सकारात्मक विचार पर कहानी

सकारात्मक विचार पर कहानी

परिचय :

कलयुग एक प्रकार की विचारधारा है और सकारात्मक विचार का बढ़ाकर ही नकारात्मक विचारधारा को समाप्त कर सकते ही

एक बार, अंधकार ने भगवान से प्रार्थना की, “महाराज, यह सूरज मेरे पीछे पड़ा हुआ है। मैं इसका बिगाड़ता भी कुछ नहीं हूँ, पर जहां मैं जाता हूँ, वहां यह पहुँच जाता है। और मुझे वहां से भाग जाना पड़ता है। यह मुझे क्यों हैरान करता है?”

सकारात्मक विचार पर कहानी

सकारात्मक विचार पर कहानी

भगवान ने अंधकार की शिकायत को सुनकर सूरज को बुलाया और पूछा, “तुम क्यों अंधकार को हैरान करते हो? क्यों उसके पीछे पीछे जाकर उसे भगा देते हो?”

सूरज ने उत्तर दिया, “प्रभु, मैंने तो उसे देखा तक नहीं है। मैंने उससे मिलने की कोशिश तक नहीं की है। फिर भी अगर मैंने उससे कुछ गलती की हो या उसे दुःख पहुँचाया हो, तो कृपया उसे यहाँ बुला दीजिए, मैं उससे माफ़ी मांग लूँगा।”

भगवान ने अभी तक दोनों को मिलाने की कोशिश नहीं की थी, क्योंकि अंधकार का अस्तित्व स्वयं अपने प्राकृतिक रूप में होता है। यह खुद पैदा होता है।

सकारात्मक विचार पर कहानी से सिख :

सिख : अगर आप के जीवन में सकारत्मक विचारधारा होगी तो नकारात्मक विचार वाले आपसे दूरिया बना लेंगे. इसलिए अपने स्वयं को इतना प्रकाशमान बनाये और जीवन को आनंद से जिए।

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