बच्चों की मनपसंद कहानि – सुनो सबकी पर, करो मन की ( Baccho ki manpasand kahani )
1) बच्चों की मनपसंद कहानि ( Baccho ki manpasand kahani ) – सुनो सबकी पर, करो मन की
एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने बेटे के साथ बाजार की ओर जा रहा था उनके साथ एक गधा भी मौजूद था !
सड़क पर कुछ लोगो ने देखा और जोर जोर से हंसने लगे,” इन पागलों को देखो गधे होते हुए भी चल कर जा रहे है !
यह सुनते ही बुजुर्ग ने अपने बेटे को गधे पर बिठा लिया और खुद चलकर जाने लगा !
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जब थोड़े दुर चले तो उनको एक व्यक्ति ने जोर से चिल्लकर कर कहा, ” आज कल पर लड़के थोड़ी भी मेहनत नहीं करना चाहते ! पिता चल रहे है और बेटा मजे से गधे पर सवार हो रहा है !
यह सुनकर बुजुर्ग स्वयम गधे पर बैठ गया और बेटा चलकर जाने लगा !
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थोड़ी देर बार, एक अजनबी व्यक्ति ने कहा, ” यह बुजुर्ग व्यक्ति बहुत ही कठोर है ! वह उसके बच्चे को भी तो साथ ले जा सकता है!
अब की बात बालक और पिता दोनो गधे पर जाने लगे !
गधा बहुत ही कमजोर था ! वह दोनो का वजन सहन नही कर पाया ! उसके थोड़े मिनटों में ही दम तोड दिया !
निष्कर्ष :
बच्चों की मनपसंद कहानि ( Baccho ki manpasand kahani )से सिख मिलती है कि, सुनो सबकी पर, करो मन की ! आप विश्लेषण करे और आप को जो उचित लगे वही कीजिए !
2) बच्चों की मनपसंद कहानि – बुरे संगत का नतीजा
एक किसान अपनी फ़सल को बड़े मुश्किल से बड़ा किया था ! कुछ तोते के झुंड ने मिलिकर फसल को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचा !
किसान उनकी हरकतों से परेशान होकर एक दिन जाल में सभी तोते को पकड़ लिया !
उसमें एक कोआ भी फस गया !
जाल में फसते ही वह रोने लगा, ” मुझे छोड़ दो, मैने कुछ नही किया ! मुझे माफ कर दो ! मैं कभी भी आपके फसल के तरफ नही आऊंगा !
किसान बोला,” मैं जानता हूं, की तुमने मेरे फसल का कोई नुकसान नहीं किया है !
परंतु, तुम तोते के साथ मोजूद थे ! तुम भी तोते के साथ ही पकड़े गए हो !
इसलिए आप भी सजा के हकदार हो !
निष्कर्ष :
बच्चों की मनपसंद कहानि (Baccho ki manpasand kahani ) से सिख मिलती है कि, बुरे लोगो से दूर रहे ! बुरे संगत का नतीजा बुरा ही होता है ! इसलिए सही लोगो के साथ रहिए !
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