प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए – असली ताकत
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए परिचय :
यह कहानी से पता चलेगा की जीवन की असली ताकत बाहुबली बनने में नहीं है.
चलो जानते है जीवन में असली ताकत कोनसी है,
आओ, एक छोटे से बच्चे की एक प्रेरणादायक कहानी सुनते हैं। प्रेरक प्रसंग कहानी के बाद हमें यह समझ में आएगा कि हमारी असली ताकत क्या है।
यह कहानी एक 5 वर्षीय छोटे से बच्चे की है, जो अपने पिताजी के साथ मेले गया।
मेले में बच्चे गुब्बारों से खेलते हुए और झूमते हुए नजर आते हैं। छोटे बच्चे ने भी देखा कि गुब्बारों से खेलना कितना मजेदार होता है।
उसने पिताजी से कहा, “पापा, मुझे वह गैस वाला गुब्बारा चाहिए।”
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए
पिताजी तुरंत बच्चे के साथ गए और गुब्बारे वाले के पास पहुँचे और कहा, “कृपया, उसको एक गुब्बारा दें।”
बच्चे ने उस गुब्बारे वाले से कहा, “मुझे उस गुब्बारे दें जो सबसे ऊपर जा सकता है।”
पिताजी ने उसे वही गुब्बारा दिलवाया।
बच्चे ने देखा कि सभी रंगीन गुब्बारे ऊपर उड़ रहे हैं और उसका गुब्बारा नीचे गिर गया।
वह बच्चा गुब्बारे वाले से पूछता है, “क्यों मेरा गुब्बारा नहीं ऊपर जा रहा?”
गुब्बारे वाला उसे समझाता है, “बेटा, वह गुब्बारा सबसे ऊपर जाता है जिसमें ज्यादा गैस होती है। जितनी ज्यादा गैस, उतनी ऊपर जाएगा।”
बच्चे ने सीख ली कि उस गुब्बारे की ऊँचाइयाँ उसके अंदर की गैस की मात्रा पर निर्भर करती है, और वह उसे अगली ऊँचाइयों तक पहुँचाती है।
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए से सिख –
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए से सिख: हमारी असली ताकत हमारे अंदर के गुणों में होती है, न कि बाहरी दिखावे में। हमारे आत्मविश्वास, सहनशीलता, कृतज्ञता, और दृढ़ निश्चय के साथ हम किसी भी परेशानी का सामना कर सकते हैं और ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए – सकारात्मक दृष्टिकोण
परिचय:
जीवन में आगे बढ़ना है तो सकारात्मक दृष्टिकोण होना जरूरी है। सकारात्मक दृष्टिकोण को अगर आपको जानना है तो यह कहानी को पढ़ना बहुत जरूरी है,
चलो शुरू करते हैं, बच्चो की शिक्षादायक प्रेरक प्रसंग
आइए, हम एक मोटिवेशनल कहानी सुनते हैं जो हमें सकारात्मक दृष्टिकोण की महत्वपूर्णता को सिखाती है। यह कहानी केवल एक चुटकुले नहीं है, बल्कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता का महत्व भी बताती है।
एक प्राइवेट कंपनी में एक इंटरव्यू आयोजित हो रहा था, जहां कई युवक इंटरव्यू देने आए थे। कंपनी के लिए सिर्फ दो युवकों का चयन होना था।
कंपनी के मुख्यालय में एक विचारविमर्श होता है और उन्हें यह विचार करने के लिए बुलाया जाता है कि किसे चुना जाए।
उनके समक्ष एक गिलास में पानी के 50% हिस्से भरकर दिखाया जाता है। फिर उनसे पूछा जाता है कि आपको इस गिलास में क्या दिखाई दे रहा है।
पहले युवक ने उत्तर दिया, “मुझे इस गिलास में आधा पानी दिखाई दे रहा है।”
दूसरे युवक ने उत्तर दिया, “मुझे इस गिलास में आधा पानी भरा हुआ दिखाई दे रहा है।”
कंपनी के मुख्य व्यक्तिगत्मा ने उनके दृष्टिकोण के आधार पर दूसरे युवक को चयन किया।
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए से सिख :
सीख: इस पूरी दुनिया में दो तरह के इंसान हैं एक नकारात्मक विचार धारा वाला और दूसरा है सकारात्मक विचार वाला. सकारात्मक दृष्टिकोण वाला इंसान हमेशा खुश और जीवन में सफल होता है
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए – घंटी वाला पुजारी
परिचय :
यह बात सच है की आपके साथ अगर बुरा हुआ तो वो अच्छे के लिए हुआ है वो आपको आज नहीं और कल नहीं बल्कि एक न एक दिन जरुरु पता चलेगा,
चलो शुरू करते हैं, बच्चों के लिए प्रेरक प्रसंग
इस मंदिर में एक पुजारी था जिसका नाम ‘घंटी वाला पुजारी’ था। उनकी खासियत यह थी कि जब भी मंदिर में आरती होती, तो वे भक्ति भाव में लिपटकर घंटी बजाते थे। उनकी भक्ति का प्रतीक्षा करके आये हुए भक्त अत्यंत प्रसन्न होते थे।
एक दिन एक नया ट्रस्टी आया, और उसने नए नियम लागू किए। उसने तय किया कि सिर्फ पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही मंदिर में काम करेगा। दुर्भाग्यवश, ‘घंटी वाला पुजारी’ पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए उसे काम से निकाल दिया गया।
प्रेरक कहानियां बच्चों के लिए
बाद में, जब बड़ी मुद्राएँ आईं, तो एक दिन ‘घंटी वाला पुजारी’ को दिल्ली का बड़ा दुकानदार बन गया। वह अपनी मेहनत और ईश्वर की दुआ से बहुत सफल हुआ।
कुछ वर्षों बाद, एक नया ट्रस्टी आया और मंदिर को और बड़ा बनाने का निर्णय लिया। वह ‘घंटी वाला पुजारी’ से मदद मांगता है, और चंदा की मांग करता है।
‘घंटी वाला पुजारी’ बिना सोचे-समझे 10 लाख रुपए का चेक दे देता है। ट्रस्टी अचंभित होकर उससे पूछता है कि इतने बड़े धनी व्यक्ति कैसे बने, जो पढ़ा-लिखा नहीं है?
‘घंटी वाला पुजारी’ उसे हंसते हुए बताते हैं कि अगर वह पढ़ा-लिखा होता तो वे आज भी मंदिर में घंटी बजा रहे होते।
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए से सिख :
सेट घंटी वाले ने आज सफल इसलिए है की उसे वहा एक जॉब से निकालाजब भी आपके जीवन में अंधकार छाये तो सोचना माना की अँधेरा घाना है पर दिया जलाना कहाँ मना है.
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए – मृत्यु
परिचय:
आप अगर अधिक चिंता करोगे तो वह चिता में बदल जाएगी यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने इतनी चिंता की कि वह चिता में परिवर्तित हो गया
आज हम आपके सामने एक प्रेरणादायक कहानी रखने जा रहे हैं, जिसकी रोशनी आपकी जिंदगी को प्रकाशमय बना सकती है।
चलो शुरू करते हैं, प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए
चलिए, इस प्रेरणादायक हिंदी कहानी की ओर बढ़ते हैं। यह कहानी कुछ समय पहले की है, एक गांव में ‘शैतान गढ़’ नामक स्थान पर। इस गांव में एक डाकू रहता था, जिसका नाम ‘श्यामलाल’ था। वह डाकू गांव के लोगों पर अत्याचार करता था और उनके जीवन को बर्बाद कर दिया था। उसकी बदमाशी के आगे सभी डरते थे। उसकी शक्तियों की वजह से कोई भी उसके सामने नहीं आ सकता था।
इस गांव के लोगों का जीवन बर्बाद हो गया था, उनके पास उस डाकू से लड़ने की हिम्मत नहीं थी। उनकी मनोबल कमजोर हो गयी थी।
एक दिन आचानक ही सभी को खबर मिलती है कि श्यामलाल की मृत्यु हो गई है। सभी हेरान होते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है, जिसका कोई भी सामना करने का साहस नहीं कर सकता था।
उसकी मौत का सच जानने के लिए वेध को बुलाया जाता है। वेध बताते हैं कि श्यामलाल की मृत्यु सांप के काटने से हुई है। सभी चौंक जाते हैं। लेकिन ज्योतिष एक बुजुर्ग आदमी के रूप में आते हैं और बताते हैं कि यह सच नहीं है।
ज्योतिष बताते हैं कि श्यामलाल की मृत्यु सांप के काटने से नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि श्यामलाल ने उनसे मिलकर यह सुना था कि उसकी मृत्यु सांप के काटने से होगी। और फिर उसने सचमुच सांप के डर से बरपायी तनाव की वजह से अपनी मृत्यु का आग्रह किया।
बच्चो के प्रेरक प्रसंग से सिख :
हमारा पूरा शरीर विचारों पर आधारित है इसलिए हमको नकारात्मक विचार कमा चिंता जैसे विकारों को हमारे पर हावी होने नहीं देना. अगर श्यामला अगर अपने विचारों पर काबू पाता तो आज वह जीवित होता
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए :आलसी स्वाभाव
जीवन के हर एक कार्य को कठिन लगेगा अगर आप आलसी हो. जीवन का हर कठिन काम आपको अच्छा लगेगा अगर आप मेहनती हो. इस कहानी से पता चलेगा की आलसी इंसान उसके जीवन में कुछ नहीं कर सकता.
आज हम एक प्रेरणादायक कहानी सुनेंगे जो आपको निश्चित रूप से प्रेरित करेगी।
एक गांव में मोहन नामक किसान रहता था। उसे जानवरों से अत्यधिक प्यार था। मोहन ने एक कुत्ते और एक खरगोश को भी पाल रखा था। वह उन्हें खेत में भी ले गया। एक दिन उसके मन में खेल करने का ख्याल आया।
उसने खरगोश और कुत्ते से कहा, “तुम दोनों में से जिसने पहले ‘हड्डी और गाजर’ ढूंढकर लाया, मैं उसे ईनाम दूंगा।” खरगोश ने उम्मीद से भरपूर होकर ‘हड्डी और गाजर’ की खोज में लग गया।
वहीं कुत्ता बहुत ही निराशावादी था, वह सोचता था कि इस बड़े खेत में ‘हड्डी और गाजर’ ढूंढना असंभव है। उसने एक बड़े गड्ढे के पास आकर खरगोश को देखकर मुस्कराने लगा।
प्रेरक प्रसंग विद्यार्थियों के लिए कहानी
खरगोश उत्साहपूर्ण होकर खेत में ‘हड्डी और गाजर’ की तलाश में जुट गया। वह समय-समय पर सभी गड्ढों की जांच करता रहा, लेकिन वह चीजें नहीं मिली। तब उसने देखा कि कुत्ता एक बड़े गड्ढे के पास बैठा है। उसने सोचा कि यही गड्ढा है जिसमें ‘हड्डी और गाजर’ छिपे होंगे।
खरगोश ने उसी गड्ढे में खोजना शुरू किया और वहाँ पर ‘हड्डी और गाजर’ मिल गए। खरगोश बहुत खुश था और वह उछलने लगा। मोहन ने उसकी सफलता को देखकर उसे इनाम दिया।
आजकल के युग में सफलता पाने के लिए हमें समर्पण और शुरुआत की आवश्यकता होती है। बहुत से लोग आलस्य और सुस्ती के चलते समर्पण और शुरुआत नहीं कर पाते।
आलस्य स्वाभाव वाले लोगों के लिए छोटे काम भी मुश्किल बन जाते हैं। हमें अपने आलस्य स्वाभाव को दूर करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए।
प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए से सिख :
सीख: इस कहानी से हमें सीख मिलती अगर हम आलसी है तो हम जीवन में कभी सफल नहीं बन पाएंगे. इस कहानी से सीख मिलती हमें आलस को जीवन से निकालना अति आवश्यक है
प्रेरक प्रसंग न केवल बच्चों के लिए हैं, बल्कि यह विद्यार्थियों, युवाओं, और बुढ़े लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत होते हैं। मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये प्रेरक प्रसंग बच्चों के लिए पसंद आएँगे।
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