छोटी हास्य कथा
परिचय :
यह छोटी हास्य कथा है जो चोरो के मूर्खता पर आधारीत है।अगर आप गलत दिशा में काम कर रहे हो तो कठोर से कठोर महेनत भी रंग नहीं लाएगी.
चलो शुरू करते है, छोटी हास्य कथा
दो चोर दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, जो कहीं भी जाते, साथ में रहते थे, और जो भी काम करते, वो भी साथ-साथ मिलकर करते थे। एक दिन, उन्होंने एक नए गाँव में चोरी करने का निर्णय लिया।
वे रात के समय एक बड़े घर में ताला तोड़कर घुसे। वहां पर उन्हें बहुत सारा पैसा मिला, और बहुत सारी नोटों की गड्डियों का संग्रहन करके, वे बेहद खुश हो गए।
वे पैसे को एक बोर में भरकर देखा कि वहां बहुत सी शराब की बोतलें भी थीं, क्योंकि वह गाँव का शराब ठिकाना था। वे खुशी-खुशी कुछ शराब पी ली, लेकिन शराब की अधिकता के कारण वे ठीक से चलने नहीं लगे।
इसके परिणामस्वरूप, वे बोतलों के साथ टकरा लगाने के कारण बोतलें गिर गईं, जिससे कुछ लोग आवाज सुनकर जाग गए और सब ने चिल्लाना शुरू किया, “चोर, चोर, पकड़ो, पकड़ो!”।
छोटी हास्य कथा
ये दो चोर जो कुछ भी पैसा मिला है, वह सब ले लिया और भागने लगे। लोग उनकी पीछा कर रहे थे, और वे नदी के किनारे पहुँच गए, जहाँ उन्हें एक नाव दिखाई दी।
वे दोनों नाव में सवार हो गए और उन्होंने नाव को खेने लगा। वे आपस में जोर-जोर से बोल रहे थे और तेजी से नाव को खेने लगे।
अंधेरी रात में, वे पूरी रात नाव को खेते रहे और बेहद थक गए। जब वे थक गए, तो सुबह को वहां के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया।
चोरो ने सोचा, रात भर निरंतर प्रयाश किया फिर भी हम इतने आसानी से कैसे पकडे जा सकते है
तब वहां के लोगों ने बताया कि वह नाव नदी के किनारे के एक पेड़ से बंधी हुई थी, और उन्होंने बुरी तरह से थक जाने के बाद ही उन्हें पकड़ लिया।
छोटी हास्य कथा से सिख :
छोटी हास्य कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि कई बार हम अपने कामों में इतनी मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी हमारी सफलता हमारे हाथ से बच जाती है। इसलिए हमें अपने जीवन में रुककर यह जांचना चाहिए कि क्या कोई बुरी आदतें या गलत दिशा में हमें आगे बढ़ने से रोकरही हैं।
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