प्रेरणादायक बोध कथा- दृष्टिकोण (prernadayak bodh katha)
प्रेरणादायक बोध कथा -दृष्टिकोण (prernadayak bodh katha )
यह (प्रेरणादायक बोध कथा ) प्रेरक बोध कथा को पढ़ने के बाद आपका जीवन जीने का दृष्टिकोण बदल जायेगा।
यह सोनपुर में स्थित छोटे से गाँव के गरीब परिवार के दो भाई की कहानी है।
एक का नाम सोहन था और दूसरे का नाम मोहन।
यह दोनो ही सगे भाई थे पर दोनो की जीवनशैली, जीवन जीने का तरीका बिलकुल ही अलग था।
चलो अब प्रकाश डालते है, मोहन के जीवनशैली पर नजर डालते है,
मोहन बहुत ही गुस्सा वाला था। काम धंधे से ज्यादा व्यसन करना उसके दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
गांव वालो को हानि पहुंचाना तथा घेरलू हिंसा का इस तरह करता था जैसे मानो उसका जन्म सिद्ध अधिकार हो
चलो अब प्रकाश डालते है, सोहन के जीवन शैली पर,
सोहन बहुत ही शांत स्वभाव वाला युवक था। व्यसन जैसे आदतों से दूर रहता था।
वह अपने परिवार को हर तरह की सुख सुविधा उपलब्ध हो इसलिए वह निरंतर संघर्ष करता था।
गांव के प्रसिद्ध व्यक्ति से दोनो भाईयो को कहा की आप दोनो एक ही पिता को संतान हो पर आपके विचार इतने अलग केसे है।
मोहन ने जवाब दिया, मैं जो भी व्यवहार करता हु इसमें मेरा कोई दोष नही है।
इसमें मेरे पिताजी का दोष है। हमारी आर्थिक परिस्थिति बिलकुल भी अच्छी नहीं थी जिसके चलते व्यसन करना, घेरलु हिंसा का बढ़ावा हुआ।पिताजी को देखते देखते मैं भी उनकी तरह बन गया।
सोहन जवाब देता है कि, मै भी अपने पिताजी से ही सीखा हु।
मेरे पिताजी की बुरे आदतें व जीवनशैली देखने के बाद बिल्कुल घबरा गया था। समय निश्चित क्या मैं सब कोई कार्य नहीं करूंगा जो मेरे पिताजी ने किया।
निष्कर्ष :
( प्रेरणादायक बोध कथा ) prernadayak bodh kathaसे सिख मिलती है की, हमारा जीवन हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।
अगर आपका दृष्टिकोण नकारात्मक है तो आपकी जीवन शैली पर भी नकरात्मकता की शिकार हो जायेगी ! लोगो आपसे दूर जाने का प्रयत्न करेगे।
अगर आपका दृष्टिकोण सकारात्मक है तो आपके जीवन जीने का तरीका भी प्रभावशाली होगा की लोग आपसे जुड़ने का प्रयत्न करेगे।
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