प्रेरक प्रसंग – लालच ( प्रेरक कहानियां हिंदी )
प्रेरक प्रसंग – लालच ( प्रेरक कहानियां हिंदी )
एक दिन चरवाहा अपनी बकरियों को लेकर जंगल में चराने लगा।
वहा जंगल में चरवाहा का बहुत सारी जंगली बकरिया भी दिखाई दिखाई दी।
उसकी नियत बिगड़ गई उसने सोचा की यह जंगली बकरियों को में अपनी बकरियों के साथ में मिला लेता हु।
चरवाहा जंगली बकरियों का सभी तरह से देखभाल करने लगा।
जंगली बकरियों के लालच में उनकी देखभाल में इतना व्यस्त हो गया की वह अपनी बकरियों का देखभाल करना ही भूल गया।
जैसे बारिश का मौसम चला गया वैसे ही जंगली बकरिया मौका देखकर भाग गए।
जब पता चला तो चारवाहा सोचने लगा कि कोई बात नही मेरी बकरियों तो मेरे पास है।
अब सिर्फ मुझे अपनी बकरियों पर ही ध्यान देना होगा।
पर बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि बकरियों बहुत कमजोर हो चुकी थी और कुछ दिनों में वे सभी बकरिया धीरे धीरे मरने लगी।
उस जंगली बकरियों के चक्कर चरवाह अपनी बकरिया से भी हाथ धो बैठता है।
निष्कर्ष :
इस प्रेरणादायक लघु कहानी से सीख मिलती है की ज्यादा लालच से इंसान के पास हो भी होता है वो भी चला जाता है।
इसलिए कहा जाता है की लालच बुरी बला है।
2) प्रेरक प्रसंग – किसान और उसके आलसी बेटे
एक गांव में एक किसान रहता था उसके दो बेटे थे और दोनों पहले दर्ज के आलसी थे !
किसान दिनभर खेत में मेहनत करता और दोनों बेटों का भरण पोषण करता !
एक दिन किसान बीमार पड़ गया! हर तरह के इलाज के बाद भी उसकी बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी !
आज समझ गया था कि अब वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहेगा उस अपने दोनों बेटों की चिंता थी कि उसके मरने के बाद उनका क्या होगा !
एक दिन लेटे-लेटे उसे एक तरकीब सूझी ! दोनों बेटे को बुलाकर कहा,” मेरे अंगूरों के बाग में बहुत नीचे तुम्हारे लिए खजाना दबाया हुआ है !
मेरे मरने के बाद उसे खोदकर निकाल देना !
किसान के मरने के बाद किसान के बेटे अंगूरों के बाग में गए ! उन्होंने पूरा खेत खोद डाला पर वहां उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा !
वे अपने पिता को कोसने लगे! कुछ दिनों बाद बरसात हुई और उनकी अंगूर की बेल लहलहाने लगी !
बेले अंगुरो से लद गई थी ! अंगूर पकने पर उन्होंने उन्हें महंगे भाव से बेचा और अमीर बन !
उन्हें बात समझ आई कि उनके पिता ने इस खजाने के बारे में कहा था !
निष्कर्ष :
इस प्रेरणादायक लघु कहानी से सीख मिलती है – परिश्रम से ही सफलता मिलती है !