मनुष्य की कीमत छोटी सी कहानी

एक मनुष्य की कीमत छोटी सी कहानी

परिचय :

यह छोटी सी कहानी है जो मनुष्य की कीमत पर आधारित है। मनुष्य की कीमतको केवल पैसों से नहीं मापा जा सकता है, यह यहाँ तक गलत है क्योंकि मनुष्य की कीमत को पैसों के साथ तुलना करना गलत है।

मनुष्य की कीमत को उसके उन क्रियाओं और गुणों से मापा जाता है जिनसे उसने खुद को सुधारा है और समाज में भी बदलाव लाया है।

छोटी सी कहानी मनुष्य की कीमत

एक बार लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक छोटे से बच्चे ने अचानक अपने पिता से पूछा – “पिताजी, इस दुनिया में मनुष्य की क्या मूल्य होती है?”

पिताजी ने उस बच्चे के गंभीर सवाल को सुनकर चौंककर कहा, “बेटा, मनुष्य की मूल्य को मापन करना बहुत कठिन है, वह तो अनमोल होता है।”

बच्चा पूछता है, “क्या सभी की कीमत इतनी ही महत्वपूर्ण होती है?”

पिताजी कहते हैं, “हां, बेटा।”

बच्चा समझ नहीं पाता और पूछता है, “तो फिर क्यों कुछ लोग गरीब होते हैं और कुछ अमीर?”

पिताजी थोड़ी देर तक चिंतित रहते हैं और फिर बच्चे से एक लोहे के रॉड को स्टोर रूम से लाने के लिए कहते हैं।

रॉड लाने के बाद पिताजी पूछते हैं, “इसकी कीमत क्या होगी?”

बच्चा जवाब देता है, “200 रुपये।”

पिताजी पुनः पूछते हैं, “अगर मैं इस रॉड से छोटे-छोटे किल बना दूं, तो उसकी मूल्य क्या होगी?”

बच्चा थोड़ी देर विचार करता है और कहता है, “फिर यह और महंगा हो जाएगा, लगभग 1000 रुपये का।”

पिताजी और बच्चे के बीच यह दिलचस्प बातचीत जारी रहती है, “अगर मैं इस लोहे से घड़ी के स्प्रिंग्स बना दूं, तो क्या होगा?”

बच्चा गणना करता है और उत्साहित होकर कहता है, “तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जाएगी।”

फिर पिताजी बच्चे को समझाते हैं, “ठीक वैसे ही, मनुष्य की कीमत क्या है और मनुष्य की कीमत कितनी है उसके वर्तमान स्थिति से नहीं होती, बल्कि उसकी सामर्थ्य से होती है कि वह अपने आप को कैसे पुनर्निर्माण कर सकता है।”

बच्चा पिताजी की बात समझ जाता है।

एक छोटी सी कहानी मनुष्य की कीमत से शिक्षा मिलती है,

मनुष्य की कीमत को बढ़ाना और घटना सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के हाथ में ही है।

हमे छोटी सी कहानी मनुष्य की कीमत से सिखने मिलता है,

मनुष्य में ऊर्जा यथार्थ है उस ऊर्जा से चरित्रवांन भी बन सकते है और ऊर्जा का गलत उपयोग करके चरित्रहीन भी बन सकते है।

हमे छोटी सी कहानी मनुष्य की कीमत यह भी सिख मिलती है,

मनुष्य ही स्वयं की कीमत बड़ा सकता है। इसलिए हमेशा नए स्किल्स सीखे और आगे बढे।

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