बंदर और टोपीवाले की कहानी | Topiwala Aur Bandar Ki Kahani in hindi
यह एक समय की बात है। एक गांव में एक रामु टोपीवाला व्यापारी रहता था । जो टोपियां बेचकर अपना पेट भरता था। रोज सुबह, रामु टोपियों की बड़ी-सी टोकरी लेकर गांव-गांव जाता था और शाम तक वापस घर आ जाता था।
एक दिन सुबह, रामु टोपीवाला अपनी टोकरी में रंग-बिरंगी टोपियां लेकर निकला, तो उसे अचानक एक जंगल आना पड़ा। जंगल में वह एक बरगद का पेड़ देखा और सोचा कि वहां बैठकर आराम कर लें।
इसलिए, रामु टोपीवाला ने टोपियों से भरी टोकरी को नीचे रख दिया, अपनी टोपी उतारकर जमीन पर रख दी और गले से गमछे को उतारकर जमीन पर बिछा दिया।
फिर वह अपने शीशे पर लेट गया और गहरी नींद में खो गया।
व्यापारी उस पेड़ के नीचे सो रहा था, जहां बहुत सारे बंदर रहते थे। जब रामु टोपीवाला सो गया, तो बंदरों ने उसकी टोकरी पर हमला बोल दिया और रंग-बिरंगी टोपियों को हाथ में लेकर खेलना शुरू कर दिया।
कुछ बंदरों ने टोपियों को हाथों में पकड़ रखा था। उनकी उछल-कूद से शोर मच गया,।
रामु टोपीवालाकी नींद खुल गई। जब उसकी नींद खुली, तो उसने देखा कि सभी टोपियां उसकी टोकरी से गायब हो चुकी हैं।
सभी बंदर टोपियां अपने हाथों में पकड़े हुए व्यापारी की ओर देख रहे थे। व्यापारी उपर की ओर देखकर सब समझ गया और परेशान हो गया ।
क्योंकि उसे समझ में आ गया कि वह अब टोपियां नहीं बेच पाएगा और इससे उसे कितना नुकसान होगा।
इसी सोच में व्यापारी अपना सिर खुजलाने लगा।
बंदर और टोपीवाले की कहानी | Topiwala Aur Bandar Ki Kahani in hindi
उसे ऐसा करते देखकर बंदरों ने भी अपना सिर खुजलाना शुरू कर दिया। रामु टोपीवाला को इस पर गुस्सा आया और वह तेजी से अपने सिर पर हाथ मारा।
बंदरों ने भी तेजी से अपने सिर पर हाथ मारा।
रामु टोपीवाला को देखकर पता चला कि बंदर उसकी नकल उतार रहे हैं।
अब रामु टोपीवाला को एक तरीका सोचने का मौका मिला। जिससे वह अपनी टोपियां वापस पा सकता था।
व्यापारी ने जो टोपी सोते समय अपने सिर के नीचे रखी थी, उसे सिर पर पहन लिया।
बंदरों ने भी जल्दी से अपने हाथों में पकड़ी हुई टोपियां सिर पर पहन लीं।
अब व्यापारी ने अपनी पहनी हुई टोपी को जमीन पर फेंक दिया।
बंदरों ने भी व्यापारी की नकल उतारते हुए अपनी पहनी हुई टोपियां जमीन पर फेंक दीं। व्यापारी की यह तकनीक काम कर गई थी।
जल्दी-जल्दी व्यापारी ने सभी टोपियां इकट्ठा कीं और उन्हें अपनी टोकरी में रख दिया।
टोकरी में सभी टोपियां रखने के बाद व्यापारी तुरंत उन्हें बेचने के लिए दूसरे गांव की ओर चल दिया।