ता था !

भुखमरी से बगुला बहुत कमजोर होने लगा ! उसने सोचा की अगर मैं इसी तरह आलसी बन गया,  मैं भूख से मर जाऊंगा ! “

वह योजना बनाता है , तालाब के किनारे जोर जोर से रोता और कहता है, ” साथियों ! सावधान, सावधान!

bagula ki kahani

यह तालाब कुछ महीनों में सूखने वाला है !

आपको मैं सचेत करता हु की, यहां से थोड़े ही दूरी पर एक मीठा जलाशय है !

वह कभी नहीं सुखा पड़ेगा क्योंकि वह बहुत गहरा और विशाल है !

केकड़ा बगुले के बातों में आता है ! वह एक एक जीव को समझाकर बगुले के साथ नए जलाशय में जाने को कहता है !

बगुला एक एक जीव को पाने पीठ पर बीठकर थोड़ी देर ले चलता है और उसे मारकर अपना पेट भरता है !

बगुला अपनी योजना में सफल हो गया ! कही दिनों तक यह कारवां चलाता रहा !

केकड़े ने कहा, बगुला भाई, मेरे साथीदार ठीक तो है ना ?

मुझे भी ले चलो आप, “उस मीठे जलाशय में ! ” शातिर बगुला उसे भी पीठ पर बिठाकर ले चलता है !

बगुला कहता है की यह इतनी सारी हड्डियां किसकी है ?

चतुर बगुला जोर जोर ठहाके लगाता है !

केकड़ा समझ जाता है की इसने हमें मुर्ख बनाया है क्योंकि यह अपना पेट भर सके !

केकड़ा आग बबूला होकर बगुले को काट देता है ! जिससे बगुले की तुरंत मृत्यु हो जाती है !

Bacho ki kahaniyo से सिख –

बुरा करने वालो का अंत बुरा ही होता है!

–  किसी को भोली बातों में नहीं आना चाहिए!

–  कोई भी बात पर विश्वास न कीजिए जब तक आप उसे आप आंखों से नहीं देखे !

–  कोई भी कार्य करने के पहले उसकी जांच पड़ताल करना जरूरी है!

Bacho ki Kahaniyaदो बकरियो

यह कहानी दो बकरियो की है।

वह दोनों जंगल में घूमते रहते थे ! वहाँ एक छोटा सा बीच में आ जाता था !

इस पुल में इतनी ही जगह थी कि एक ही बकरी जा सकती है !

एक दिन दोनों बकरिया सामने सामने आ गई ! वह दोनों को जल्दी जाने के लिए तत्पर थे !

पहली बकरी ने कहा, ” मुझे पुल से पहले जाने दो!”

दूसरी बकरी ने कहा, ” मुझे पुल से पहले जाने दो !”

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दोनों में महाभारत शुरू हो गया! दोनों ने एक दूसरे से लड़ाई करना शुरू कर दिया !

दोनो में घमासान युद्ध हो गया ! वह दोनों झगडे में भूल ही गए की पुल बहुत ही छोटा सा है !

उनका झगड़ा इतना बड़ गया की दोनों गहरी नदी में जा गिरे !

पानी की गहराई इतनी थी कि दोनों नदी को पानी में डूबने से मृत्यु हो गई !

Bacho ki kahaniyo से सिख –

– झगड़ा करने से हमारा ही नुकसान है ! इसलिए शांत दिमाग से काम कीजिए !

– झगड़ा करना यह कोई भी समस्या का समाधान नहीं है !

पढ़े – लोमड़ी की कहानी

Bacho ki Kahaniyaमेंढक और चूहा की कहानी | Frog And Mouse Story In Hindi

एक जलाशय में एक मेंढक रहा करता था ! उसे एक मित्र की तलाश थी ! जो उससे बात करें !

वह एक दिन जलाशय के बाहर आकर निराश बैठा हुआ था !

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उसी समय उसे एक चूहा दिखा ! उसने सामने से दोस्ती का हाथ बढ़ाया !

मेंढक ने चूहा को कहा, ” आप मेरे मित्र बनोगे ! मुझे एक मित्र की बहुत आवश्यकता है ! “

मैं अकेले रहकर जिंदगी से कंटाल गया हु !

चूहा को उसपर दया आ गई ! उसने मित्रता का हाथ बढ़ाया !

दोनों साथ खेलने खुदने लगे !

रोज भोजन भी साथ करते !

पूरे दिन कहानिया सुनाते रहते एक दूसरे को !

मेंढक चूहा के बिल में जाकर बहुत मस्ती करता !

एक दिन मेंढक के मन में विचार आता है की चूहा को भी अपने घर जलाशय में ले जाने की योजना बनाता है !

वह नींद में एक रस्सी चूहा के पैर में बांधकर और स्वयं के पैर में भी एक रस्सी से बांधता है !

मेंढक जोर से पानी में छलांग लगाता है इसके साथ चूहा भी पानी में पहुंच जाता है !

चूहा को बेरहमी से मृत्यु हो जाती है ! चूहा का शव जैसे भी पानी के उपरी सतह पर आता है !

एक बाज की नज़र उसपर गिरती है ! वह तुरंत चूहा को मुंह में पकड़कर आसमान में उड़ता है !

मृत चूहा के साथ साथ मेंढक भी आसमान में जा पहुंच जाता है !

दुष्ट मेंढक को पहले तो पता ही नही चलता की क्या हो रहा है !

थोड़े समय बाद उसकी नजर  चूहा, रस्सी और बाज पर नजर पड़ती है ! वह भगवान से प्राथना करता है !

प्रभु, ” बचा लो !”

बाज कुछ ही क्षण में मेंढक को अपने भोजन का शिकार बना लेता है !

मेंढक और चूहा की कहानी Bacho ki kahaniya से सिख –

– मित्रता यह बोलने से नहीं बल्कि मन के मिलने से बनती है !

जबरदस्ती कोई मित्रता का हाथ बड़ाए तो उससे बचना चाहिए !

– मुर्ख मित्र से दूरी बनाए रखे !

– जैसे करनी वैसे भरनी इसलिए कभी किसी के प्रति गलत योजना नही बनानी चाहिए ! 

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1 Response

  1. Mayank Pal says:

    Very intresting story and your Blog is also very impressive keep it up !!
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