शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी
परिचय : जीवन में बहुत सारी चीज़े हमारे दिमाग में है लेकिन हमे फोकस कहा करना है वह हमे इस कहानी से पता चलेगा।
एक बार, एक फिलोसॉफी क्लास में एक प्रोफेसर प्रवेश करते हैं। उनके साथ में एक कांच का जार, कुछ पत्थर, कंकड़ और थोड़ा-सा बालू होता है। प्रोफेसर का प्रवेश होते ही सभी विद्यार्थी उनका स्वागत करते हैं।
प्रोफेसर बताते हैं कि आज क्लास में उन्हें कुछ खास सीखने को मिलेगा जो अन्य क्लास में नहीं मिलेगा। विद्यार्थी उत्साहित होते हैं, वे जानने के लिए उत्सुक होते हैं कि क्या वो सीखेंगे।
शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी
फिर प्रोफेसर खाली जार में पत्थर डालने लगते हैं, जब तक जार भर नहीं जाता। जब जार भर जाता है, तो प्रोफेसर विद्यार्थियों से पूछते हैं, “क्या जार भर गया है?” सभी विद्यार्थी हाँ के साथ उत्तर देते हैं।
तब प्रोफेसर कंकड़ों को जार में डालने लगते हैं और जार को हिलाने लगते हैं, ताकि पत्थरों के बीच में कंकड़ अपना स्थान ढूंढ़ सके। जब कंकड़ अपने स्थान ढूंढ़ लेते हैं, तो प्रोफेसर विद्यार्थियों से पूछते हैं, “क्या अब पूरा भर गया है?”
इसके बाद, प्रोफेसर थोड़े से बालू के कण लेते हैं और उन्हें जार में डालने लगते हैं। बालू के कण जार में प्रवेश करते समय, वे पत्थरों और कंकड़ों के बीच में वायुमंडल की तरह बदल जाते हैं। प्रोफेसर फिर से पूछते हैं, “क्या अब जार पूरा भर गया है?” इस पर विद्यार्थी उत्सुकता के साथ जवाब देते हैं, “हां, अब पूरा भर गया है।”
शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी
इसके बाद, प्रोफेसर पानी लेते हैं और उसे जार में डाल देते हैं। पानी जार में प्रवेश करते ही, वो सभी सामग्री में समाहित हो जाता है। प्रोफेसर विद्यार्थियों से पूछते हैं, “क्या अब जार पूरा भर गया है?” इस पर विद्यार्थियों का उत्तर होता है, “जी हां, अब जार पूर्णत: भर गया है।”
फिर प्रोफेसर ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि जार आपकी जिंदगी को दर्शाता है। बड़े-बड़े पत्थर आपकी जिंदगी की सबसे जरूरी चीजें हैं, जैसे आपका परिवार, आपका जीवनसाथी, आपका स्वास्थ्य, और आपके बच्चे। ये चीजें इतनी महत्वपूर्ण हैं कि अगर बाकी की कोई चीजें नहीं भी हों, तो भी आपका जीवन पूर्ण रहेगा।
कंकड़ और पथर कुछ अन्य चीजें हैं, जैसे आपकी नौकरी, आपका घर, और आपकी कार। ये चीजें भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे पत्थरों की तरह जरूरी नहीं हैं।
और बची हुई रेत आपकी बाकी की जरूरतों को दर्शाती है, जैसे कि आपके शौक, आपकी मनोरंजन की आदतें, और आपका सामाजिक जीवन।
अगर आप सबसे पहले रेत को जार में भर देंगे, तो बाकी के चीजों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। यही प्रक्रिया आपकी जिंदगी के साथ होती है। अगर आप अपना सारा समय और ऊर्जा छोटी-छोटी चीजों में व्यतीत कर देंगे, तो आपके पास उन चीजों के लिए समय नहीं बचेगा जो आपके लिए सबसे जरूरी हैं।
आपको उन चीजों पर ध्यान देना चाहिए जो आपके लिए सबसे जरूरी हैं, जैसे कि अपने परिवार के साथ समय बिताना, अपने जीवनसाथी के साथ क्वालिटी टाइम बिताना, और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना। इन चीजों के लिए आपके पास हमेशा समय होगा। लेकिन सबसे पहले आपको अपने पत्थरों पर ध्यान देना चाहिए। ये चीजें सच में जरूरी हैं, इसलिए अपनी प्राथमिकताएं बनाइए।”
शिक्षक और विद्यार्थी की कहानी से सिख :
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हमें अपनी प्राथमिकताओं को सही तरीके से सेट करने की कला को सीखनी चाहिए।
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