बच्चों की ज्ञानवर्धक कहानी – मंदिर का आकर्षित घंटा ( bacho ki gyanvardhak kahani )
1) बच्चों की ज्ञानवर्धक कहानी – मंदिर का आकर्षित घंटा ( bacho ki gyanvardhak kahani )
एक बहुत ही पुराना मंदिर था ! गांव वाले उस मंदिर को की बहुत श्रद्धा से पूजा करते थे !
वह एक बहुत ही आकर्षित मंदिर का घंटा था !
एक चोर ने वह घंटा चोरी करके जंगल की और भागने लगा !
वह जंगल में बहुत ही खतरनाक शेर था उसने उस चोर को देखते ही मार दिया !
संयोगवश, बंदर की नजर मंदिर के घंटे पर पड़ी !
वह जोर जोर से मंदिर के घंटे को बजाने लगा !
जब गांव वालो ने आवाज सुनी तो वह घबरा गए और सोचने लगे की किसी बुरी आत्मा ने घंटे को चुराया है !
उसी गांव में एक सज्जन पुरुष था ! उसे पता था की भूत प्रेत यह सब अंधविश्वास है !
इसलिए सत्य को जानने के लिए आवाज़ की दिशा में चल पड़ा !
वहा उसने पाया कि एक बंदर की यह करामत है !
उस सज्जन व्यक्ति ने मुंगफलिया उसके सामने फेकी तो बंदर तुरंत खाने लगा !
उन व्यक्ति ने तुरंत मंदिर के घंटे को उठाया और भागते हुए गांव वालो को पूरी कहानी बताई !
निष्कर्ष :
बच्चों की ज्ञानवर्धक कहानी ( bacho ki gyanvardhak kahani ) से सिख मिलती है की, हमे सत्य के जाने बिना, किसी भी निष्कर्ष पर नही आना चाहीए !
2) छोटे बच्चों की कहानी – दृस्ट साँप ( bacho ki gyanvardhak kahani )
सर्दियों का मौसम था ! बहुत ही कड़क ठंड थी ! ठंड के बचाव के लिए जीव जंतु अपने घरों में चुप कर बैठे थे !
एक दिन मजदूर शाम को घर आ रहा था ! उसने साप को अधमरा पाया !
मजदूर ने विचार किया की यह ठंड के कारण उसकी ऐसी हालत हुए है !
वह अपने ठेले में साप को रख लेता है और सोचता है की, जहा धूप नही होगी वहा उसको रख लेता हु
ठेले से साप को गर्मी महसूस होती है ! कुछ घंटो में साप पूरी तरह होश में आ जाता है !
उसे ऐसे लगता है की, “कोई मुझे पकड़कर कही मारने ले जा रहा है!”
क्रोध में आकर, ठेले से साप बाहर आता है और निस्वार्थ मजदूर को डस लेता है !
निष्कर्ष :
बच्चों की ज्ञानवर्धक कहानी ( bacho ki gyanvardhak kahani ) से सिख मिलती है की, दुष्ट लोग कभी भी अपनी दुष्ट हरकत नही छोड़ते है !
आप भले ही कितने भी अच्छे क्यू ना हो, वे अपनी दुष्ट स्वभाव का प्रदर्शन जरूर करेगे !
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