Raja janak ki kahani | राजा जनक जी की कहानी
परिचय :
यह राजा जनक जी की कहानी है जो माया पर आधारित है.
भ्रम की प्रभावशीलता (माया) हिंदी: एक बार, एक महात्मा ने राजा जनक जी से पूछा – “माया का क्या अर्थ है?” जनक जी वास्तविक ज्ञानी थे।
राजा जनक जी की कहानी ( Raja janak ki kahani )
संत महात्मा राजा जनक जी के साथ शास्त्रार्थ करने आते थे।राजा जनक जी ने कहा, “उचित समय पर प्रश्न का उत्तर दूंगा।”
एक दिन, वे दोनों स्नान कर रहे थे। चौकीदार ने कहा, “महाराज! अद्भुत घटित हो गया।” राजा जनक जी ने पूछा, “क्या हुआ?” चौकीदार ने बताया, “महल में आग लग गई है।” जनक जी पूर्ववत स्नान कर रहे थे।
मगर उस महात्मा ने दौड़ते-दौड़ते थोड़ी देर बाद वापस आकर कहा, “आपने नहीं सुना, महल जल गया। आग लग गई।” राजा जनक जी ने पूछा, “तो आप कहां गए थे?” महात्मा ने उत्तर दिया, “आपके महल के लग कर मेरे झोपडी है मेरी लंगोटी जल जा जाये इसलिए भागा।” राजा जनक जी ने तब कहा, “इसका ही नाम माया है।
राजा जनक जी ने जारी रखा, “मोह और अपने वस्तु से लगाव रखना ही माया है।
राजा जनक जी की से सिख : ( Raja janak ki kahani)
राजा जनक जी की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमे संसार में रहकर आनंद पूर्वक जीना है तो हमे संसार से मोह कम करना पड़ेगा और उसका अद्भुत उद्धरण राजा जनक जी है।
FAQ
प्रश्न : राजा जनक के गुरु कौन थे?
उत्तर : राजा जनक के गुरु जी का नाम ऋषि अष्टावक्र था।
प्रश्न राजा जनक की पत्नी का नाम
उत्तर : राजा जनक की पत्नी का नाम रानी सुनयना था।
प्रश्न : राजा जनक की वंशावली
उत्तर: राजा जनक का वंश भगवान राम के समय में मिथिला नगर के राजा था। उनकी पत्नी का नाम सुनैना था और उनकी प्रमुख संतानें सीता, उत्तरका, और शत्रुघ्न थे।
प्रश्न :राजा जनक की कितनी पत्नियां थी
उत्तर : राजा जनक की पौराणिक कथाओं के अनुसार, उनकी केवल एक पत्नी थी, जिनका नाम रानी सुनैना था।
अन्य कहानी पढ़े –