शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये

शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये

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शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये

एक व्यक्ति हमेशा २ हीरे अपनें हाथ में रखता था १ ) असली हीरा २) नकली हीरा।

वह दोनो हीरे एक दम समान दिखते थे। वह व्यक्ति सभी से शर्त लगता था की असली हीरा कोनसा है ? बड़े बड़े महान दिग्गज भी शर्त हार जाते थे।

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भिक्षुक को जब पता चला कि कोई भी हीरे की पहचान नहीं कर पा रहा है।

शिक्षाप्रद कहानी

वह निर्णय लेता है की मैं असली हीरे की पहचान करुगा ! यह सुनकर सभी आस पास के लोग हंसने लगे।

वह व्यक्ति भिक्षुक के सामने भी शर्त रखता है और वह भिक्षुक २ सेकंड में बता देता है को असली हीरा कोनसा है।

वह व्यक्ति आश्चर्य में पूछता है आपको केसे पता चला ? भिक्षुक कहता है की असली हीरा हमेशा ठंडा रहता है।

आप कितने भी धूप में रखो वह गर्म नही होगा। जब हीरो पर हाथ लगाया तो एक ठंडा था और गर्म ! इसलिए मैंने असली हीरा कोनसा है वह मैने आसानी से बता दिया।

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निष्कर्ष :

शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये से सिख मिलती है कीअगर हमें हीरे के समान रहना है तो हमे भी हीरे के जैसे हर परिस्थिति में दिमाग को ठंडा रखना पड़ेगा।

जिस दिन आपनें यह सीख लिया तो उसदीन आपका चरित्र निम्नकोटी से उच्चकोटि के स्तर पर पहुंच जाएगा।

उच्चकोटी वाला इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी दिमाग को ठंडा रखता है और बुद्धि से निर्णय लेता है।

निम्नकोटी वाला इंसान विपरीत परिस्थितियों में दिमाग को ठंडा नही रख पता जिससे वह बुद्धि से निर्णय लेने में असक्षम हो जाता है।

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