शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग – जुनून ( short moral story )
शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग – जुनून ( short moral story )
आज शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग – जुनून ( short moral story ) कहानी आपके सामने लाने वाले है ! जिसके जीवन में काम के प्रति जुनून यानी पैशन होता है वह हमेशा उस कार्य में बहुत सफल होता है !
तो चलो बढ़ते है कहानी की और, एक गांव एक कुम्भार रहता था ! वह मिट्टी के बर्तन और तरह तरह के सामग्री बनाता था !
उसे मिट्टी के सामग्री बनाना बहुत ही अच्छा लगता था और वह अपने काम में हमेशा खुश रहता था !
मिट्टी के बर्तन का काम नही मिल पाने के कारण वह अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहा था !
परिवार की दशा बिगड़े देख कर उसे अपना मन पसंद का काम छोड़ना पड़ा और वह शहर में काम की तलाश में आया ! शहर में उसे छोटा सा काम मिल गया !
वह अपने मालिक का छोटा-मोटा काम करता था और उससे जो भी तनखा मिलती थी उससे वह अपने गांव में घर का पालन पोषण करता था !
अपने परिवार का दो वक्त का भोजन करा सके उतना तो वह कमा ही लेता था !
एक बार मालिक के बच्चे का जन्मदिन होता है तो वह उस व्यक्ति को भी आमंत्रित करता है !
व्यक्ति सोचता है कि मैं बच्चे के लिए मिट्टी का खिलौना बना देता हूं और उसे मैं वह भेट कर दुगा ! वह व्यक्ति उस बच्चे को मिट्टी का खिलौना देता है !
वह छोटा सा बालक उस मिट्टी के खिलौनों से इतना खुश होता है की मालिक भी खुश हो जाते हैं !
मालिक उस व्यक्ति को बोलते हैं कि तुमने इतना प्यारा खिलौना कहां से लाया ? वह कहता है कि, मालिक जी जहां मैंने खुद ने बनाया है !
मालिक आश्चर्यचकित हो जाता है और एक-दो दिन विचार में पड़ जाता है कि जो मेरे साथ कम पगार में काम कर रहा है वह करोड़ का मालिक बन सकता है !
मालिक उसे कहते कि आज से तू मेरे छोटे-मोटे काम नहीं दिखेगा !
हम खिलौना का भी व्यापार करेंगे मेरा पूरा सहयोग आपके साथ होगा ! यह सुनकर उस व्यक्ति की आंखों खुशी के आंसू आ जाते है
और वह सच्चे लगन से मालिक के साथ काम करता है और वह भी बहुत बड़ा मालिक बन जाता है !
निष्कर्ष
शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग ( short moral story ) से सिख मिलती है की जिस व्यक्ति में जुनून हो काम करने का उसका हर काम चमत्कार से कम नहीं होता !
उसका काम ही इतना प्रभावशाली होता है की उसका हुनर उस काम में झलकता है !
जिस व्यक्ति में जो भी पैशन है जो भी टैलेंट है अगर उसे सही मौका मिले तो वह हर एक चीज हासिल कर सकता है जो उसे सपने भी नहीं सोचा हो !
पढ़े – महापुरुषों की कहानियाँ – महात्मा गांधीजी : समय कि किमत