ईश्वर पर विश्वास की कहानी
परिचय :
ईश्वर पर विश्वास की कहानी आपके जीवन में नए दृश्टिकोण का निर्माण करेगी।
जो होता है, वो अच्छे के लिए होता है, यह आपने सुना होगा।आपने सुना है, तो सही सुना है। आपको ईश्वर पर विश्वास की कहानी के माध्यम से यह जानने को मिलेगा कि जब कठिनाईयाँ आती हैं, तो भगवान पर भरोसा रखना चाहिए।
ईश्वर पर विश्वास की कहानी
एक व्यापारी आदमी ने अपनी अवकाश के दिनों का आनंद उठाने के लिए एक नाव बनवाई। नाव तैयार होते ही उसने उसे समुंदर में ले जाने का निश्चय किया।
समुंद्र में नाव धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई, लेकिन तभी अचानक एक तेज़ तूफान उठा। नाव को तूफान की तेज़ हलचल में तहस-नहस हो गई, लेकिन वह आदमी लाइफ जैकेट पहनकर समुंदर में कूद गया।
तूफान शांत होने पर, उस व्यक्ति ने तैरते-तैरते एक टापू पर पहुँचा। हालांकि, वहां किसी भी व्यक्ति की कोई स्पर्शशील चिह्न नहीं था। टापू के चारों ओर समुद्र के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
उस व्यक्ति ने सोचा कि जब मैंने अपने पूरे जीवन में किसी का बुरा नहीं किया है । इसलिए मेरे साथ भी बुरा नहीं हो सकता। उसने विश्वास किया कि ईश्वर ही बचाएगा।
उसने धीरे-धीरे टापू पर उगे हुए झाड़-फूलों को खाते हुए अपने दिन बिताने का आरंभ किया।
हालांकि, धीरे-धीरे उसको अनुभाग्यशाली होते हुए लगने लगा कि वह इस टापू पर फंस गया है। फिर भी, वह ईश्वर पर अपना पूरा विश्वास बनाए रखता था।
उसने विचार किया कि इतने दिनों से जब से उसने इस टापू पर बिताए, वह मानसिकता से बंधक बन गया है, तो क्यों न यहाँ एक छोटी सी झोपड़ी बना ली जाए।
कौन जाने कितने और दिन यहाँ बितने पड़े़ं। उसने पूरे दिन लकड़ियों और पत्तियों को इकट्ठा करते हुए अपनी झोपड़ी की नींव रखने का काम शुरू किया।
जब रात का समय आया, तो उसकी झोपड़ी तैयार थी, इसी समय उसने देखा कि उसका प्रतीक्षित घर तैयार हो गया था।
लेकिन अचानक मौसम में बदलाव हो गया, बिजली जोर-जोर से चमकने लगी और गरजने लगी। एक बिजली उसकी झोंपड़ी पर गिरी। उसके नजरों के सामने झोंपड़ी की आग में जलकर खाक हो गई।
यह दृश्य देखकर उस व्यक्ति का मन टूट गया।
वह आसमान की ओर देखकर बोला, “हे ईश्वर, ये तेरा कैसा इंसाफ है। तूने मुझ पर अपनी रहम की नजर क्यों नहीं की? मैंने हमेशा तुझ पर विश्वास बनाए रखा।” फिर उस व्यक्ति ने हताशी और निराश होकर सिर पर हाथ रखकर रोने लगा।
अचानक, एक नाव टापू के पास आई। नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आए और बोले कि “हम तुम्हें बचाने आए हैं।” दूर से उन्होंने वीरान टापू में जलती हुई झोंपड़ी देखी, जिससे उन्हें लगा कि टापू पर कोई मुसीबत में है।
उन्होंने कहा, “अगर तुम अपनी झोंपड़ी नहीं जलाते, तो हमें पता नहीं चलता कि कोई टापू पर है या नहीं।”
उस मनुष्य की आँखों से आंसू बहने लगे। उसने ईश्वर से क्षमा मांगी और बोला, “हे ईश्वर, मुझे क्या पता था कि तुमने मेरी झोंपड़ी को जलाकर मुझे बचाने की योजना बनाई थी।
अब मुझे यकीन हो गया है कि आप अपने भक्त का सदा ध्यान रखते हैं। आपने मेरे सहनशीलता का परीक्षण लिया, लेकिन मैं उसमें विफल रह गया। कृपया मुझे माफ कर दें।”
ईश्वर पर विश्वास की कहानी से हमें यह सिख मिलती है:
जीवन में जब भी कोई मुसीबत आए, तो हमें घबराने की बजाय उस मुश्किल से डटकर सामना करना चाहिए। भगवान पर अटूट विश्वास रखना चाहिए।
जिस व्यक्ति का ईश्वर पर विश्वास होता है, वह हर परेशानी का सामना दृढ़ता से करता है।
ईश्वर पर विश्वास की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है:
जीवन में कभी भी भगवान पर संदेह नहीं करना चाहिए, यदि आपकी इच्छा से कुछ नहीं हो रहा हो, तो यह उनकी इच्छा से हो रहा है। हो रहा है।
हमे ईश्वर पर विश्वास की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है
भगवान मनुष्य के अंदर वाश करके हमे मुशीबत से निकलने आएंगे इसलिए ईश्वर पर विश्वास कायम करे।
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