धोखा पर कहानी – बंदरो का व्यापार
धोखा पर कहानी – बंदरो का व्यापार
एक बिजनेसमैन गांव में सब लोगों से कहा कि मुझे बंदर खरीदने है।
आप जो भी बंदर को पकड़कर लाएगा उसे मैं १०० रूपय दूंगा।
सभी गांव वाले बिना सोचे समझे काम में जुट जाते हैं।
सभी लोग दो -दो बंदर पकड़कर लाते हैं।
और वह बिजनेसमैन गांव वालों को १०० रुपए देता है।
जिस दिन वह बिजनेसमैन आता है कि ,आप फिर से मुझे बंदर पकड़कर दो आपको ५०० रुपए दुगा।
सभी गांव वाले तीन – तीन बंदर पकड़कर लाते हैं।
वह बिजनेसमैन सभी को ₹500 दे देता है।
गांव वालों को उस बिजनेसमैन पर भरोसा जाता है।
तीसरे दिन का बिजनेसमैन करता है कि आप और भी बंदर पकड़कर लेकर आओ आपको २००० रुपए दुगा।
सभी गांव वाले मना कर देते हैं और कहते है की गांव में बंदर खत्म हो चुके हैं तो अब हम काम नहीं कर सकते ।
वह बिजनेसमैन कहता है कि कोई बात नहीं।
बिजनेसमैन का नौकर गांव वालों को बोलता है की है कि अगर आपको पैसे कमाने है तो आप मालिक से हजार रुपए का बंदर खरीदे और मालिक को ही दो हजार में बेच दीजिए।
मालिक बहुत नीति वाला आदमी है वह आपको दो हजार रुपए जरूर देंगे।
गांव वालों को उस बिजनेसमैन पर पूरा भरोसा था इसलिए वह हजार रुपए में बंदर खरीदते है।
उस दिन के बाद न तो बिजनेसमैन आता है न तो नौकर।
वह दोनों पुरे गांव वालों को चुना लगाकर शहर आ जाते है।
निष्कर्ष :
धोखा पर कहानी से सिख मिलती है की, अगर आप इस कहानी के भावार्थ को समझ गए तो आप भविष्य में आने वाली बहुत से Fake Schem से बच सकते हो।
यह बिजनेसमैन गांव वालों को इसमें चुना लगा पाया क्योंकि इसने पहले भरोसा जीता।
यह आजकल की रणनीति होती है, पहले थोड़ा भरोसा लोगों का जीता जाता है फिर लोगों को लूटा जाता है ।
इसलिए सोच-समझकर निर्णय लीजिए।
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