हिरण और लोमड़ी की कहानी
हिरण और लोमड़ी की कहानी
परीचय :
यह हिरण और लोमड़ी की कहानी है, जीवन में आपको अच्छे और बुरे दो प्रकार की मित्र मिलेंगे। यह हिरण और लोमड़ी की स्टोरी से पता चलेगा की, आप को ध्यान रखना पड़ेगा की कौन आपके लिए हितकारी है और कौन आपके लिए हानिकारक है।
चलो शुरू करते की हिरण और लोमड़ी की मजेदार कहानी,
किसी जंगल में, एक हिरण और कौवा एक साथ रहते थे। इन दोनों के बीच बहुत गहरी मित्रता थी, और वे हमेशा अपने सुख-दुख को एक-दूसरे के साथ बाँटते थे। कौवा जंगल में अच्छी घास की जगहों की जानकारी हिरण को देता था, और हिरण सुखी टहनियों को तोड़कर कौवा को देता था, ताकि कौवा अपने घर का निर्माण कर सके।
इन दोनों को एक साथ रहकर खुशी-खुशी जीने का आनंद मिलता था, और उनकी मित्रता की तारीफ जंगल के अन्य जानवरों के लिए आदर्श थी।
जंगल में एक चालक लोमड़ी भी रहती थी, और उसकी नजरें कौवा और हिरण की दोस्ती पर थीं। वह हमेशा चाहती थी कि हिरण को कुछ बुरा हो जाए, ताकि वह हिरण का मांस खा सके। इसलिए लोमड़ी बार-बार योजनाएं बनाती रहती थी, लेकिन कौवा हमेशा हिरण को सतर्क रखकर उसकी सुरक्षा करता था, और लोमड़ी की साजिशें नाकामयाब नहीं होती थीं।
एक दिन, हिरण घास खा रहा था, जब लोमड़ी उसके पास आई और बोलीआप बहुत सूंदर हो आप मुझसे दोस्ती करोगे, हिरन ने नदरअंदाज किया। इसके बाद, लोमड़ी उससे कहने लगी, “तुम यहां सूखी घास-फूस क्यों खा रहे हो? मैं जंगल में एक जगह जानती हूँ जहां मीठी-मीठी हरी घास है, वहां तुम खुल कर खा सकते हो।”
हिरण और लोमड़ी की कहानी
लोमड़ी ने हिरण को बहकाया, लेकिन हिरण ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वह लोमड़ी की सलाह को नकारते हुए कहा कि उसके पास अपने दोस्त कौवा की बातों के बारे में है, और इस पर विश्वास करेगा।
अगले दिन, जब लोमड़ी फिर से हिरण के पास आई, तो फिर से वही बात की, लेकिन हिरण ने उसकी प्रस्तावना को ठुकरा दिया, और उसने कहा कि उसके मित्र ने जाने से माना कर दिया है
। इस तरह, लोमड़ी रोज़ हिरण के पास जाने की कोशिश करती रही, लेकिन हिरण ने उसके आमंत्रण को बार-बार ठुकरा दिया।
अब, एक दिन हिरण ने फिर से वही जगह जाने का निर्णय लिया, और लोमड़ी उसे वहां ले गई और बताई, “देखो, ये खेत, इसमें कितने हरे-हरे फसलें हैं। इतना सारा खाना देखकर हिरण खुश हो उठा और खाने लगा। तभी वह खेत में काम कर रहे लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसे जाल में बांध दिया। लोमड़ी को यह दृश्य देखकर खुशी हुई, और वह छिपकर खड़ा था, झाड़ियों के पास।
हिरण बहुत उदास था, और वह अपने दोस्त कौवा की याद में डूबा रहता था। वह सोचता था कि अगर वह अपने दोस्त के सलाह पर चला आता, तो आज उसकी तबियत कुछ और होती। तभी कौवा की आवाज हिरण के कान में पहुँची, “मित्र, हिम्मत मत हारो, मैं आ गया हूँ।” हिरण ने आवाज को पहचाना और उसने कहा, “तुमने सही कहा, मेरे मित्र, मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा था।”
हिरण और कौवा की कहानी
कौवा ने हिरण के कान में बोला, “तुम मरने का नाटक करो, थोड़ी देर बाद मैं तुम्हारी मदद करूँगा।” हिरण ने लोगों के पास गए और मरने का नाटक करने लगे। लोग देखकर गलती से उन्होंने जाल को खोल दिया, और हिरण तेजी से भागा। उसकी भागदौड में, हिरण ने भाले झाड़ी में छुप गया, और वह बच गया। इस तरह से, कौवा ने अपनी चालाकी से अपने दोस्त की जान बचाई।
हिरण और लोमड़ी की कहानी से सिख :
हिरन जैसी हमारी हालत है, जैसे कोई भी चिकनी चुपड़ी बाते करके हमारे पैसे गायब कर लेता है. हमारे आस पास लोमड़ियों को फौज होती है चारो बाजु इसलिए सतर्क रहे और सावधान रहे।
आशा करता हु, हिरण और लोमड़ी की कहानी से हमने बहुत कुछ सीखा होगा
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