chidiya ki kahani | चिड़िया की कहानी

Chidiya ki kahani (चिड़िया की कहानी) बहुत ही शिक्षाप्रद कहानी है।

यह कहानी Chidiya (चिड़िया) और उसके बच्चों के बिच में हो रहे वार्तालाप पर आधारित है।

इस कहानी से आपको सिख मिलेगी की जो व्यक्ति दूसरों पर निर्भर रहता है।

वह व्यक्ति एक न एक दिन असफलता का सामना करता है ।

जो व्यक्ति स्वयं पर निर्भर रहता है उसकी सफल होने की आशंका अधिक रहती है ।

शुरू करते है, Chidiya ki kahani in hindi

चिड़िया की कहानी

चिड़िया अपने परिवार के लिए एक खेत में एक प्यारा सा घोसला बनाती है।

chidiya अपने परिवार के साथ बहुत खुश रहती है।

एक दिन उसके खुशहाल परिवार को बुरी नजर लग जाती है । क्योंकि उस दिन किसान खेत में आता है और कहता है, ” फसल बहुत ही बड़ी हो गई है”।

यह पूरे खेत की सफाई करने के लिए मैं अपने घरवालों को बुलाऊंगा जिससे पूरे खेत की कटाई अच्छे से हो सके।

Chidiya ( चिड़िया ) के बच्चे घबरा जाते है और कहते है, ” मम्मी हमें अपने घर को बदलना पड़ेगा।

Chidiya ( चिड़िया ) ने कहा, ” हम सुरक्षित हैं।” कल फसल की कटाई नहीं होगी।

दूसरे दिन किसान खेत पर आता है और देखता है कि फसल की कटाई नहीं हुई है।

किसान आग बबूला हो जाता और कहता है कि, कल मैं किसी भी हालत में मजदूरों की टोली लेकर आऊंगा वह खेत की फसल तुरंत ही काट देंगे।

Chidiya के बच्चे फिर से डर जाते हैं और कहते हैं, ” इस बार तो वहां किसान पूरे फसल काट देगा।

हमें तुरंत यहां से चले जाना चाहिए।

Chidiya ( चिड़िया ) ने कहा, ” हम सुरक्षित हैं।” कल फसल की कटाई नहीं होगी।

ek chidiya ki kahani ( chidiya or kauwa )

फिर अगले दिन किसान आ कर देखता है और कहता है कि,” आज तो कोई मजदूर नहीं आया है। “

इसलिए आज तो फसल की कटाई नहीं होगी।

लेकिन अब मैं किसी पर निर्भर नहीं रहूंगा।

मैं दृढ़ निश्चय लेता हूं । मैं स्वयं आकर फसल की कटाई करुगा।

chidiya ki kahani (चिड़िया की कहानी)

Chidiya (चिड़िया ) के बच्चों ने अपनी मां से कहा, ” मम्मी हम आज भी सुरक्षित है। यह किसान हमेशा की तरह कल भी नहीं आएगा।

चिड़िया ने कहा, ” हम बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।”

इसी वक्त किसान खेत पर आता है और मैं देखता है कि फसल की कटाई नहीं हुई है।

आग बबूला हो जाता और कहता है कि, कल मैं किसी भी हालत में मजदूरों की टोली लेकर आऊंगा वह खेत की फसल तुरंत ही काट देंगे।

चिड़िया के बच्चे फिर से डर जाते हैं और कहते हैं, ” इस बार तो वहां किसान पूरे फसल काट देगा।

हमें तुरंत ही यहां से चले जाना चाहिए।

चिड़िया ने कहा, ” हम सुरक्षित हैं।” कल फसल की कटाई नहीं होगी।

फिर अगले दिन किसान आ कर देखता है और कहता है कि आज तो कोई मजदूर नहीं आया है।

इसलिए आज तो फसल की कटाई नहीं होगी।

लेकिन अब मैं किसी पर निर्भर नहीं रहूंगा।

chidiya ki kahani sunaye

मैं दृढ़ निश्चय लेता हूं । मैं स्वयं आकर फसल की कटाई करुगा।

चिड़िया के बच्चों ने अपनी मां से कहा, ” मम्मी हम आज भी सुरक्षित है। यह किसान हमेशा की तरह कल भी नहीं आएगा।

( चिड़िया ) ने कहा, ” हम बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। “

इसी वक्त हमारे नए घर के लिए स्थान ढूंढना होगा।

यह सुनकर चिड़िया के बच्चे ने कहा कि इस बार आपने ऐसा क्यों कहा कहा कि, ” हम सुरक्षित नहीं है।”

इस प्रश्न का जवाब देते हुए चिड़िया ने कहा कि इस बार स्वयं किसान ने दृढ़ निश्चय लिया है कि वह फसल की कटाई करेगा।

अब इस कार्य के लिए वो किसी पर निर्भर नहीं है इसलिए यह कार्य वह आसानी से कर सकता है।

इसलिए कल फसल की कटाई निश्चित है।

chidiya ki kahani se siksha ( चिड़िया की कहानी से सिख) :

जो व्यक्ति आलसी है । उस व्यक्ति का भला तो भगवान चाह कर भी नही कर सकता।

इसलिए स्वयं अपना कार्य निर्धारित करो और कार्य को पूरा करने में लग जाओ ।

अगर आपको सफल होना है तो स्वयं पर निर्भर रहो।

हमे स्वयं का कार्य स्वयंम करना है ।

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