मजेदार लघु कथा – सेठ घंटी वाला
मजेदार लघु कथा – सेठ घंटी वाला
एक मंदिर की रोचक कहानी है।
उस मंदिर में बहुत सारे लोग काम पर रखे हुए थे।
जैसे पूजा करने वाला उसे पगार दिया जाता था।
आरती करने वाला पुजारी , मंदिर की घंटी बजाने वाला पुजारी , सभी को पगार पर रखा गया था।
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उन सभी में से घंटी बजाने वाला जो पुजारी था वह काफी प्रसिद्ध था।
उसका कारण यह था कि जब भी मंदिर में आरती होती थी वह पूरे भक्ति भाव में मग्न होकर घंटी बजाया करता था।
उसकी प्रेम भक्ति को देखकर जो भी मंदिर में दर्शन करने आते थे वे सभी बहुत आनंदित होते थे।
सब अच्छे से चल रहा था पर एक दिन अचानक मंदिर में नया ट्रस्टी आता है।
वह कहता है कि जो व्यक्ति पढ़ा लिखा हुआ नहीं है उसे मंदिर में नौकरी पर नहीं रखा जाएगा।
दुर्भाग्यवश, वह घंटी बजाने वाला पुजारी पढ़ा लिखा ना होने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है।
बहुत सारे लोग उस घंटी वाले पुजारी से मिलने गए और कहा, आप घंटी बजाने आया करो आपके बिना आरती अधूरी लगती है ।
वह पुजारी कहता है कि, अगर मैं मंदिर आऊंगा तो ट्रस्टी को ऐसा लगा कि मैं नौकरी पाने के लिए बार-बार आ रहा हूं इसलिए मैं नहीं आ सकता हूं।
सभी लोग उसे कहते हैं कि आप बहुत ही साधारण और अच्छे चरित्र के व्यक्ति है।
आप मंदिर के बाहर दुकान शुरू कीजिए हम सभी आपके यहां से सामान खरीद लिया करेंगे जिससे आपकी रोजी चलेगी।
और आप नियमित रूप से रोज मंदिर में घंटी बजाने के लिए भी आ सकते हो।
घंटी वाले को है तरकीब काफी अच्छी लगती है वह एक दुकान शुरू करता है और भगवान की दुआ से दुकान बहुत ही अच्छी चलती है।
वह कुछ सालों में मालामाल हो जाता है।
कई सालों बाद एक नया ट्रस्टी आता है वह सोचता है कि क्यों नहीं मंदिर को और भी बढ़ा बनाया जाए।
वह नया ट्रस्टी उस घंटी वाले की दुकान पर जाता है और उससे मंदिर बनवाने के लिए चंदा मांगता है।
घंटी वाला बिना सोचे समझे 10लाख रुपए का चेक बना कर दे देता है।
ट्रस्टी आश्चर्यचकित हो जाता है क्योंकि उस चेक पर वह व्यपारी अंगूठा लगाता है।
ट्रस्टी कहता है कि सेठ जी ” बिना पढ़े लिखे आप” इतने बड़े धनी व्यक्ति कैसे बने ?
वह व्यपारी हंसकर जवाब देता है और कहता है अगर पढ़ा लिखा हुआ होता तो, आज भी मंदिर में घंटी बजा रहा होता।
निष्कर्ष :
मजेदार लघु कथा से सिख मिलती है की, आज हर एक इंसान के जीवन में विपरीत परिस्थितियां आती है।
जब भी विपरीत परिस्थिति आती है तो वह पूरी तरह से टूट जाता है।
वह अपने जीवन में निराश हो जाता है।
जब भी आपके जीवन में भी निराशाजनक या विपरीत परिस्थिति आए तो यह कहानी को जरूर याद करना क्योंकि जब भी इंसान रास्ते पर ठोकर खाता है तो हमेशा आगे ही बढ़ता है ना की पीछे जाता है।
इसलिए जीवन के ठोकर से भी आगे ही बढोगे । इस बात का ख्याल रखना की जब भी जीवन में कुछ गलत होता है तो समझ लेना की वह किसी न किसी अच्छे कारण के लिए ही हो रहा है।
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