विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी – बाबूलाल का भोजनालय ( Inspirational story for student )
विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी
दोस्तों, मेरा एक स्कूल का एक छोटा सा प्रसंग ( वास्त्विक कहानी ) जो विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी है ( Inspirational story for student ) इसलिए आपके साथ शेयर करना चाहता हूं !
स्कूल में पढ़ने में कमजोर था ! अगर स्कूल के शब्दों में कहे तो एक दम डब्बू.अब आप समझ गए रहोगे के जो बच्चे कमजोर होते हैं, उनकी कुछ निशानियां होती है जैसे –
- वह क्लास के लास्ट बैंचर होते है !
- पढ़ाई में भले ही कमजोर हो पर मारपीट करने में बड़े मजबूत होते हैं !
- स्कूल मैं एक बार विद्यार्थीओ से कुटाई करते है और उसी चक्कर में मास्टरजी 10 बार पीटाई करते है |
विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी ( Inspirational story for student )
मैं भी स्कूल में आतंक मचाने वालों वालों में से एक था ! मेरे शिकायत बढ़ने के करण पिताजी ने गुस्से से बोलै – तुझे मार दिया जाए, या छोड़ दिया जाए, बोल तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए ?
मैंने गुस्से से कहा – स्कूल जाउगा तो मारापीटी तो होगी | इससे बढ़िया है की स्कूल ही नहीं जाना न रहेगी बॉस न बजेगी बासुरी |
मेरे पिताजी मेरे इस व्यवहार से परेशान होकर उन्होंने मुझे बाबूलाल के भोजनालय में काम पर रखवा दिया !
मुझे उनपर और भी ज्यादा गुस्सा आया की मुझे ऐसे रेस्टॉरन्ट में रखा | जिसकी साफ सफाई सालों से नही हुई थी !
चूहै ऐसे उछल कूद कर रहे थे, जैसे उसके ही के घर में गेरकानुनी से भोजनालय ( restaurant) खोल रखी हो !
वहा जुठे बर्तन धोना और पूरे भोजनालय (रेस्टॉरन्ट )में पोछा करने का काम था !
और मेरे पिताजी ने उन्हें उन्हे कहा था | इसे खा पीकर 30 दिन रखो यानी आप इसे किसी भी तरह का पगार मत देना आप दो वक्त की रोटी से खिला देना और आप ही के पास रख लेना !
यह सुनकर मेरे आंखों से आंसू टपकने लगे |मुझे इतना गुस्सा था कि मैं टस से मस नहीं हुआ मैं लगातार वहां जूठे बर्तन जोर जोर से बजाकर धोने लगा !
मैंने करीबन 50 मिनट में बर्तन धोए फिर बाहर आकर पिताजी को देखा तो पिताजी चले गए थे | मैं जो रोने लगा रो रो कर मेरा बुरा हाल हो गया और बाबूलाल को जोर से धक्का मारकर में रो-रो कर भाग कर घर पर पहुंचा !
घर पर पिताजी ने मुझे देखा और और हंस कर बोले – तुझे मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए बोल तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए ?
अपने पिताजी को कहा कि मुझे माफ कर दो, शिकायत का कभी मौका नहीं दूंगा ! पिताजी ने कहा की , बात अच्छे से पढ़ाई की बात नही है, बात है सही दिशा में चलने की !
तू गलत कर रहा था पर तू अपनी गलती को स्वीकार नही कर रहा था |तेरी अक्कल ठिकाने पर आए ,इसलिए मैंने ऐसा किया और हसी का ठाहक लगाते हुए कहा की, वो जो बाबूलाल है वो हमारे गांव का है |
अगर वापस ऐसा किया तो वो पकड़ कर लेकर जायेंगे !
मै आपको बताना चाहता हु की, नवी कक्षा तक 45 प्रतिशत से कभी ऊपर नहीं आया | यह घटना के बाद मैंने काफी लगन से पढ़ाई की और दसवीं कक्षा में मेरा प्रतिशत लगभग 80% के करीब था |
जो मेरे लिए एक सपने से कम नहीं था ! आगे चलते चलते मास मीडिया ( Mass Media ) के लास्ट ईयर में पूरे कॉलेज में टॉप 03 में शामिल था |
निष्कर्ष :
यह बात सिर्फ पढ़ाई की नहीं है, यह विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी का एकमात्र उदाहरण है!
महत्वपूर्ण बात यह है कि, अगर आपको जीवन में सफल होना है तो आपको इस दुनिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल की तलाश है !
वह आपके माता पिता है, उनकी बराबरी इस दुनिया में कोई भी नहीं कर सकता !
और भी Real Story पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर आपके क्लिक करे !
bhut achi story bna te he