छोटी कहानी इन हिंदी – विचारो का बोझ
परिचय:
हर इंसान खुश नसीब इंसान है. लेकिन इंसान इतने विचारों से ग्रस्त हो जाता है कि वह अपने जीवन में कई प्रकार की बीमारियां पैदा करता है और साथ ही साथ अपना जीवन एक दुख में व्यतीत करता है
चलो शुरू करते हैं,छोटी कहानी इन हिंदी
एक समय की बात है, एक चिड़िया थी, जो बहुत ऊँची उड़ती और यहाँ-वहाँ चहचहाती रहती थी। कभी इस पेड़ की डाल पर तो कभी उस पेड़ की डाल पर उड़ती रहती थी।
पर उस चिड़िया की एक खासियत थी, वह जो भी दिन में होता, चाहे अच्छा हो या बुरा, वह सभी पत्थरों को अपनी पोटली में संग्रहित कर लेती थी और अकसर उन पत्थरों को बाहर निकाल कर देखती रहती थी।
अच्छे पत्थरों को देखकर वह खुश होती थी और उन अच्छी बातों को याद करती थी जो पिछले दिनों में हुई थी। वहीं, खराब पत्थरों को देखकर उसका मन दुख जाता था।
ऐसा हर दिन होता था। इस क्रिया के परिणामस्वरूप, उसकी पोटली दिन-प्रतिदिन भारी होती जा रही थी।
कुछ दिनों बाद उसे अपनी पोटली के साथ उड़ने में मुश्किलें होने लगी। उसकी उड़ान भी दीर्घिकरण हो गई और एक दिन वह उड़ने में समस्या पर्याप्त हो गई। उसके पैर जमीन पर आने लगे थे।
वह चिड़िया हाथी की ओर देखती है, जिनके पैर बड़े और मजबूत थे, उन्होंने चिड़िया से कहा, “बेता, तुमने अपने अतीत का भार उठा कर अपने वर्तमान को अधिक उच्चायी और व्यापक बना दिया है। अब उस भार को छोड़कर आगे बढ़ो और उड़ने का आनंद लो।”
यह चिड़िया के लिए एक महत्वपूर्ण सिख है कि हमें अपने भूतकाल के बोझ को पिछले में ही छोडकर आगे बढ़ना चाहिए। हमें अपने वर्तमान को सही से नियंत्रित करके उसे उच्च स्तर तक पहुँचाना चाहिए। इसी तरह से, हमें अपने भूतकाल की सीखों को सही से इस्तेमाल कर
ने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को सफलता की दिशा में अग्रसर कर सकें।
छोटी कहानी इन हिंदी से सिख :
इंसान के जीवन में सबसे बड़ा बोझ है उसका अहंकार उसकी भूतकाल के नकारात्मक विचार अगर सबको त्याग देगा तो वह हल्का-फुल्का और बहुत ही आनंदी और खुशनसीब व्यक्ति बन सकता है।
छोटी कहानी इन हिंदी – क्रोधित शब्द
परिचय:
बंदूक की गोली और मुंह से निकली हुई बातें यह दोनों वापस नहीं आती. इसलिए हमें बोलते समय बहुत ही ध्यान देना चाहिए.
चलो शुरू करते हैं, जोरदार छोटी कहानी इन हिंदी
एक बार की बात है, एक किसान ने अपने पड़ोसी को बेहद गुस्से से भला-बुरा कह दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद उसने अपनी गलती का अनुभव किया और उसे खुद पर शरम आई। वह विचार करने लगा कि कैसे उसे अपनी गलती सुधारनी चाहिए। उसने एक संत के पास जाकर सलाह मांगने का निर्णय लिया।
संत ने किसान से कहा, “तुम अपने दोस्त से माफी मांगो, लेकिन माफी के बाद वह बोले हुए शब्द वापस नहीं आ सकते।”
किसान ने संत के सुझाव का पालन करते हुए पंख बचाकर चौराहे पर रख दिए और वापस आकर संत के पास गया।
संत ने देखते ही कहा, “अब उन पंखों को फैला दो, फिर वापस आकर मुझे दिखाओ।”
किसान ने फिर से चौराहे पर जाकर देखा, लेकिन उसके रखे हुए पंख गायब हो गए थे। उसने पंखों की ओर देखते ही देखा कि वे हवा में उड़ रहे थे।
बिना पंखों के किसान ने संत के पास वापस आकर बताया कि सभी पंख गायब हो गए हैं।
संत ने मुस्कराते हुए कहा, “इसी तरह तुम्हारे बोले हुए शब्द भी वापस नहीं आ सकते। तुम माफी तो मांग सकते हो, लेकिन वो दिलों में छिपी छोटी-छोटी चोटें कभी नहीं मिट सकतीं। इसलिए बचपन से सीखा गया उक्ति याद रखो – ‘बोली से कुचली हुई चिड़िया के पंख की तरह, बोले हुए शब्द वापस नहीं आते।'”
छोटी कहानी इन हिंदी से सिख :
हम किसी को दुखी न करें और सबके साथ विनम्रता और समझदारी से पेश आ सकें।
छोटी कहानी इन हिंदी – शराबी भाई
परिचय :
यह बात सच है की आपके साथ अगर बुरा हुआ तो वो अच्छे के लिए हुआ है वो आपको आज नहीं और कल नहीं बल्कि एक न एक दिन जरुरु पता चलेगा,
एक बाप के दो जुड़वाँ बेटे थे।
पहले बेटे ने अपने पिता की शराबी आदत देखी और उसका अनुसरण किया। वह भी शराबी बन गया। जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने यह जवाब दिया, “मैंने अपने पिता को देखा है।”
दूसरे बेटे ने कभी शराब को छूने का सोच तक नहीं किया। उसने अपने पिता के बुरे प्रवृत्तियों की आदतों को देखा और उनसे बचने का निर्णय लिया। जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने यह जवाब दिया, “मैंने अपने पिता को देखा है।”
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमारे दृष्टिकोण हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। एक ही परिस्थिति को दो भाइयों ने अलग तरीके से देखा और उनके परिणाम भी अलग हुए। हमें हमारे दृष्टिकोण का सजग चयन करने की महत्वपूर्णता समझनी चाहिए ताकि हम सही दिशा में आगे बढ़ सकें।
छोटी कहानी इन हिंदी से सिख :
हमारे आस पास जो भी है उनसे हमे अछि आदत सीखनी है. जब हम अच्छी आदतें सीखेंगे वह हमारे जीवन के लिए उपयोगी है
छोटी कहानी इन हिंदी — बड़ा पत्थर
परिचय :
जीवन में आपको अलग बनना है तो आपको थोड़ा ज्यादा काम करना होगा. इस कहानी से पता चलेगा की थोड़ा अलग और ज्यादा करने में बहुत फायदा है,
बहुत समय पहले की बात है, एक राजा ने अपने राज्यवासियों की सोचने की क्षमता का परीक्षण करने का निश्चय किया। इसके लिए उसने एक बड़े से पत्थर को रास्ते में रख दिया और खुद दूसरी ओर चुपचाप छिप गए, देखने के लिए कि कोई व्यक्ति उस पत्थर को हटाता है या नहीं।
कई लोग रास्ते से गुजरते रहे, परन्तु किसी ने उस पत्थर को हटाने का प्रयास नहीं किया। कुछ ने तो राजा को अपत्यक्ष रूप से टिकाऊ दुखद परिस्थितियों की दोषी ठहराया और कहा कि राजा राज्य के साफ-सफाई में भी ध्यान नहीं देता।
इस दौरान, राजा के करीबी एक व्यक्ति भी रास्ते से गुजरा, परन्तु उसने भी पत्थर को हटाने का प्रयास नहीं किया।
तब एक किसान उस दिशा से आता हुआ दिखा। उसके पास भारी सामान भी था, लेकिन वह बिना रुके उस बड़े पत्थर को हटाने के लिए प्रयत्नशील हो गया। उसने थोड़ी देर मेहनत करने के बाद आखिरकार पत्थर को सरसरी बाजु में कर दिया।
पत्थर को हटाने के बाद, जब किसान अपने सामान को उठाने गया, तो वह देखा कि जहां पत्थर पहले था, वहाँ एक बंद बोरी रखी थी। उसने बोरी को खोला और देखा कि उसमें सोने के सिक्के और एक पत्र रखे हुए थे।
पत्र में लिखा था, “यह सोने के सिक्के उस व्यक्ति के लिए हैं जिन्होंने इस पत्थर को हटाया हैं।”
छोटी कहानी इन हिंदी से सिख :
परिचय :
यह छोटी कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में कठिनाईयाँ और बाधाएं हमें अवसर बन सकती हैं। हमें आवश्यकताओं को पार करने के लिए संघर्ष करना चाहिए और संघर्ष करने से हम नई संभावनाओं को पहचान सकते हैं जो हमारे लिए बड़े अवसर बन सकते हैं।
छोटी कहानी इन हिंदी – क्रोधित मनुष्य
परिचय :
क्रोध इंसान का पतन करता है. क्रोध इंसान का सर्वनाश करता है. इस कहानी से पता चलेगा की क्रोध का परिणाम क्या होता है
बहुत समय पहले की बात है, एक नगर में ब्राह्मण और ब्राह्मणी रहते थे। उनके घर में एक प्यारा नेवला रहता था। ब्राह्मणी ने उसे बहुत प्यार किया और उसकी देखभाल की। नेवला घर में आजादी से घूमता था और सभी के दिलों में बस गया था।
कुछ समय बाद, ब्राह्मणी के घर में एक बेटा पैदा हुआ। तब ब्राह्मण ने ब्राह्मणी से कहा, “हमारे पास अब एक बच्चा है, और तुम्हारे नेवले के साथ उसका खतरा हो सकता है। हमें नेवले को घर से निकाल देना चाहिए, ताकि उसका कोई नुकसान ना हो।”
ब्राह्मणी ने ब्राह्मण की सलाह नहीं मानी, क्योंकि उसका नेवला से गहरा संबंध था।
नेवला अपने रहने की जगह पर ही रहने लगा, और ब्राह्मणी ने उसकी देखभाल करनी जारी रखी। समय बीतते गए और बच्चे बड़ने लगे।
एक दिन, ब्राह्मणी पानी लेने के लिए बाहर गई। इसी दौरान, एक सांप घर में घुस आया और बच्चे के पास जा पहुंचा। नेवला ने सांप को देखकर तुरंत क्रियाशील होकर उससे लड़ने का निर्णय लिया। सांप के साथ लड़ाई के बाद नेवला ने उसे मार डाला, लेकिन उसके द्वारा की गई लड़ाई में उसका भी मुँह खून से रंग गया।
नेवला बहुत खुश था कि उसने बच्चे की जान बचा ली। वह अपनी बहादुरी का परिचय देने के लिए घर के दरवाजे पर चिपक गया, ताकि ब्राह्मणी वापस आकर उसे सराहने।
जब ब्राह्मणी पानी लेकर लौटी, तो उसने देखा कि नेवला के मुख पर खून लगा हुआ है।
देखकर उसे डर और गुस्सा दोनों आ गए। वह सोचने लगी कि नेवला ने उसके बच्चे को मार दिया होगा। उसका गुस्सा बढ़ गया और उसने ब्राह्मणी द्वारा गवाया गया नेवला को मार डाला।
ब्राह्मणी घर में वापस आकर देखी, वहां बच्चा आराम से सो रहा था, और मरे हुए सांप के टुकड़े बिखरे हुए थे। उसे अपनी भूल का आभास हुआ।
ब्राह्मणी ने अपने पति से कहा, “बिना सोचे-समझे किए गए कामों का अच्छा नतीजा नहीं मिलता।”
छोटी कहानी इन हिंदी से शिक्षा –
छोटी कहानी इन हिंदी –– शेर और खरगोश की कहानी”
जीवन में बड़ा काम करना है तो योद्धा की नहीं बल्कि योजना की आवश्य्कता है.
जंगल के एक दिन में, शेर और खरगोश के बीच एक महत्वपूर्ण घटना घटी। शेर, जो ताकतवर और डरावना था, जंगल में आज भी अपनी प्रबलता का प्रदर्शन करता था। उसकी खौफनाकी आवाज और शक्ति ने सभी जानवरों को डर से कांपते देखा था। एक दिन, सभी जानवर मिलकर मीटिंग आयोजित करने लगे ताकि वे समस्याओं का समाधान ढूंढ सकें।
इस मीटिंग में, एक लोमड़ी (खरगोश) ने एक प्रस्ताव रखा, “महाराज, आप जंगल के राजा हैं और हम सभी आपकी सेवा करना चाहते हैं। हम रोज़ आपके लिए एक जानवर भेजेंगे ताकि आपके शिकार में कोई दिक्कत न हो।”
शेर ने उसके प्रस्ताव को स्वीकार किया, लेकिन उसने एक शर्त रखी, “मुझे तुम्हारी यह सेवा पसंद आई, लेकिन ध्यान रखो कि अगर मेरा भोजन देरी से हुआ, तो मैं अन्य सभी जानवरों को मार सकता हूँ।”
सभी जानवर ने इस शर्त को स्वीकार किया और हर रोज़ एक जानवर शेर के पास जाकर सेवा करने लगा।
एक दिन, खरगोश की बारी आई। जब खरगोश शेर की गुफा के पास पहुंचा, उसने एक कुआँ देखा और उसके मन में एक आविष्कार हुआ।
खरगोश धीरे से शेर के पास गया और बोला, “महाराज, क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूँ?”
शेर गुस्से से लाल होकर उसे देखता है और बोलता है, “हाँ, क्या है?”
खरगोश कहता है, “महाराज, मैं जानना चाहता हूँ कि क्या आप मुझसे डरते हैं?”
शेर का गुस्सा और बढ़ता है, “क्या बकवास है ये? मैं तो जंगल का राजा हूँ, मुझे किसी से डर कैसे सकता है?”
खरगोश मुस्कुराते हुए बोलता है, “महाराज, मुझे रास्ते में आपके एक दुसरे शेर मिल गया, और वह मुझे बताया कि वह आज से ही जंगल का नया राजा बन गया है और सभी जानवर उसके अधीन हो गए हैं।”
खरगोश जो मजाक कर रहा था, अचानक धीरे से दौड़कर कुआँ की ओर जा रहा है।
शेर गुस्से से उसकी तरफ देखता है और क्रोध से भरकर बोलता है, “तू कह रहा है कि जंगल में मेरे बराबर कोई है? मैं तुझे दिखाता हूँ कि मैं कौन हूँ!”
शेर खरगोश के पीछे कूदता है, और उसका पानी में दूबने का नक्शा बनता है। खरगोश शेर को कुआँ में लेकर जाता है और बोलता है, “महाराज, यह देखो, यही तो वो शेर है जिसने मुझसे मिलकर कहा था कि वह आज से जंगल का नया राजा है।”
शेर कुआँ में देखता है और अपनी परछाईं को देखकर वो दंग रह जाता है। वह सोचता है कि यह दूसरा शेर है और गुस्से से खरगोश की ओर दौड़ता है। शेर कुआँ में डूबकर मर जाता है।
खरगोश जंगल में लौटता है और सभी जानवर उसे देखकर खुश होते हैं। वे जानते हैं कि उनकी बुद्धिमानी और साहस ने उन्हें जीत दिलाई है।
छोटी कहानी इन हिंदी से सिख :
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि चुनौतियों का सामना करते समय हमें बुद्धिमानी, समझदारी और हिम्मत से काम लेना चाहिए। भले ही परिस्थितियाँ विपरीत हों, लेकिन अगर हम बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं, तो हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य छोटी कहानी इन हिंदी में पढ़िए –