सरदार पटेल की कर्तव्यनिष्ठा का महान उदहारण
सरदार पटेल की कर्तव्यनिष्ठा का महान उदहारण
सरदार बल्लभ भाई पटेल एक दिन अदालत में मुकदमे पर अपने तर्क दे रहे थे ।
मामला बहुत ज्यादा गंभीर था। थोड़ी सी लापरवाही के कारन उनके क्लायंट को फांसी की सजा मिल सकती थी।
सरदार पटेल जज के सामने आत्मविश्वास से तर्क दे रहे थे। तभी एक व्यक्ति ने आकर उन्हें एक कागज हाथ में थमाया। सरदार पटेल जी ने उस कागज को पढ़ा ध्यान से पढ़ा। उन्होंने कागज को अच्छी तरह से मोड़कर जेब में रख लिया।
मुकदमे की कार्यवाही पूरी हुई। सरदार पटेल के प्रभावशाली तर्कों से और उनके आत्मविश्वास से उनके क्लायंट की जीत हुई।
अदालत से बहार निकलते समय उनके एक साथी वकील ने सरदार पटेलजी से पूछा कि कागज में क्या लिखा हुआ था? तब सरदार पटेल ने बताया कि वह मेरी प्रिय पत्नी की मृत्यु की सूचना का संदेशा था तब वकील ने आश्चर्य से कहा कि इतनी बड़ी घटना घट गई और आप तर्क से बहस करते रहे।”
सरदार पटेल ने उत्तर दिया, “उस समय मेरा ध्यान और ऊर्जा अपना कर्तव्य पूरा करने में था| मेरे क्लायंट का जीवन मेरे तर्क और आत्मविश्वास पर निर्भर थी|
मेरी थोड़ी सी निराशा भी उसे फांसी के तख्ते पर आसानी पहुंचा सकती थी।
पत्नी तो जा ही चुकी थी।जो मेरे हाथ मैं नहीं था पर क्लायंट को कैसे जाने देता उसका जीवन मेरे पर निर्भर था ”
शिक्षा :
आज भी गंभीर और दृढ़ चरित्र के कारण ही सरदार वल्लभ पटेल लौहपुरुष कहे जाते हैं।
उनका कर्तव्यपालन हमारे लिए बहुत बड़ा उदारहण है |
चरित्रवान व्यक्ति का व्यक्तित्व ही प्रभावशाली होता है, जिनके हर एक कृति हमे प्रभावित करती है |