छोटी रोचक कहानि – गधाप्रसाद ( Hindi Rochak Kahani )
छोटी रोचक कहानि ( Hindi Rochak Kahani)
एक व्यक्ती गांव से दूसरे गांव जाने के लिए गधे को किराए पर लेता है !
गधाप्रसाद बहुत आलसी होता है ! वह बार-बार बीच में रुक जाता था जिससे उस व्यक्ति को बार-बार डंडा मारकर गधे को चलाना पड़ता था !
छोटी रोचक कहानि (Hindi Rochak Kahani)
वह भी बहुत थक हुआ रहता है इसी तरह बार बार गधे के रुकने के कारण व्यक्ति पूरी तरह से थक जाता है और सोचता है कि मैं गधे की परछाई पर थोड़ा आराम कर लेता हु !
जैसे ही गधे की परछाई पर आराम करने लगता उसी समय गधे का मालिक भी उस रास्ते से जाता होता है वह भी बहुत थक हुआ रहता है !
गधे का मालिक उस व्यक्ति से कहता है कि हमारा सौदा गधाप्रसाद के लिए हुआ है गधाप्रसाद की परछाई के लिए नहीं हुआ है ! इसलिए गधाप्रसाद की परछाई पर मैं आराम करूंगा !
वह व्यक्ति आग बबूला हो जाता है और कहता है कि मैंने पूरे 1 दिन के लिए गधाप्रसाद को किराए पर लिया है तो उसकी परछाई पर हक मेरा ही है !
गधे का मालिक कहता है कि, “मेरा अधिकार है !”
वह व्यक्ति कहता है की , “मेरा अधिकार है !”
उन दोनों में बहस छिड़ जाती है उन दोनों में मारा पीटी भी हो जाती !
उन दोनों के झगड़ों के बीच में गधाप्रसाद मौका देख कर भाग खड़ा होता है !
वह दोनो के हाथ से गधाप्रसाद भी चला जाता है व गधाप्रसाद की परछाई भी !
छोटी रोचक कहानि ( Hindi Rochak Kahani)
निष्कर्ष :
छोटी रोचक कहानि ( Hindi Rochak kahani ) – आज व्यक्ति हर जगह अपने हक के बारे में विचार करता है और वही विवाद का मुख्य कारण बनता है !
दूसरे के हक पाने के लालसा में वह इतना लालची हो जाता है की अपने हक को भी वह कब खो देता है उसे उसका ज्ञात भी नही होता !
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