प्रेरणादायक हिंदी कहानि – स्वयं पर निर्भर रहों ( बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी )

1) प्रेरणादायक हिंदी कहानि – स्वयं पर निर्भर रहों (  मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी )

प्रेरणादायक हिंदी कहानि से हमारे जीवन को सही दिशा में लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

आज के आधुनिक युग में इंसान विभिन्न प्रकार के परेशानियों से जूझता है।

प्रेरणादायक छोटी सी कहानी से इंसान कठिनाइयों से लड़ने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त होता है।

ऐसा मजबूत दृष्टिकोण हमें शिक्षाप्रद कहानी से ही प्राप्त होता है।

चलो पढ़ते हैं प्रेरणादायक हिंदी कहानियां ( Prerak hindi Kahani ) की और,

Prenadayak Hindi Story


एक चिड़िया ने अपने बच्चों के साथ जा खेत में एक बहुत ही सुंदर घोसला बनाया हुआ था। जब खेत में फसल अच्छी तरह से पक गई।

तब किसान उस खेत पर गया और बोला” कल पड़ोसियों को बुलाकर फसल काटने के लिए कहूंगा”

चिड़िया के बच्चों ने सुना तू पूरी तरह से डर गए और सहम गए।

चिड़िया बोली,”बिल्कुल भी घबराओ मत” हम पूरी तरह से सुरक्षित है, किसान कल फसल काटने नहीं आएगा।

अगले दिन किसान पड़ोसियों के ना पहुंचने पर यह कहते हुए चला गया की अगले दिन मैं अपने रिश्तेदारों को लेकर आऊंगा फसल काटने।

चिड़िया के बच्चे पूरी तरह से डर गए।

चिड़िया बोली,” बिल्कुल डरो मत कल किसान ल फसल काटने नहीं आएगा।

अगले दिन किसान पहुंचा तो उसने देखा कि कोई भी रिश्तेदार वहां नहीं पहुंचा था।

तब किसान ने कहा,” हमे अब पड़ोसियों और रिश्तेदारों के भरोसे नहीं रहना चाहिए।

कल मैं स्वयं आकर फसल काटूगा ! यह कहकर चला गया।

चिड़िया के बच्चे आपस में बात करने लगे की हम सुरक्षित है ! यह तो रोज का है।

तब चिड़िया उनके बच्चो को कहती है “हम अब बिल्कुल सुरक्षित नही है”।

क्योंकि अब स्वयं किसान ने ठाना है की वो फसल काटना आएगा।

क्योंकि किसान किसी पर भी निर्भर नहीं है।

जब इंसान से स्वयं निर्धारित करता है तो अवश्य वह कार्य करता है।

इसलिए हमको हमारे घर के लिए जल्दी ही दूसरी जगह तलाशनी होगी।

निष्कर्ष :

इस प्रेरक लघु कहानी से सीख मिलती है, इंसान किसी भी कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर न रहकर इंसान जब स्वयं कार्य करने का ठान लेता है तो वह अवश्य ही उस कार्य को पूरा करता है।

2 ) प्रेरणादायक हिंदी कहानिगधे का भाग्य

एक माली के पास एक गधा था ! यह काफी समय पहले की बात है !

माली गधे पर फूल लादकर शहर ले जाता था ! एक दिन गधे ने सोचा, ” यह माली मुझसे बहुत मेहनत कराता है !

क्यो न मैं विधाता के पास जाकर अपने लिए किसी नए मालिक की मांग करू !

यह सोचकर वह विधाता के पास पहूंच गया और उसने बोला,” माली सारा दिन उससे बहुत मेहनत कराता है !

मैं उसके साथ खुश नहीं हु ! कृपया करके आप मुझे कोई भी मालिक दे दीजिए !

विधाता ने उसे कुम्भार के पास भेज दिया!

उसकी हालत और भी खराब हो गई ! कुम्भार ने सारा दिन उसके ऊपर ढेर सारे बर्तन रखकर में बेचने जाता !

थोड़े दिन बाद गधा फिर भगवान के पास गया और बोला,” मुझे कोई और मालिक दे दीजिए!”

विधाता को गधे पर बहुत गुस्सा आया !

उन्होंने उससे एक कसाई के हाथ बिकवा दिया !

उसे देखते ही कसाई बोला ,”इस गधे की खाल से तो अच्छा अच्छा बड़ा बनेगा!” यह सुनकर गजब तुम मूर्खता पर आंसू बहाने लगा !

निष्कर्ष :

इस प्रेरक कहानियां हिंदी से सीख मिलती है असंतोषी व्यक्ति कभी सुखी नही रहता !

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