गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी | Gautam buddha story in hindi

गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी  प्रस्तावना:

जीवन में सबसे महंगी चीज है उसका नाम है मुफ्त। जो चीज हमें फ्री में मिलती है, उसका मूल्य में बहुत अधिक चुकाना पड़ सकता है।

इसलिए मैं कर्म के अनुसार हर एक चीज प्राप्त करनी चाहिए।

 चलो शुरू करते हैं, गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी ( Gautam buddha story in hindi)

पढ़े गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी | gautam buddha story in hindi

एक दिन गौतम  बुद्ध अपने शिष्यों के साथ जंगल में आराम कर रहे थे। 

गौतम बुध जिस वृक्ष  के नीचे आराम कर रहे थे उस वृक्ष के नीचे  एक कलश को दफनाया गया था।

 एक गांव के व्यक्ति को इस  राज का पता चल जाता है कि उस वृक्ष के नीचे एक कलश है।

 चतुर गांव के व्यक्ति योजना बनाकर  उस तक पहुंच जाता है।

 वह  व्यक्ति वृक्ष के नीचे जमीन को खोजने लग जाता है।

 वह गौतम बुद्ध को देखता है पर उसे कोई साधारण साधु समझकर नजरअंदाज कर देता है।

 जैसे वो व्यक्ति जमीन खोदकर कलश को बाहर निकालता है तो उसमें बहुत सारा ध्यान सोना होता है।

 वह व्यक्ति देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है,” हे प्रभु इतना सारा धन इस कलश के अंदर मैंने नहीं सोचा था।

उस व्यक्ति के मन में आता है, यह साधु ने मुझे देख तो लिया है।

इसे भी थोड़ा  धन दे देता हूं जिससे मेरा यह रहस्य किसी को नहीं  बताएं।

गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी

वह वाला व्यक्ति गौतम बुध को कहता है, आप कृपया इस राज को किसी को नहीं बताना।

मैं आप को उपहार स्वरूप कुछ सोने की मोहर दे दूंगा।

  गौतम बुध उसे कहते हैं .”सोना मेरे योग्य नहीं है”।

 यह धन नहीं है यह हमारे लिए विष के समान है। 

 बिना परिश्रम का विष के समान होता है।

 आपके जीवन के सुख चैन को छीन लेगा।

 और गांव वाले व्यक्ति ने जोर से हंस कर कहा, “   यह धन मेरे लिए स्वर्ग समान है।”

 इस धन के कारण मेरा पूरा जीवन बदलने वाला है।

 आप मुझे मानसिक रोगी लग रहे हो। इसलिए आप धन को विष के समान बता रहे हो।

 वह गांव वाले व्यक्ति  सोने से भरे कलश को लेकर भाग जाता है।

 जब इतना सारा धन प्राप्त हो जाता है तो वह किसी दूसरे गांव में जाकर बहुत बड़ा घर बनाता है।

  बचे पैसों से बहुत सारे जमीन खरीद लेता है।  उस जमीन को दुखने भागों में  बेचता है।

 उस गरीब गांव वाले व्यक्ति के पास इतना धन हो जाता है कि उसके साथ पीढ़ी भी मौज से रह सकती है।

कुछ सालों बाद गांव के सैनिक ने राजा को कहा,” मालिक,  हमारे गांव में एक गरीब व्यक्ति इतने सालों में इतना धनवान कैसे बन गया क?”

हमारे गांव का एक व्यक्ति दूसरे गांव में जाकर अरबों खरबों पति बन गया है।

जब मैंने इस बात की तहकीकात की तो मुझे यह पता चला कि उसने हमारे गांव से एक कलश को चुराया है।

 उस  कलश में सोने मोती और बहुत सारा धन था।

 उसके धनवान बनने का   कारण हमारे गांव से चुराया हुआ कलश है।

 राजा बहुत सोच विचार करता है और कहता है अगर वह कलश हमारे गांव से मिला है तो कलश का असली हकदार यहां पूरा गांव होगा।

 वह धन का बंटवारा करना हमारा अधिकार है।

 अगर उसे उस धन की प्राप्ति हुई थी तो उसे हमारे पास लेकर आना चाहिए था।

 उस धन का असली हकदार वह नहीं है।

 राजा और सैनिकों का आदेश देता है कि उस व्यक्ति को राज दरबार में उपस्थित किया जाए।

 सैनिक उस  उस चोर को राजा के सामने उपस्थित करते हैं।

 व्यक्ति कहता है कि मैंने पूरे धन का निवेश कर दिया है।  मेरे पास अब देने लायक धन बचा ही नहीं है।

 राजा आदेश देता है ,” जो भी संपत्ति इस व्यक्ति के नाम पर है सभी छीन ली जाए। इसे आजीवन कारावास में रखा जाए।

 चोर व्यक्ति जब सलाखों के पीछे होता है  तब वह सोचता है कि मैंने उस धन का तो सुख सिर्फ 5 साल और पूरा आजीवन मैं और मेरा परिवार दुख और दर्द में  रहेंगे।

 उस धन के सुख से करोड़ों गुना दुख भोगने वाला हूं। 

 वह व्यक्ति जोर से रो कर कहता है,” बिना परिश्रम का धन विष के समान है।”

 अगर मैं उस दिन उस साधु महात्मा की बात मान ली होती तो आज अपने परिवारों के साथ में सुखी रहता।

 भले ही सूखी रोटी खाता पर अपने परिवार के साथ खाता।

 हे प्रभु क्षमा कीजिए।  लालच और बिना परिश्रम का धन इंसान को बर्बाद कर देता है।

  गौतम बुद्ध स्टोरी इन हिंदी कहानी से सीख:

 जो व्यक्ति परिश्रम करता है वह देर से सफल होता है पर सफल जरूर होता है।

 सफलता का शॉर्टकट खोजता है वह कुछ समय के लिए सफल हो सकता है पर आगे उसे निराशा और असफलता ही हाथ लगती है। 

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