राजा और सेनापति की कहानी | Raja aur senapati ki kahani
प्रस्तावना –
आज के समय लोगों कंपनी के इंटरव्यू में बहुत से लोग स्वयं के बारे में बहुत ही आत्मवश्वास के साथ अनगिनत स्किल्स की शेखी बखारते है।
इस कारण यह है की, बोलने से कुछ समय तक कार्य चल सकता है पर अंतिम में आप को अपनी कार्यकुशलता दिखानी आवश्यकता है।
अन्यथा, आप के कार्यकुशता में कमी होने के कारण जॉब से निकाला भी जा सकता है।
अगर आप कार्य के करने के लिए सक्षम नहीं हो तो आपको भविष्य में उसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
चलो शुरू करते है, Raja aur senapati ki kahani
एक छोटे से गांव में पन्ना लाल नाम का व्यक्ति रहता था।
वह बहुत शराब पीता था। इस आदत के कारण गांव वाले उससे नफरत करते थे।
एक दिन वह खूब सारी शराब पी कर आया। वह स्वयं को संभाल नहीं पा रहा था और पैर लड़खड़ाने के कारण वह जमीन पर गिर पड़ा जिससे माथे पर घाव हुआ।
उसके शराब के लत के कारण सभी गॉव वाले परेशान थे । गांव वालो ने मिलकर निश्चय किया की हम उस शराबी को इस गॉव से बहिष्कार कर देंगे।
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बहिष्कार होने के बाद, वह शराबी गॉव से बड़े दूर एक राजा के पास पहुंच जाता है।
जहां राजा ने उस व्यक्ति के सर पर घाव देखा तो उसे लगा की यह व्यक्ति बड़ा पराक्रमी है।
राजा पूछता है, यह सर पर घाव कैसे लगा ?
शराबी झूठ कहता है, ” महाराज, ” एक युद्ध में मुझे यह चोट लगी है।
राजा यह सुनकर खुश हो जाता है. उसे सेनापति घोषित कर दिया जाता है।
एक दिन राजा ने सभी को युद्ध के लिए तैयार होने के लिए आवाहन किया।
सभी प्रजा वासी युद्ध के लिए तैयार हो गए और सेनापति के सभी का नेतृत्व करने का आग्रह किया।
उस शराबी के पैर कांपने लगे और अंतर आत्मा से घबरा गया और वहाँ से कही दूसरे गांव में भाग गया।
राजा और सेनापति की कहानी | Raja aur senapati ki kahani in hindi
Raja aur senapati ki kahani | राजा और सेनापति की कहानी से सिख –
शोर्य, पराक्रम यह गुण दिखाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह समय आने पर दिख जाती है।
हमेशा किसी का चयन करने के अच्छे से विस्तार से जांच पड़ताल करनी चाहिए।