एक परिवार की कहानी – सच्चा सन्याशी कोन
परिचय :
जीवन में कुछ त्यागना है तो अवगुणो का त्याग करो। इस कहानी से पता चला की सच्चा सन्याशी कोन है ?
परिवार की कहानी
एक व्यक्ति के मन मैं विचार आया की यह जीवन नश्वर है. इस संसार में कुछ नहीं रखा इसलिए सन्याश ले लेता हु। वह अपने परिवार को छोड़कर कही दूर चला गया और एक गुरु के पास रहने लगा।
एक दिन उस व्यक्ति का अचानक सड़क हादसे में घायल हो गया और उसकी अधमरा स्थति में गुरु ने परिवार को बुलाया. उसके परिवार बिलख बिलख कर रोने लगे. उसने जब अपने परिवार को अत्यंत दुखी व् पीड़ा में देखा।
उसके पैरो से जमींन खिसक गयी और उसे स्वयं का महत्व समझ आया की हमारे जीवन में सिर्फ हमारा नहीं बल्कि परिवार का भी है।
उस व्यक्ति को पता चला की असली जीवन परिवार के साथ है। परिवार से दूर रहना सही बात नहीं है लेकिन परिवार को प्यार देने में ही असली सुख है और उसने सन्यासी बनने के बजाय अपने परिवार के साथ रहने का निर्णय लिया।
परिवार की कहानी से सिख :
परिवार की कहानी से सिखने मिलता की इस विश्व का व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार को खुश रखेगा तो यह पूरा विश्व आनंदमय जीवन जियेगा. जो व्यक्ति अपनी आत्मा में आंनद है वह ही परमानन्द है और वही आंनादस्वरूप आत्मा ही परमात्मा है।
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