जीवन बदलने वाली कहानी – खुश रहने का मन्त्र

परिचय : यह जीवन को बदलने वाली कहानी है, क्योंकि इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम बहुत परेशान और दुखी होते हैं, तो उसके पीछे का कारण क्या होता है और हम अपने जीवन में खुश रहने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।

जीवन बदलना है तो जीवन बदलने वाली आदते होनी जरुरी है।

यह कहानी है एक ऐसे लड़के की, जो निराश और हताश महसूस करता था। एक दिन उसे एक महात्मा मिला। लड़का महात्मा जी से बोला, “महात्मा जी, मेरे साथ कुछ भी अच्छा नहीं होता।

जो कुछ भी मैं सोचता हूँ, वही उल्टा होता है। मैं एक नौकरी करता हूँ।

“पहले मैं सोचता था कि नौकरी मिलने पर मैं अपने पिताजी को एक अच्छी गाड़ी खरीदकर दूंगा, लेकिन अब नौकरी तो मिल गई, लेकिन इतने पैसे नहीं मिलते कि मैं गाड़ी खरीद सकूं।

मैंने सोचा था कि अपनी पत्नी और बच्चों को दूसरे देश में घूमने ले जाऊंगा, लेकिन वो भी संभव नहीं हो रहा है।

जीवन बदलने वाली कहानी

जीवन कुछ ऐसे ही गुजर रहा है, मैं क्या करूँ? कृपया मुझे कुछ सलाह दें।”

जीवन बदलने वाली कहानी

महात्मा जी ने उस लड़के को एक फूलों के बगीचे में ले गए, जहाँ अनेक सुंदर फूल थे। वहां पहुँचकर महात्मा जी ने कहा, “तुम्हें इस बगीचे से किसी एक फूल को चुनकर लाना है, जो तुम्हें सबसे सुंदर लगे।

लेकिन यहां एक शर्त है, तुम्हें किसी भी फूल को छोड़कर नहीं तोड़ना, जो तुमने एक बार पीछे छोड़ दिया हो, तो उसे समझो कि वह तुमसे दूर चला गया।”

लड़का बगीचे के किनारे जा कर फूल चुनने लगा। उसके सामने बहुत सारे सुंदर फूल थे, लेकिन वह सोचता रहता है कि आखिरकार कोई और और भी सुंदर फूल मिल सकता है।

उसने एक फूल को छोड़कर आगे बढ़ते जाते हुए कहा, “शायद इस सुंदर फूल से भी और सुंदर फूल हो, मैं उसे तोड़कर लाऊँगा।

अब लड़के के पास कुछ ही फूल बचे थे, जो सूखे हुए थे। उसने सोचा कि उसका एक ही विकल्प बचा है, वह उन सूखे फूलों में से किसी एक को तोड़ सकता है।

उसने एक सूखा हुआ फूल तोड़कर महात्मा जी के पास ले जाया। उसने सूखे हुए फूल को दिखाया। महात्मा जी ने देखकर कहा, “बगीचे में इतने सुंदर फूल थे और तुमने सूखे हुए फूल को तोड़कर लाया।”

लड़का ने उससे जवाब दिया,

 “महात्मा जी, बगीचे में मुझे भी कई सुंदर फूल मिले थे, लेकिन और अच्छे फूल की चाह में मैंने उन सभी को पीछे छोड दिया। बाद में केवल सूखे हुए फूल बचे थे, जिनमें से मैं एक को तोडकर लाया हूँ।”

महात्मा जी ने लड़के को समझाया, “यह बगीचा तुम्हारा जीवन है, सुंदर फूल तुम्हारी खुशियाँ हैं। इतने सुंदर फूलों से भरा हुआ है, लेकिन तुम उन्हें तोड़कर अधिक अच्छे फूल की चाह में हो, जिससे कि तुम अपने वर्तमान को खुशी से नहीं जी पा रहे हो।

तुम्हारे माता-पिता को कोई गाड़ी से खुशी नहीं मिलेगी, जो खुशी वह तुम्हारे साथ बैठकर मिल सकती है। अपने परिवार के साथ समय बिताने में ही खुशी है, वो चीजें कोई और नहीं दे सकता।

इसे समझो और अपने जीवन को सजाने का प्रयास करो।”

इसके बाद से, लड़का ने अपने वर्तमान के छोटे-छोटे पलों का आनंद लेना शुरू किया। उसने समझा कि खुशी और सुख वास्तव में छोटी छोटी बातों में हैं। वह सूखे हुए फूल से भरपूर अपने जीवन की महत्वपूर्ण मौजूदगी को सराहने लगा।

जीवन बदलने वाली कहानी से सिख:

यह एक जीवन बदलने वाली कहानी है क्योकि जीवन में जो व्यक्ति भगवान को निमित रखता है वह सफल जरूर होता है

जीवन में जो व्यक्ति माता पिता की सेवा निश्वार्थ भाव से करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है इसलिए माता पिता की सेवा करे।

जीवन बदलने वाली कहानीभगवान भरोसे सब्ज़ी वाला

परिचय : यह कहानी जीवन बदलने वाली कहानी में से एक है। जीवन को बदलने की लिए अच्छे विचार बहुत जरुरी है. यह कहानी ऐसे व्यक्ति की है जो भगवान पर भरोसा करता है और भगवान पर जो व्यक्ति का भरोसा है भगवान उसके हमेशा साथ रहते है।

यह बात उस समय की है जब एक आदमी ऑफिस से घर जा रहा था। वह रास्ते में कुछ सब्जी के ठेले देखता है, इस पर विचार करता है और तब तक विचार करता है जब तक कि उसकी योजना बन जाती है कि वह कुछ सब्जियाँ खरीद ले। वह एक सब्जी वाले के पास जाता है लेकिन सब्जी वाले को नहीं मिलता।

यहाँ तक कि ठेले पर सब्जियाँ होती हैं, लेकिन कोई सब्जी विक्रेता नहीं होता।

वह अपने घर की तरफ बढ़ रहा होता है कि उसकी नजर एक बोर्ड पर पड़ती है। जिस पर सब्जी वाले ने लिख दिया होता है। उसमें लिखा होता है: “मेरे सभी ग्राहकों को ध्यान देना ।

अगर किसी को सब्जी खरीदनी हो तो कृपया इस पत्ते के नीचे लिखे गए दामों को समझ कर देना। और सब्जी को तौल कर ले जाना।”

वास्तविकता में, उसके पिता बीमार थे और उसके घर में कोई अन्य था जो उनकी देखभाल कर सकता था। इसलिए उसे बार-बार अपने पिता के पास जाना पड़ता था।

उसके पिता अब बूढ़े हो गए थे और उसकी यह इच्छा नहीं थी कि उनके अभाव में कुछ बुरा हो।

जीवन बदलने वाली कहानी

इसीलिए वह आपसे कह रहा है कि आप सब्जी ले लें और पैसे दे दें, अगर नहीं दे सकते तो कोई बात नहीं, फिर कभी दे देना।

वह आदमी आश्चर्यचकित हो जाता है क्योंकि उसे लगता है कि आजकल के दौर में कोई इतना विश्वास कैसे कर सकता है। लेकिन उसका समय कम हो रहा था। इसलिए उसने सब्जी ली और चला गया।

जब वह पैसे रख रहा होता है, तो वह देखता है कि लोग वास्तव में पैसे रखकर जा रहे हैं। तब उसने भी अपने पैसे रख लिए और चल दिया।

एक दिन, वह आदमी फिर से वैसे ही ऑफिस से घर जा रहा था। उसने देखा कि सब्जी वाला अपने ठेले को साथ लेकर जा रहा है। वह उसके पास गया, उससे बात की और अपनी कार को रोककर बातचीत की।

उसने पूछा कि आप अपने ठेले को इतने भरोसे के साथ छोड़ कर कैसे जा सकते हैं। क्या कभी चिंता नहीं होती कि कोई पैसे नहीं देगा। सब्जी वाला ने उत्तर दिया कि नहीं साहब, मेरे माता-पिता भगवान पर पूरा विश्वास करते हैं, और मैं उन पर।

उन्होंने कहा कि आप जाकर सब्जी रख दें, भगवान पर विश्वास करने से कभी भी धोखा नहीं होता।

इसके बाद से आपने मैं आज तक वैसा ही किया है। मैं कभी बीच में जाकर नहीं देखता और पैसे कभी कम नहीं हुए, कभी कभी ज्यादा भी रहते हैं।

जीवन बदलने वाली कहानी से सिख:

जीवन बदलने वाली कहानी से शिक्षा मिलती है की हमारे दुखो कारण इच्छा है लेकिन इच्छा जब बढ़ जाती है तो छोटे छोटे सुख अपने आप नादर अंदाज हो जाते है।

इंसान जब ज्यादा पाने की लालच रखता है तो उसे कुछ ज्यादा तोह क्या थोड़ा भी प्राप्त नहीं होता।

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