दृष्टिकोण पर कहानी
दृष्टिकोण पर कहानी
परीचय :
यह कहानी दृष्टिकोण पर लिखी गई कहानी है। जीवन में अनेको समस्या आएगी। समस्या को हल करने के लिए आपके पास अच्छा दृष्टिकोण होना चाहिए।
यह कहानी वो समय की है, जब एक राज्य में एक राजा शासन कर रहे थे। उनकी चिंता थी कि उनकी बस एक आंख और खराब पैर के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
हालांकि उनकी शारीरिक कमियों के बावजूद, वे एक निपुण, दयालु, और बुद्धिमान शासक थे। उनके राज्य में उनकी प्रजा बहुत खुश और शांत जीवन जी रही थी। एक दिन, राजा अपने महल के गलियारों में टहल रहे थे।
जब उन्होंने अचानक गलियारों की दीवारों पर लगे पुराने चित्रों को देखा। ये चित्र उनके पूर्वजों के राजा की थे।
चित्रों को देखकर राजा को यह ख्याल आया कि भविष्य में, जब उनके उत्तराधिकारी इस गली से गुजरेंगे, तो वे चित्रों को देखकर अपने पूर्वजों को याद करेंगे। इन चित्रों में राजा का चित्र अब तक शामिल नहीं था।
राजा ने मन में सोचा कि उसकी शारीरिक कमियों के कारण चित्र कैसे दिखेगा, यह उसे पता नहीं था।
राजा ने तय किया कि चाहे चित्र कैसा भी हो, वह अपना चित्र दीवार पर लगवाना चाहते हैं। अगले ही दिन, उन्होंने अपने राज्य में एक सूचना जारी की और राज्य के महान चित्रकारों को बुलवाया।
उन्होंने उन्हें अपने सामने बुलाया और उनसे अपना चित्र बनाने को कहा, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी कि चित्र सुंदर होना चाहिए, ताकि वो उसे अपने पूर्वजों के चित्रों के साथ गलियारे की दीवार पर लगा सकें।
जैसे चित्र तैयार होगा, वैसे ही उपहार दिया जाएगा। इस समाचार के सुनते ही सभी चित्रकार सोच में डूब गए। कैसे हो सकता है कि किसी एक अंधे और लंगड़े व्यक्ति का सुंदर चित्र बना सकता है? अगर चित्र खराब हुआ तो उन्हें सजा मिल सकती है। इस सोच के चलते कोई भी चित्रकार चित्र बनाने का साहस नहीं कर सका।
दृष्टिकोण पर कहानी | सकारात्मक दृष्टिकोण की प्रेरणादायक कहानी
एक-एक के बाद, सभी चित्रकार वहां से चले गए। आखिरकार, केवल एक युवा चित्रकार खड़ा था, जो मुस्कराता हुआ बोला कि वह राजा का चित्र बना सकता है। राजा ने उसे चित्र बनाने की अनुमति दे दी।
अगले ही दिन से वह युवा चित्रकार राजा के चित्र बनाने में जुट गया। कुछ दिनों बाद, जब चित्र तैयार हो गया, तो वक्त आया चित्र को प्रकट करने का। राजा के साथ, सभी वरिष्ठ मंत्री और दरबारी भी वहां मौजूद थे।
सबके चेहरे उत्साह से भरे थे, जब वे देखने के लिए उत्सुक थे कि कब तक पर्दे को हटाया जाएगा और वे राजा का चित्र देख सकेंगे।
दृष्टिकोण पर बेहतरीन कहानी
वे यह देखने के लिए बेताब थे कि इस युवा चित्रकार ने कैसे एक अंधे और लंगड़े राजा का आकर्षक चित्र बना दिया है। चित्र का पर्दा उठाया गया जब यह दृश्य दर्शाया गया कि चित्र सचमुच अत्यंत सुंदर था।
इस चित्र में राजा एक ओर से पैर डालकर एक घोड़े पर बैठे थे। चित्र को एक ओर से चित्रित किया गया था, इसलिए उसमें राजा का एक ही पैर ही दिखाई देता था।
चित्र में दिखाया गया था कि राजा धनुष चढ़ाकर एक आंख बंद करके निशाना लगा रहे हैं। चित्र देखकर यह लग रहा था कि वे जानबूझकर अपनी एक आंख को बंद करके चित्रित किया था, इससे वे अपनी शारीरिक कमियों को छिपा रहे थे।
चित्रकार ने अपनी प्रतिभा और समझदारी से राजा की कमियों को बेहद आकर्षक चित्र में छिपा दिया था। राजा बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उस युवा चित्रकार को पुरस्कार दिया, और उसे अपने दरबार का सलाहकार भी बना दिया।
दृष्टिकोण पर कहानी से सिख :
दृष्टिकोण पर कहानी से सिख :
जीवन में जो सकारत्मक विचार वाला है वह हर समस्याओ का सामना बड़े आसानी से करता है।
जिसका दृश्टिकोण पॉजिटिव है वह एक महान व्यक्ति के दर्जे में आता है।
आशा करता हु, दृष्टिकोण पर कहानी से आपके जीवन में एक अच्छा बदलाव आये।
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