प्रेरक कहानी – आलसी स्वाभाव
आज हम बात करेंगे प्रेरक कहानी की जिससे आपको जरूर प्रेरणा मिलेगी |
एक गांव में मोहन नाम का किसान रहता था । उसे जानवर बहुत प्रिय थे । मोहन ने कुत्ते और खरगोश को भी पाल रखा था । वह दोनों को खेत में ले गया | वह मोहन के मन में आया की एक खेल खेला जाये ।
उसने कुत्ते और खरगोश को कहा कि, तुम में से जो भी पहले ‘हड्डी और गाजर’ ढूंढ कर लाएगा, उसे मैं इनाम दुंगा। खरगोश पूरी उम्मीद के साथ ‘हड्डी और गाजर’ को ढूंढने में लग गया ।
वहीं कुत्ता बहुत ही निराशावादी था, वह मन ही मन सोच रहा था कि यह इतने बड़े खेत में हड्डी और गाजर’ ढूंढ़ना मुमकिन नहीं है ।
यही सोचकर कुत्ता खेत में बने एक बड़े से गड्ढे के पास आराम से बैठ कर खरगोश को देखकर हसने लगा ।
वहीँ खरगोश पूरे उत्साह के साथ खेत में गाजर ढूंढने में लग गया। उसने सभी छेद देखे लिए लेकिन उसे ‘हड्डी और गाजर’ कही नहीं मिले। फिर उसने कुत्ते को इतमीनान से एक गड्ढे के पास बैठे देखा और सोचा कि बस यही एक ऐसा गड्डा है जो मुझसे छूट गया है।
अब वह उसी गड्ढे में ‘हड्डी और गाजर’ ढूंढूने लगा तो ये दोनों चीजें उसे मिल गई। खरगोश खुशी के मारे उछलने लगा । उसकी सफलता को देखकर मोहन ने उसे ईनाम दिया ।
निष्कर्ष :
आज के समय सभी को आगे बढ़ना है पर आगे बढ़ने की चुनोतिया है वह हम स्वीकार नहीं करते है । अधिकतर लोग इसलिए सफल नहीं होते क्योकि वह शुरुवात ही नहीं करते ।
जो व्यक्ति को स्वाभाव आलसी वृति से भरा हुआ है उस व्यक्ति को आसान कार्य भी मुश्किल लगता है ।
आज हम निर्णय लगे की हमारे अंदर की आलसी प्रवृति को जीवन से निकाल देंगे जिससे हमे जीवन में आगे बढ़ने में आसानी हो ।
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