छोटा सा प्रेणादायक प्रसंग – धैर्य
छोटा सा प्रेणादायक प्रसंग – धैर्य
आज हम बात करेंगे गौतम बुद्ध के जीवन का छोटा से प्रेणादायक प्रसंग के बारे मैं |
एक समय गौतम बुद्ध उनके अनुयायियों के साथ चल रहे थे ! गौतम बुद्ध को प्यास लगी तो ,उन्होंने अपने अनुयायियों को कहा कि, आप मेरे लिए जल लेकर आओ मुझे बहुत अधिक प्यास लग रही है !
पहला शिष्य तुरंत दौड़कर नदी किनारे पहुंचा और पानी भरने लगा उतने में ही उसने देखा कि वहां लोग कपड़े धो रहे हैं ! वहां लोग गायों को नहला रहे हैं !
यह नजारा देखकर उसने पानी नहीं भरा क्योंकि वह नदी का पानी अशुद्ध हो चुका था !
और वह निराश भरी अवस्था में गौतम बुद्धा के पास जा पहुंचा और कहा कि नदी तो हैं पर पानी अशुद्ध होने के कारण मैं आपके लिए पानी नहीं ला सका !
थोड़े समय बाद गौतम बुद्ध ने वापस कहा कि, मुझे बहुत अधिक प्यास लग रही है, यह सुनकर उनका दूसरा शिष्य नदी किनारे दौड़ पड़ा !
छोटा सा प्रेणादायक प्रसंग
कुछ समय बाद वह एकदम मीठा और शुद्ध जल लाकर गौतम बुद्ध को दिया !
गौतम बुद्धा ने कहा, वहां का पानी तो अशुद्ध था अपने यहां पानी कहां से लाया !
शिष्य ने जवाब दिया की, वहां तालाब अशुद्ध हो चुका था ! वहां पर सभी गायों को धो रहे थे ! विभिन्न विभिन्न प्रकार से जल का उपयोग कर रहे !
यह देखकर मैं वहां ठहर गया और इंतजार करने लगा जब सब चले गए तब अशुद्ध पानी भी बहाव से चला गया और वहां शुद्ध जल शेष बच गया !
निष्कर्ष :
आज के आधुनिक युग में सभी को शॉर्टकट सक्सेस चाहिए किसी को इंतजार नहीं करना !
हमें छोटा सा प्रेणादायक प्रसंग से सीख मिलती है, कि हमें हमारे जीवन में धैर्य होना जरूरी है ! इंसान जब कोई भी परिस्थिति में नहीं हो सकता कहने के बजाय वह सोचे कि कैसे हो सकता है तो जीवन में अवश्य आगे बढ़ेगा !