शॉर्ट शिक्षाप्रद कहानी इन हिंदी – सोचो, समझे फिर बोले ( short shikshaprad kahani in hindi )

शॉर्ट शिक्षाप्रद कहानी इन हिंदी

एक बार श्याम ने अपने मित्र को बिना कारण बुरा भला कह देता है ! कुछ दिनों बाद श्याम को अहसास होता है की उसने जो भी राम के साथ किया वो गलत है !

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वह गांव के बुजुर्ग के पास जाता है और अपनी आपबीती बताता है और समस्या का निवारण मांगता है !

वह बुजुर्ग उसे बहुत सारे पंख देता है ! और गांव के बीचों बीच चौराहे पर पंख रखने कहता है !

श्याम वैसे ही करता है जैसे वह बुजुर्ग कहता है !

श्याम जब पंखों को रखकर वापस आता है उसके बाद श्याम को वापस पंखों को लाने बोलता है !

श्याम वापस जाता है और देखता है की हवा से सभी पंख उड़ जाते है उसे एक भी पंख नही मिलते !

वह बुजुर्ग व्यक्ति के पास खाली हाथ जाता है तब बुजुर्ग व्यक्ति कहता है की जैसे आप पंख को वापस नही ला सकते वैसे ही बोले हुए शब्द आप वापस नही ला सकते !

बोले हुए कटु शब्द के लिए आप माफ़ी मांग सकते हो पर उसका घाव जीवन भर मिटा नही सकते !

मनुष्य की एक भावुक जीव है वह अच्छे बाते को तुरंत भूल जाता है पर दिल को चोट लगने वाली बाते कभी नही भूलता !

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निष्कर्ष :

शॉर्ट शिक्षाप्रद कहानी इन हिंदी से सिख मिलती है की जिसका अपने बोलने पर संयम है

वह कम बोलता है पर सही बोलता है क्योंकि संयम व्यक्ति बोलने के पहले सोचता है जिससे वह खुश रहता है और अच्छे लोग का संपर्क बढ़ता है जिससे सकारात्मकता का जीवन में बढ़ावा होता है !

जिसका अपने बोलने पर सयंम नही होता वह ज्यादा बोलता है और कम सोचता है जिससे वह दुखी होता है और वाद विवाद, पछतावा, मानसिक तनाव जैसे नकरात्मकता चीजों का बढ़ावा होता है !

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