बच्चो की प्रेरणादायक प्रेरक कहानि- दुष्ट लोमड़ी ( baccho ki prenadayak prerak kahani )

बच्चो की प्रेरणादायक प्रेरक कहानि- दुष्ट लोमड़ी ( baccho ki prenadayak prerak kahani )

एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी ! वो शिकार करने में बहुत माहिर थी ! 

एक दिन कोई बड़ा शिकार हाथ लगा ! उसके हाथ लगे शिकार को हड़बड़ी से खाने के कारण हड्डी गले में फस गई ! 

दर्द से चिल्लाते हुए कहा, ” कोई मेरे मदत करो! 

एक सारस को उसकी हालत देखते हुए बहुत दया आई !

बच्चो की प्रेरणादायक प्रेरक कहानि

उसने लोमड़ी से बोला, ” आप अपना मुंह खोलो, सारस ने बड़ी चोंच से गले में फसी हड्डी निकाल दी !
लोमड़ी ने चैन की सास ली ! 

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सारस ने मजाक में कहा, ” आपकी गले में फसी हड्डी निकाल दी इसलिए मुझे कुछ तो इनाम दीजिए !

लोमड़ी आगबबूला हुई,” तेरी हिम्मत की हुई, इनाम मांगने की, तू नही तो कोई और कर लेता मेरी मदत !

तुम्हारी चोंच मेरे मुंह के अंदर थी मन तो कर रहा था की खा लूं ! 

पर हड्डी से गले में दर्द ज्यादा था इसलिए नही खाया ! 

मेरा इरादा बदल जाए उसके पहले मेरे नजरो से दफा हो जाओ !

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निष्कर्ष :


बच्चो की प्रेरणादायक प्रेरक कहानि ( baccho ki prenadayak prerak kahani ) से सिख मिलती है की दुष्ट इंसान की कितनी भी सहायता कर लो वे एहसान नहीं मानते !

बच्चो की प्रेरणादायक प्रेरक कहानि – भोला बंदर 


एक बार जंगल में चुनाव आयोजित किया गया !

जहां जंगल में राजा किसे बनाया जाए !

इसलिए काफी सोच विचार के लिए सभी जानवर इकट्ठा हुए !

बच्चो की प्रेरक कहानि

बंधन अपनी प्रतिभा दिखाई और खूब नाचा और सबकी को आश्वासन दिया की हम जंगल को सुनहरा बनायेगे इसी तरह सभी का दिल जीत लिया !

बंदर को राजा घोषित कर दिया !

लोमड़ी को कदाचित भी अच्छा नहीं लगा की बंदर को जंगल का राजा बना दिया !

लोमड़ी ने चाल चली, ” वह बंदर के पास गई और कहा,” राजन! मेने आपके लिए कुछ स्वादिष्ट भोजन लाया ! 
आप कृपया इसे ग्रहण कीजिए ! 


बंदर उत्साह से झूम उठा और बिना सोचे समझे भोजन को झडपने के लिए भागा !

जैसे ही भोजन लेने गया तो वहा एक लोमड़ी के द्वारा बनाय गए रस्सी के जाल में फस गया !

बंदर चिल्ला कर बोलने लगा, “कोई मुझे बचाओ !

लोमंडी ने पूरे जंगल के जानवरों को बुलाया और कहा,” जब बंदर अपने आप की रक्षा नहीं वो अपनी रक्षा केसे करेगा !


निष्कर्ष :

बच्चो की प्रेरक कहानि ( baccho ki prerak kahani ) से सिख मिलती है कोई भी कार्य करने के पहले विवेक का प्रयोग करे ! आज के समय भरोसा करने के पहले सोचकर करना चाहिए !

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