प्यासा कौवा की कहानी |Ek pyasa kauwa ki kahani

प्यासा कौवा की कहानी|Ek pyasa kauwa ki kahani in hindi

प्यासा कौवा की कहानी ( Ek pyasa kauwa ki kahani ) प्रस्तावना –

जीवन में एक समय निश्चित रूप से आता है” करो या मरो” वाली परिस्थिति निर्माण हो जाएगी।

उस समय आप के पास हौसला और मेहनत करने की हिम्मत हो तो हर वो असंभव कार्य को आप संभव में परिवर्तित कर सकते हो।

प्यासा कौवा की कहानी

प्यासा कौवा की कहानी|Ek pyasa kauwa ki kahani in hindi

एक समय की बात है ! कड़कड़ाती गर्मियों में एक प्यासा कौवा पानी की खोज में तड़प रहा था।

वह प्यास के कारण वह अधमरा हो गया था। उसे ऐसा लग रहा था की वह जीवन के अंतिम सांसे गिन रहा हो ।

उसकी नजर अचानक एक पानी के घड़े पर गिरी! पानी का घड़ा देखकर उसे ऐसा लगा मानो की उसे जीवन दान मिला है।

वह जैसे घड़े के पास पहुंचा और उसे देखा की पानी घड़े के बहुत अंदर था। कोवे की चोंच से पानी पीना तो असंभव था।

कौवे ने बहुत प्रयास किया पर वह असफल हुआ।

कौवा पहले से भी और ज्यादा निराश हो गया था। क्योंकि उसके आखों के सामने पानी था पर पानी पीने में असक्षम था।

कुछ समय बाद घड़े को देखते-देखते कौवे की नजर घड़े के पास पड़े कंकड़ों पर गिरी और और एक तरकीब सूझी।

उसने विचार किया कि अगर मेहनत करके  एक-एक करके सारे कंकड़ घड़े में डाले तो पानी ऊपर आ सकता है।

पुरे भरसक प्रयास और धेय्य से कंकर पानी में फेंकना शुरू किया ।

कौवे ने जी जान से मेहनत की और छोटे छोटे पत्थर डालने से पानी का स्तर ऊपर आगया जिससे वह पानी पीने में सफल हो गया।

प्यासा कौवा की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?

प्यासा कौवा की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है, “मेहनत सफलता कुंजी है।”

मेहनत से इंसान सब कुछ हासिल कर सकता है। जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरे लगन के साथ करता है ! वह व्यक्ती हमेशा बड़े से बड़े परेशानियो को भी हल कर देता है।

पढ़े – 50+प्रेरक कहानियां हिंदी 

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3 Responses

  1. Faizan says:

    Acchi kahani hai

  2. Yashwant Sharma says:

    It is nice

  3. Ravendar says:

    प्यासा कौवा की कहानी|Ek pyasa kauwa ki kahani in hindi
    प्यासा कौवा की कहानी ( Ek pyasa kauwa ki kahani ) प्रस्तावना –

    जीवन में एक समय निश्चित रूप से आता है” करो या मरो” वाली परिस्थिति निर्माण हो जाएगी।

    उस समय आप के पास हौसला और मेहनत करने की हिम्मत हो तो हर वो असंभव कार्य को आप संभव में परिवर्तित कर सकते हो।

    प्यासा कौवा की कहानी
    प्यासा कौवा की कहानी|Ek pyasa kauwa ki kahani in hindi

    एक समय की बात है ! कड़कड़ाती गर्मियों में एक प्यासा कौवा पानी की खोज में तड़प रहा था।

    वह प्यास के कारण वह अधमरा हो गया था। उसे ऐसा लग रहा था की वह जीवन के अंतिम सांसे गिन रहा हो ।

    उसकी नजर अचानक एक पानी के घड़े पर गिरी! पानी का घड़ा देखकर उसे ऐसा लगा मानो की उसे जीवन दान मिला है।

    वह जैसे घड़े के पास पहुंचा और उसे देखा की पानी घड़े के बहुत अंदर था। कोवे की चोंच से पानी पीना तो असंभव था।

    कौवे ने बहुत प्रयास किया पर वह असफल हुआ।

    कौवा पहले से भी और ज्यादा निराश हो गया था। क्योंकि उसके आखों के सामने पानी था पर पानी पीने में असक्षम था।

    कुछ समय बाद घड़े को देखते-देखते कौवे की नजर घड़े के पास पड़े कंकड़ों पर गिरी और और एक तरकीब सूझी।

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