प्रेरक कहानी – जल्दबाजी में निर्णय न ले ( Prerak Kahani in Hindi )
प्रेरक कहानी
एक राजा नगर भ्रमण करने के लिए राज दरबार से निकलता है।
शाम को जब वह भ्रमण कर राज दरबार में आता है तो उनके पैरों में छाले पड़ जाते हैं।
वह तुरंत अपने प्रजा को आदेश देता है कि पूरे गांव के सड़क को मखमल से ढक दिया जाए।
प्रजा आश्चर्यचकित हो जाती है और सोचते है कि भला इतने बड़े गांव को मखमल से ढकने के लिए कितने सारे पैसे लगेंगे इतने पैसे हम राजा से कैसे मांगे ?
प्रजा मुखिया को यह सब बातें बताते हैं कि समस्या का हमें हल बताइए ?
राजा ने आदेश तो दे दिया है पर हम राजा से पैसे कैसे मांगे ?
प्रेरक कहानी
प्रजा का मुखिया राजा को पूछता है कि यह निर्णय आप किस कारण से ले रहे हैं आप मुझे बताइए ?
राजा कहता है कि मैं जब नगर भ्रमण के लिए निकला था तो सड़क पर काफी सारे छोटे छोटे कंकर से मेरे पैर में छाले आ गए ।
मैं नहीं चाहता कि हमारे नगर में कोई भी व्यक्ति को यह परेशानी हो जो परेशानी से में जूझ रहा हु ।
मुखिया जवाब देते हुए कहते हैं इतनी छोटी सी बात के लिए आप करोड़ों का निवेश करोगे ।
इससे अच्छा रहेगा की हम मखमल के जूते बना देते हैं।
और पूरे नगर को मखमल के जूते वितरण कर देते।
कम लागत में आपके समस्या का हल हो जाएगा।
राजा ने इस बात पर सोच विचार किया और अंत में मुखिया के बातों को अमल में लाया।
राजा ने पूरे प्रजा को सिर्फ जूते बनवाने का आदेश दिया।
निष्कर्ष :
प्रेरक कहानी से हमे यह सिख मिलती है की आज सभी अपने जीवन में कुछ न कुछ निर्णय लेते है और उसके लिए प्रयत्न भी करते है।
पर सभी सफल क्यों नहीं हो पाते है ? क्योकि वे जल्दबाजी में हमेशा गलत निर्णय लेते है।
जो व्यक्ति निर्णय लेने से पहले विचार करता है उस पर विश्लेषण करता है उसके निर्णय हमेशा सही होते है।
जो व्यक्ति निर्णय बिना सोचे समझे लेता है उसके जीवन में उसका स्वयंम का निर्णय हानिकर सिद्ध होता है।
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