गलतियों से सीख पर कहानी – सुधार
परिचय गलतियों से सीख पर कहानी आपके लिए बहुत जरुरी है। जीवन में अच्छे से अच्छे घमड और अहंकार के कारण उनकी ग्रोथ बढ़ने के बजाय घट जाती है. जीवन में हमेशा सीखना चाहिए।
पिताजी एक महान चित्रकार थे, वे हर दिन अद्भुत चित्र बनाकर बाजार में बेचने जाते थे। उन्होंने अपने बेटे को भी इस कला की शिक्षा दी थी। वे दोनों मिलकर चित्र बनाते और उन्हें शाम को बाजार में बेचने जाते।
पिता की चित्रकारी रोज़ाना उच्च मूल्य पर बिक जाती थी, पर बेटे की मेहनत में कुछ खास रंग नहीं आ रहा था। जब वे बाजार से लौट रहे थे, तो बेटा पिता से पूछा, “पिताजी, हम दोनों चित्र बनाने में बराबर मेहनत करते हैं।
लेकिन आपकी चित्रकारी बहुत तेजी से और महंगे दामों में बिकती है। जबकि मेरी चित्रकारी की बिक्री काफी कम है और जो खरीदते हैं।
वे मुझे सिर्फ 1-2 रुपये ही देते हैं, ऐसा हमेशा मेरे साथ होता है।”
पिता ने बेटे की बात को गंभीरता से सुना और कहा, “बेटे! मुझे पता है कि तुम चित्रकारी के लिए मेहनत करते हो, लेकिन तुम्हारे काम में अभी भी कई सुधार की आवश्यकता है ।
तुम्हें उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए। जब तक तुम अपने काम की गलतियों को ठीक नहीं करते, तब तक उन्हें बेचने की आशा करना व्यर्थ है।”
लड़का ने अपने पिताजी के शब्दों को ध्यान से सुना और उन्हें समझ गया कि काम में सुधार करना जरूरी है। वह तत्काल में ही सोच लिया कि उसे अपनी चित्रकारी में सुधार करना होगा।
समय बीतते गया और अब वह अपनी मेहनत के फलस्वरूप रंग लाने लगा। उसकी चित्रकारी अब जल्दी से और 5 रुपये की दर से बिकने लगी। अब वह बहुत खुश था। उसने यह खुशी पिताजी के साथ साझा की।
पिताजी मुस्कराते हुए बोले, “यह तो बहुत खुशी की और अच्छी बात है बेटा! लेकिन अभी भी इसमें कई सुधार की आवश्यकता है। इसलिए तुम अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास करो, खुद को और भी बेहतर बनाने का प्रयास करो।”
बेटे के चेहरे पर थोड़ी उदासी सी छा गई, और पिताजी ने पूछा, “क्या हुआ, क्यों ऐसा लग रहा है?”
आपसे भी बेहतर चित्र बना लेता हूँ। और मुझे आपसे भी अधिक पैसे मिलते हैं।”
पिताजी नम्रता भाव से बोले, “बेटे, जीवन में कभी भी अपने अंदर अहम की भावना आने मत देना। जब मैं तुम्हारे उम्र का था, तो तुम्हारे दादाजी ने मुझे यही सिखाया था कि हमेशा गलतियों को सुधारने का प्रयास करो और अपनी कला के साथ खुद में भी सुधार लाने का प्रयास करो।
तब तक तुम अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण करने में सफल नहीं हो पाओगे। लेकिन मैंने उनकी बात को नजरअंदाज किया था, जिस कारण मैं अब भी वहीं पर हूँ।
लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम उन गलतियों को दोहराओ, जो मैंने अपने जीवन में की है। इसलिए अगर तुम्हें अपने जीवन में सफलता पानी है और आगे बढ़नी है, तो तुम्हें अपनी कला में सुधार करने का प्रयास करना होगा।”
गलतियों से सीख पर कहानी से शिक्षा :
एक सबक: जीवन सिखाता है कि हमें हमेशा खुद को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। अगर हम खुद को बेहतर बनाने में सक्षम नहीं होते, तो हम कब पीछे रह जाएंगे, इसका पता हमें कहीं नहीं चलेगा।
गलतियों से सीख पर कहानी – दोष
परिचय:
गलतियों से सीख पर कहानी से हमें यह सिखने को मिलेगा कि गलतियों से सीखना कितना महत्वपूर्ण है। व्यक्ति जो दूसरों में दोष देखता है, वह अक्सर अपने खुद के दोष को पहचानने में असमर्थ होता है।
वह व्यक्ति जो अपने स्वयं के दोषों को स्वीकार कर लेता है, वह अकेले ही सफलता की ओर तेजी से बढ़ता है।
एक दिन, पति-पत्नी साथ में नाश्ता कर रहे थे। तभी पत्नी ने खिड़की से देखा कि सामने वाली छत पर कपड़े सुख रहे हैं और वे कपड़े बहुत मैले हैं।
पत्नी ने यह देखकर तुरंत अपने पति से कहा, “देखो, सामने वाली छत पर कपड़े कितने मैले सुख रहे हैं, मुझे लगता है कि इन लोगों को कपड़े ठीक से साफ करना भी नहीं आता।”
पति ने उसकी बात सुनी, पर इस बार भी वह कुछ नहीं बोला। यह बात तो अब हर दिन की हो गई थी। पत्नी हर दिन मैले कपड़े देखती और वह अपने पति से यह बात करती।
एक महीने बाद वे दोनों बैठ कर नाश्ता कर रहे थे, तभी पत्नी की नजर हर दिन की तरह खिड़की से सामने वाली छत पर पड़ती है और वह देखती है कि कपड़े तो एकदम साफ हैं।
वह यह देखकर अपने पति से कहती है, “आज तो कपड़े बिलकुल साफ दिख रहे हैं, मुझे लगता है कि उन लोगों में अकल आ ही गई, जरूर किसी ने टोका होगा।”
पति ने कहा , उनके कपडे मैले नहीं है। हमारा कांच मेला है।आज मैंने अच्छे से साफ़ किया है इसलिए आपको कपडे अच्छे दिख रहे।
हमारी जिंदगी में भी ऐसा ही होता है। कई बार हम दूसरों को तारीक़ से नहीं देखने में गलती कर देते हैं, क्योंकि हम खुद को तारीक़ से नहीं देखे बिना ही दूसरों की तारीक़ करने लगते हैं।
किसी के बारे में कुछ भी गलत या बुरा बोलने से पहले हमें अपने बारे में जान लेना चाहिए।
गलतियों से सीख पर कहानी से शिक्षा :
वर्तमान समय में, ऐसे लोग मिलेंगे जो बिना सोचे-समझे आप पर दोष लगाएंगे। उनकी यह समस्या है, आपकी नहीं। इसलिए कृपया आगे बढ़ते रहें और सकारात्मक दिशा में प्रगति करते रहें।