महापुरुषों की कहानियाँ – महात्मा गांधीजी : समय कि किमत

महापुरुषों की कहानियाँ – महात्मा गांधीजी : समय कि किमत

आज हम बात करेंगे महापुरुषों की कहानियाँ के बारे मैं |

दो सज्जन महात्मा गांधीजी से  कुछ महत्वपुर्ण  बाते करने उनके घर गए ।

गाँधी जी  के साथ जब चर्चा  शुरू हुई तो गाँधी जी ने प्रेम पूर्वक कहा की इस चर्चा में दो लोगो का आना उचित  नहीं है।

आप में से एक सज्जन ही रुक जाओ इस चर्चा में, दो व्यक्ति का  चर्चा में रहना समय का दुरूपयोग हैँ। दोनों सज्जन एक दूसरे की तरफ आश्चर्य भाव से देखने लगे।

गांधीजी ने प्यार से उन्हें समझाते हुए कहा- ‘समय का दुरूपयोग ना करें’ ।

जिस समय एक व्यक्ति यहाँ काम कर रहा होगा, दूसरा व्यक्ति उसी समय कोई और महत्पूर्ण काम कर सकता है।

जो व्यक्ति अपना समय का उपयोग उचित करेगा उसे दुनिया की कोई ताकत उसे हरा नहीं सकती और दुनिया की हर चीज़ आप प्राप्त कर सकते है।

इस बात से  दोनों सज्जन को समझ आया की महपुरष व्यक्ती अपना समय को अच्छे से  उपयोग करते है।

सारांश

समय को जो व्यक्ति अपने समय का सही उपयोग  करता है।वह महपुरषो के श्रेणी मैं आते है।

जो भी फेमस चरित्र है।  उन्होंनेअपना समय का  पालन किया तभी जाकर साधारण चरित्र से महान चरित्र बने।

हम भी प्रयत्न करेंगे की हम अपने कीमती समय को व्यर्थ न गवाए , क्योकि पुरे विश्व में हर व्यक्ति को २४ घंटे मिले है। जो इसका सही उपयोग करता है उसकी सफलता निश्चित है ।

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