डॉ॰ राम मनोहर लोहिया की जीवन परिचय ( Biography of Dr. Ram Manohar Lohia )
प्रस्तावना ( Introduction ) :
आज हम बात करेंगे डॉ॰ राम मनोहर लोहिया जी के जीवन परिचय में जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक कार्यकर्ता और एक महान राजनीतिक नेता थे।
डॉ. राम मनोहर लोहिया सपूतों में से एक थे । डॉ. राम मनोहर लोहिया, जिन्होंने भारत माता को ग़ुलामी की ज़ंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया ।
डॉ. राममनोहर लोहिया एक बेहद साहसी और आशावादी चरित्र थे। उनका जीवनचरित्र दर्शाता है कि वह प्रगतिशील और महान विचारधारा रखने वाले महान क्रांतिकारी थे।
जीवन परिचय (Life Biography )
नाम | डॉ. राम मनोहर लोहिया |
जन्म | 23 मार्च, 1910 अकबरपुर , फैजाबाद, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 12 अक्टूबर, 1967 , नई दिल्ली |
माता / पिता | चन्दा देवी / श्री हीरालाल |
कार्यक्षेत्र | क्रांतिकारी, लेखक, विचारक, समाजवादी राजनेता |
उपलब्धि | गैर-कांग्रेसवाद के शिल्पी, भारत छोड़ो आन्दोलन में प्रमुख भूमिका, साठ के दशक में अंग्रेजी हटाओ आंदोलन चलाया |
बचपन और प्रारंभिक जीवन ( Childhood and early life )
डॉ॰ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था. उनकी माताजी एक बेहतरीन शिक्षिका थीं. उनके जीवन में बचपन में एक बड़ी घटना हुई थी वो थी उनकी माताजी का निधन !
उनके पिताजी सच्चे राष्ट्रभक्त थे ! देश के प्रति समर्पण और निष्ठा से उन्होंने सभी का दिल जीता था ! जब डॉ॰ राम मनोहर लोहिया युवा थे तब से उन्होंने भारत स्वतंत्रता के बहुत सी रैलियों में भाग लेना शुरू किया !
ऐसा माना जाता है की, उनके जीवन का नया मोड़ जब आया तब वह अपने पिताजी के साथ गांधी जी से मिलने गए ! उनके पिताजी गांधी जी के अनुयायी थे !
जब राम मनोहर लोहिया गांधी जी से मिले तो वह उनके चरित्र से प्रभावित हुए ! उनके सोच से बहुत आकर्षित हुए और उन्होंने गांधी जी के आदर्शो का समर्थन किया !
शिक्षा : ( Education )
उन्होंने अपनी मैट्रिक परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद इंटरमीडिएट में दाखिला लिया ! जहा उन्होंने दाखला लिया उसका नाम था बनारस हिंदू विश्वविद्यालय !
1929 – कलकत्ता विश्वविद्यालय में अध्ययन पूरा किया !
उनकी बुद्धि इतनी प्रबल थी की उन्होंने बहुत ही जल्दी ही जर्मन भाषा सीख लिया और सबसे महत्वपूर्ण उनको उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए वित्तीय सहायता भी मिली !
डॉ॰ राम मनोहर लोहिया की विचारधारा ( The Ideology of Dr. Ram Manohar Lohia )
राम मनोहर लोहिया ने हमेशा अंग्रेजी से अधिक हिंदी को प्राथमिकता दी ! उनका मानना था कि अंग्रेजी शिक्षित और अशिक्षित लोगो के बीच एक दूरी पैदा करती है जो बिलकुल भी सही नही है !
उनका मानना था कि, हिन्दी से एकता की भावना बढ़ती है जिससे राष्ट्र का निर्माण होता है ! वे जात-पात के विचारधारा से बिलकुल विरुद्ध थे !
उच्च वर्ग व् निम्न जाति के लोगो को मिल जुलकर रहना पड़ेगा!
इसी प्रकार उन्होंने अपने ‘यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी’ में उच्च पदों के लिए हुए चुनाव के टिकट निम्न जाति के उम्मीदवारों को दिया और उन्हें प्रोत्साहन भी दिया !
उन्होंने बेहतर सरकारी स्कूलों की स्थापना हो उस कर भी अधिक जोर दिया , जिससे अच्छी शिक्षा सभी को मिले और अच्छे अवसर प्रदान हो !
डॉ. राम मनोहर लोहिया के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स ( Some Important points related to the life of Dr. Ram Manohar Lohia )
- भारत छोड़ो आंदोलन के समय डॉ. राम मनोहर लोहिया नें उषा मेहता के साथ मिल कर गुप्त रेडियो आंदोलन चलाया था।
- विश्वविद्यालय नियमानुसार डॉ. राम मनोहर लोहिया नें बर्लिन में प्रवीण अर्थशास्त्री डॉ. बर्नर जेम्बार्ट को प्राध्यापक चुना।
- डॉ राम मनोहर लोहिया ने जवाहर लाल नेहरू पर दिन के 25 हजार खर्च पर सवाल खड़ा किया।
- राम मनोहर लोहिया के अथक प्रयास के कारण वर्ष 1967 में कॉंग्रेस पार्टी का कद घटा था और चुनाव में उन्हे कई राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
- जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा से सिद्धान्त अलग थे।
- भारतीय क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह और उनके साथीयों को दी गयी फांसी के विरोध में बर्लिन में हो रही लीग ऑफ नेशन्स की बैठक में दर्शक दीर्घा से सिटी बजा कर डॉ. राम मनोहर लोहिया नें विरोध प्रकट किया ।
प्रकाशित पुस्तके (Ram Manohar Lohia Books List) :
- अंग्रेजी हटाओ
- इतिहास चक्र
- देश, विदेश नीति-कुछ पहलू
- धर्म पर एक दृष्टि
- भारतीय शिल्प
- भारत विभाजन के गुनहगार
- मार्क्सवाद और समाजवाद
- समलक्ष्य, समबोध
- समदृष्टि
- सच, कर्म, प्रतिकार और चरित्र निर्माण आह्वान
- समाजवादी चिंतन
- संसदीय आचरण
- संपूर्ण और संभव बराबरी और दूसरे भाषण
- हिंदू बनाम हिंदू
डॉ. राममनोहर लोहिया के सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों का अध्ययन ( Study of social and political views of Dr. Ram Manohar Lohia )
- डॉ . लोहिया के विचारों पर कार्ल माक्र्स एवं महात्मा गाँधी दोनों के विचारों का असाधारण प्रभाव परिलक्षित होता है। उन्होने इनमें अदभुत समन्वय स्थापित किया तथा इनके श्रेष्ठतम तत्वों को समाहित करते हुए नवीन – विचारों का विकास किया।
भारत की पुनः एकता स्थापन में विश्वास
- डॉ . लोहिया ने भारत के विभाजन को परिस्थितियों वश स्वीकार किया गया विभाजन माना था। वे मानते थे कि भारत प्रकृति से एक है अतः खण्डित हो जाने के बाद भी वह एक दिन पुनः अवश्य ही एक हो जाएगा।
निधन ( Death ) :
महान डॉ. राम मनोहर लोहिया की मृत्यु 12 अक्तूबर के दिन 1967 में हुई थी। उन्हे नई दिल्ली के विलिंग्डन अस्पताल में 30 सितंबर, 1967 के दिन दाखिल कराया गया था।
आपको बताना चाहता हु की, विलिंग्डन अस्पताल अस्पताल वर्तमान समय में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल नाम से जाना जाता है।
समाजसेवक डॉ. राम मनोहर लोहिया का जीवन काल 57 वर्ष का रहा। पुरे भारवासियों की तरफ से समाजसेवक डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को दिल से नमन ।
FAQ
सवाल : डॉ॰ राम मनोहर लोहिया का जन्म कब और कहा हुआ था
उत्तर : डॉ॰ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था
सवाल : डॉ राम मनोहर लोहिया कौन थे ?
उत्तर : राम मनोहर लोहिया, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक कार्यकर्ता और एक समाजवादी राजनीतिक नेता थे।
सवाल : राम मनोहर लोहिया की पुस्तकें कोनसी है
उत्तर:
- अंग्रेजी हटाओ
- इतिहास चक्र
- देश, विदेश नीति-कुछ पहलू
- धर्म पर एक दृष्टि
- भारतीय शिल्प
- भारत विभाजन के गुनहगार
- मार्क्सवाद और समाजवाद
- समलक्ष्य, समबोध
- समदृष्टि
- सच, कर्म, प्रतिकार और चरित्र निर्माण आह्वान
- समाजवादी चिंतन
- संसदीय आचरण
- संपूर्ण और संभव बराबरी और दूसरे भाषण
- हिंदू बनाम हिंदू
सवाल : राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहले किसअस्पताल के नाम से जाना जाता था
उत्तर: राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहले विलिंगडन अस्पताल के नाम से जाना जाता था
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