संत एकनाथ की कथा
परिचय:
संत एकनाथ की कथा से पता चलता है कि जो भी आपने किसी की संकट के समय रक्षा की वह कभी व्यर्थ नहीं जाता है।
चलो शुरू करते हैं, संत एकनाथ की कथा
एक बार की बात है, गांव में कुछ ग्रामीण लोग एक सांप को मारने का प्रयास कर रहे थे। इसी समय, रास्ते में ही संत एकनाथ आ रहे थे। उन्होंने इस परिस्थिति को देखा और उनका ध्यान उस सांप पर गया।
भीड़ देखकर संत एकनाथ उनके पास गए और बोले – “भाइयों, तुम इस प्राणी को क्यों मार रहे हो? वह तो केवल एक आत्मा ही है, कर्म के आधीन रहने से उसका रूप बदल गया है।”
एक युवक भीड़ में था और वह पूछता है – “वाकई, आत्मा होने पर भी क्यों काटता है?”
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संत एकनाथ मुस्कराते हुए कहते हैं – “तुम्हारा काटने का कारण तुम्हारी खुद की क्रियाएँ हो सकती हैं। अगर तुम उसे बिना कारण के मारोगे तो वह भी तुम्हें काटेगा, लेकिन अगर तुम उसे छोड़ दोगे तो वह तुम्हें क्यों काटे?”
- संत एकनाथ की कहानी
ग्रामीण लोग संत एकनाथ की बातों का सम्मान करते थे, इसलिए उन्होंने सांप को छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद, संत एकनाथ शाम के समय घाट पर स्नान करने जा रहे थे। रास्ते में वह एक सांप के पास पहुंचे, जिसने फन फैलाए थे। संत एकनाथ ने सांप को हटाने की कोशिश की, लेकिन वह सांप टस से मस नहीं हुआ।
आखिरकार, संत एकनाथ अपने दूसरे स्नान के लिए चले गए।
जब उन्होंने उस जगह पर फिर से आने का फैसला किया तो वहां एक गड्ढा बना हुआ था। अगर सांप ने रास्ते में रुकावट नहीं डाली होती, तो संत एकनाथ उस गड्ढे में गिर जाते।
संत एकनाथ की कथा से सिख :
सीख: हमें हर एक जीव के प्रति प्रेम रखना होगा।