शेर और मगर की कहानी
शेर और मगरमच्छ की कहानी
प्रस्तावना :
यह शेर और मगर की कहानी महत्वपूर्ण सिख देती है, हमें कभी शत्रुता नहीं करनी चाहिए अन्यथा हमें हानि हो सकती है।
एक दिन, एक जंगल में एक खतरनाक शेर बसता था, जो बाकी जानवरों को डराता रहता था। शेर के सामने आने वाले जानवर उसके डर से भाग जाते थे। एक दिन, शेर तालाब के पास पहुंचा, और वहां एक मगरमच्छ आराम से धूप लेने के लिए बैठा था।
शेर को देखकर गुस्सा आया, और वह मगरमच्छ से बोला, “तुम्हें मेरा दर्जा दिखाने का हक नहीं है! यहां जंगल का राजा मैं हूँ, और तुम मेरे सामने इतने आराम से बैठ कर धूप ले रहे हो!”
शेर और मगर की कहानी
मगरमच्छ ने बिना डर के उत्तर दिया, “मैं भी इस तालाब का राजा हूँ।”
शेर की बात से गुस्सा आया, और वह मगरमच्छ पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन मगरमच्छ पानी में था। शेर पानी ग़हरा होने के कारण डूब गया। मगरमच्छ ने अपनी जान बचाई औरशेर ने जान गवाई।
शेर और मगर की कहानी से सिख :
अभिमान इंसान को सर्वनाश कर देता है। इसलिए स्वयं पर अभिमान न करे और किसी से भी वाद विवाद करने से बचे।
यह शेर और मगर की कहानी के बारे में 10 महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर हैं:
सवाल : शेर और मगर की कहानी का संदेश क्या है?
उत्तर : शेर और मगर की कहानी का संदेश है कि हमें उन लोगों से या स्थितियों से कभी विरोध नहीं करना चाहिए, जिनके प्रति हम आश्रय दाता हैं या जो हमारे साथ काम कर रहे हैं।
सवाल: शेर और मगर की कहानीका प्रमुख पात्र कौन है?
उत्तर : प्रमुख पात्र हैं एक खतरनाक शेर और एक मगरमच्छ।
सवाल : शेर और मगर की कहानी कहाँ हुई थी?
उत्तर: यह कहानी एक जंगल में हुई थी।
सवाल :मगरमच्छ ने शेर को क्या उत्तर दिया, जब उसे डर के बावजूद शेर के सामने बैठा देखा?
उत्तर: मगरमच्छ ने कहा, “मैं भी इस तालाब का राजा हूँ।
सवाल : शेर ने मगरमच्छ पर क्या कहा जब उसने उसे धूप लेने के लिए बैठा देखा?
उत्तर: शेर ने कहा, “तुम्हें मेरा दर्जा दिखाने का हक नहीं है! यहां जंगल का राजा मैं हूँ, और तुम मेरे सामने इतने आराम से बैठ कर धूप ले रहे हो!
सवाल :शेर ने क्या किया जब मगरमच्छ ने कहा कि वह भी तालाब का राजा है?
उत्तर : शेर ने मगरमच्छ पर हमला करने की कोशिश की।
सवाल :शेर और मगरमच्छ की कहानी का सारांश क्या है?
उत्तर :किसी से भी वाद विवाद करने से बचे।
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