बच्चों की लघु कहानियां – उपकार का बदला( bacho ki laghu kahaniya )

1) बच्चों की लघु कहानि – उपकार का बदला

एक बार एक चिटी पानी पीते समय नदी में गिर गई !

वह चिल्लाने लगी, ” बचाओ, बचाओ !” 

नदी तट पर पेड़ पर बैठे कबुतर को उस पर दया आ गई और उसने एक पत्ता तोड़कर पानी में चिटी के पास फेक दिया !

चिटी झट से पत्ते पर बैठकर बाहर निकल गई ! 

बाहर आकर उसने कबुतर को धन्यवाद दिया और वादा किया की एक दिन वह इस भलाई का बदला जरूर चुकाएगी !

कुछ दिनों बाद चिटी ने देखा कि शिकारी द्वारा फैलाए गए जाल में कबूतर फस गया है ! 

उसने तुरंत शिकारी द्वारा फैलाए गए जाल में कबुतर फस गया है ! 

उसने तुरंत शिकारी के पैर में डंक मारा ! शिकारी दर्द से कराहने लगा !

शिकारी के हाथ से जाल छूट गया और मौका  पाकर कबुतर जाल से निकलकर फुर्र से उड़ गया !

निष्कर्ष : 

बच्चो की लघु कहानी( bacho ki laghu kahaniya in hindi ) से हमे सिख मिलती है की,
उपकार हमेशा इंसान के जीवन में काम आता है। इसलिए हमेशा उपकार करते रहिये।

2) बच्चों की लघु कहानि – कोयल और बाज 

बरगद के पेड़ की ऊंची शाखा पर बैठकर कोयल मस्ती में गए रही थी !

तभी ऊपर से निकलते बाज की नजर उस पर पड़ी ! बाज काफी देर से भूखा था और शिकारी की तलाश में घूम रहा था ! 

कोयल को देखकर वह बहुत खुश हुआ और नीचे आकर उसको अपने पंजों में दबाकर उड़ गया !

अचानक हुए इस हमले से कोयल को समझ नही आ रहा था की वह क्या करे ?

उसने बाज से कहा,” मैं इतनी छोटी हु की मुझे खाकर तुम्हारा पेट भी नही भरेगा !

इसलिए किसी बड़े पक्षी को पकड़ो जिसे खाकर तुम्हारी भूख मिट जाएंगी !

बाज बोला,” तुम इतनी छोटी होकर भी मुझे मुर्ख बनाने की कोशिश कर रही हो ! तुम चाहती हो की, मैं तुम्हे छोड़ दू!

पर मैं बेवकूफ नहीं हु की हाथ आया हुआ शिकार छोड़ दू !” 

निष्कर्ष :

बच्चो की लघु कहानी (bacho ki laghu kahaniya ) से हमे सिख मिलती है की,

हाथ आए अवसर को छोड़ देना मूर्खता है !

ऐसा कहा भी जाता है की अवसर के आगे बाल होते है,अगर एक बार हाथ ने जाने के बाद आप अवसर को पकड़ने में समस्या आती है।

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