Garib kisan ki kahani

प्रस्तावना :

यह गरीब किसान की दुख भरी कहानी है। गरीब किसान मेहनती होता है। मेहनती किसान की यह कहानी बहुत ही शिक्षाप्रद है, जिससे पता चलेगा की अगर इंसान ईमानदार और सच्चा रहे तो उसके जीवन में आज नहीं तो कल पर उसका फल अवश्य मिलता है।

Garib kisan ki kahani

एक बार की बात है, एक गाँव में एक गरीब किसान ( Garib kisan ) अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। वह बहुत ही गरीब था। उसके पास बहुत कम जमीन थी। वह गरीब किसान की बेटी बहुत बीमार रहती थी।

उस जमीन में बहुत ही कम मात्रा में फसल होती थी । जिससे उसका गुजारा करना कठिन था। लेकिन वह किसान गरीब जरूर था, परन्तु उसकी बड़ी खूबी थी – वह बहुत ही ईमानदार और सच्चा व्यक्ति था।

उसने कभी भी गलत तरीके से पैसे कमाने के बारे में नहीं सोचा।

गरीब किसान ( Garib kisan ) की एक कहानी है, जिसमें उनके छोटे बच्चे थे। इसके कारण उनकी पालना-पोषण की चिंता हमेशा सताती रहती थी। यह चिंता उन्हें और उनकी पत्नी को हमेशा परेशान रखती थी।

वह गरीब किसान अपने खेत में पत्नी के साथ काम करता था। लेकिन खेत में उगाई गई फसल उनके परिवार का गुजारा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी।  

Garib kisan ki kahani short story in hindi

कभी-कभी ऐसा भी समय आता था, जब उस गरीब किसान के पास खाने के लिए पर्याप्त अन्न नहीं होता था। उसके छोटे बच्चे भूखे पेट रो रहे होते थे। उसकी पत्नी भी व्याकुलता से भरी रहती थी।

गरीब किसान कहानी

उस समय उन्हें अपने अधिकांश संबल भी नहीं होता था।

तब उसकी साहसपूर्वक और मेहनती पत्नी ने नयी तक़ीक़े से समस्या का सामना किया। वह दूसरों के घरों में काम करने जाती और मज़दूरी करके अनाज लाकर अपने परिवार को भोजन तक पहुँचाती थी।

उसकी मेहनत और त्याग से उन्हें और उनके बच्चों को रोज़ाना भोजन मिलता था।

गरीबी के बीच, उस गरीब किसान के परिवार का दिन गुजर रहा था। तभी एक दिन, उस गरीब किसान की पत्नी ने उससे कहा, “क्यों न आप शहर चले जाएं? इस छोटे से खेत से हम लोगों का गुजारा तो हो नहीं पा रहा है।

शहर में आपको कोई नौकरी मिल जाएगी, जिससे हमारे दिन अच्छे हो जाएंगे।”

गरीबी के बीच, उस गरीब किसान के परिवार का दिन गुजर रहा था। तभी एक दिन, उस गरीब किसान की पत्नी ने उससे कहा, “क्यों न आप शहर चले जाएं?

इस छोटे से खेत से हम लोगों का गुजारा तो हो नहीं पा रहा है। शहर में आपको कोई नौकरी मिल जाएगी, जिससे हमारे दिन अच्छे हो जाएंगे।”

पत्नी की यह बात सुनकर गरीब किसान रात भर सोचता रहा। आखिरकार, उसने अगले दिन शहर जाने का फैसला किया। उसने अपनी पत्नी से विचार-विमर्श करके शहर की यात्रा की तैयारी की और निकल पड़ा।

बहुत दूर चलने के बाद, उस गरीब किसान ने शहर पहुंच गया। लेकिन वह गरीब किसान इस शहर में अनजान था, उसको कोई जानने वाला भी नहीं था।

उसने बहुत मेहनत की थकान महसूस की, और एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगा।

तभी उसके पास एक बड़ी गाड़ी आकर रुकी। उस गाड़ी से एक सूटबूट पहने हुए व्यक्ति निकला और वह नजदीकी फल दुकान से कुछ फल खरीदने गया।

फिर वह सूटबूट वाला व्यक्ति अपने हाथ में पर्स और फल का थैला लेकर फिर से गाड़ी में बैठने गया, जब अचानक उस व्यक्ति का पर्स ज़मीन पर गिर गया। पर्स में काफी पैसे और ढेर सारे कागजात थे, जो काफी कीमती भी थे।

फिर गिरे पर्स से अनजान वह सूटबूट वाला व्यक्ति अपनी गाड़ी में बैठकर आगे निकल गया। उस समय, वह गरीब किसान ने इस घटना को देख लिया था।

उसे पर्स को वापस करने के लिए विचार किया। उसने इमानदारी से उस पर्स को उठाकर अपने पास ले लिया, जिसमें उस व्यक्ति का घर का पता भी था।

फिर उस गरीब किसान ने उस व्यक्ति से मिलने के लिए उस पते पर पहुंचा।

वहां पर उस व्यक्ति के बड़े बंगले के गार्ड को बुलाया और उस पर्स को वापस कर दिया। गर्ड ने उसको उस सूटबूट वाले व्यक्ति से मिलाने के लिए बंगले के अंदर ले गया।

थोड़ी देर बाद, वह सूटबूट वाला व्यक्ति गरीब किसान के सामने आया। गरीब किसान ने उससे अपनी ईमानदारी के साथ उस पर्स के बारे में सब कुछ बता दिया।

उस व्यक्ति ने गरीब किसान की सच्चाई को देखकर उसे अपने पास काम पर रख दिया। जिससे उस गरीब किसान की समस्या हल हो गई। वह गरीब धीरे धीरे बहुत आमिर बन जाता है।

Garib kisan ki kahani से सिख :

गरीब किसान की कहानी से सिख मिलती है की, जो व्यक्ति ईमानदार वह सच्चा है। उसके जीवन में भले ही दुखो का भवंडर हो, लेकिन एक न एक दिन खुशियो की बहार जरूर आती है। उसका मोल अनमोल है। ऐसे लोग बहुत कम है इसलिए ईमानदार और सच्चे व्यक्ति को सन्मान भी अधिक रहता है.

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